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महाराष्ट्र: विधायक के इशारे पर कीचड़ डाले जाने से ठेका कर्मचारी हुआ बीमार - कीचड़ डाले जाने

नाली की सफाई सही तरीके से नहीं करने पर एक कर्मचारी पर कूड़ा डलवाने के मामले में कर्मचारी का कहना कि इस घटना के बाद से वह बीमार महसूस कर रहा है और उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही है.

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Published : Jun 15, 2021, 5:58 PM IST

मुंबई : कथित तौर पर नालियों की समुचित सफाई नहीं करने के लिए मुंबई में एक विधायक द्वारा जलमग्न सड़क पर एक कर्मचारी को जबरन बैठाकर उसपर कूड़ा डलवाने के मामले में पीड़ित ने मंगलवार को दावा किया कि इससे वह संक्रमित हो गया और घटना के बाद से उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. यह कर्मचारी निकाय के एक ठेकेदार के लिए सुपरवाइजर के तौर पर काम करता है.

अपने कृत्य को न्यायोचित ठहराते हुए चांदिवली के विधायक दिलीप लांडे ने कहा था कि कुर्ला के संजय नगर इलाके के नाले को ठेकेदार द्वारा समुचित रूप से साफ किया जाना था, जो उसने नहीं किया जिसकी वजह से बरसात के दौरा जलभराव हुआ. शनिवार को हुई घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होने पर लांडे ने कहा कि वह 'ठेकेदार' को उसकी जिम्मेदारी का अहसास कराना चाहते थे.

हालांकि यह सामने आया कि जिस व्यक्ति को जलमग्न सड़क पर जबरन बैठाया गया वह निगम ठेकेदार के लिए काम करने वाला अस्थायी सुपरवाइजर नरपत कुमार (26) था.

कुमार ने बताया कि उसने इस संबंध में घाटकोपर पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दी है. कुमार ने दावा किया, मुझे किसी तरह का संक्रमण हो गया है. घटना के बाद से मुझे सांस लेने में भी तकलीफ महसूस हो रही है.

कुमार के मुताबिक उसे शनिवार रात को उपनगर बोरीवली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और सोमवार रात को उसे अस्पताल से छुट्टी मिली.

उन्होंने कहा, मैं आज उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक स्थान जा रहा हूं. वीडियो देखने के बाद इस घटना के बारे में जानकर मेरे परिवार के लोग स्तब्ध हैं और वे बीते दो दिनों से सोए नहीं हैं. इसलिए, मैं उनसे मिलने जा रहा हूं.

कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव से लौटने के बाद एक महीने पहले ही उसने ठेकेदार के साथ काम करना शुरू किया था, लेकिन पिछले हफ्ते हुई घटना से वह स्तब्ध है. उसने दावा किया कि लांडे और उनके समर्थकों ने उसे धमकी भी दी है.

पढ़ें :- शिवसेना विधायक की बीच सड़क दबंगई, ठेकेदार को कूड़े से नहलाया

पुलिस को दी अपनी शिकायत में कुमार ने कहा कि संबंधित नाले को घटना से महज आठ दिन पहले ही साफ किया गया था लेकिन किसी ने फिर से उसमें कचरा डाल दिया था.

घटना के वीडियो में लांडे को कुमार को पानी में बैठने के लिए कहा जा रहा है और फिर वह कुछ निगम कर्मियों से उस पर कचरा फेंकने को कहते हैं.

लांडे ने कहा था, तुम्हारा बॉस क्यों नहीं आया? वहां बैठो और अपने बॉस को फोन लगाओ. मैं बीते एक घंटे से तुम्हारे बॉस को फोन लगा रहा हूं और वह नहीं आया. यहां बीते आठ दिनों से पानी भर रहा है. अब सफाई करो. तब तक बैठे रहो जब तक तुम्हारा बॉस नहीं आता.

संवाददाताओं से बाद में बात करते हुए लांडे ने कहा, ठेकेदार को संजय नगर नाले को साफ करना था, जो उसने समुचित तरीके से नहीं किया. जब बारिश के दौरान इलाके में पानी भरना शुरू हुआ तो मैंने उसे बुलाया, लेकिन वह नहीं आया. जब कुछ शिवसैनिकों और मैंने नाले और सड़क को खोलने के लिए काम शुरू किया तो ठेकेदार आया.

विधायक के कृत्य को लेकर विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या यह कृत्य न्यायोचित है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : कथित तौर पर नालियों की समुचित सफाई नहीं करने के लिए मुंबई में एक विधायक द्वारा जलमग्न सड़क पर एक कर्मचारी को जबरन बैठाकर उसपर कूड़ा डलवाने के मामले में पीड़ित ने मंगलवार को दावा किया कि इससे वह संक्रमित हो गया और घटना के बाद से उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. यह कर्मचारी निकाय के एक ठेकेदार के लिए सुपरवाइजर के तौर पर काम करता है.

अपने कृत्य को न्यायोचित ठहराते हुए चांदिवली के विधायक दिलीप लांडे ने कहा था कि कुर्ला के संजय नगर इलाके के नाले को ठेकेदार द्वारा समुचित रूप से साफ किया जाना था, जो उसने नहीं किया जिसकी वजह से बरसात के दौरा जलभराव हुआ. शनिवार को हुई घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होने पर लांडे ने कहा कि वह 'ठेकेदार' को उसकी जिम्मेदारी का अहसास कराना चाहते थे.

हालांकि यह सामने आया कि जिस व्यक्ति को जलमग्न सड़क पर जबरन बैठाया गया वह निगम ठेकेदार के लिए काम करने वाला अस्थायी सुपरवाइजर नरपत कुमार (26) था.

कुमार ने बताया कि उसने इस संबंध में घाटकोपर पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दी है. कुमार ने दावा किया, मुझे किसी तरह का संक्रमण हो गया है. घटना के बाद से मुझे सांस लेने में भी तकलीफ महसूस हो रही है.

कुमार के मुताबिक उसे शनिवार रात को उपनगर बोरीवली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और सोमवार रात को उसे अस्पताल से छुट्टी मिली.

उन्होंने कहा, मैं आज उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक स्थान जा रहा हूं. वीडियो देखने के बाद इस घटना के बारे में जानकर मेरे परिवार के लोग स्तब्ध हैं और वे बीते दो दिनों से सोए नहीं हैं. इसलिए, मैं उनसे मिलने जा रहा हूं.

कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव से लौटने के बाद एक महीने पहले ही उसने ठेकेदार के साथ काम करना शुरू किया था, लेकिन पिछले हफ्ते हुई घटना से वह स्तब्ध है. उसने दावा किया कि लांडे और उनके समर्थकों ने उसे धमकी भी दी है.

पढ़ें :- शिवसेना विधायक की बीच सड़क दबंगई, ठेकेदार को कूड़े से नहलाया

पुलिस को दी अपनी शिकायत में कुमार ने कहा कि संबंधित नाले को घटना से महज आठ दिन पहले ही साफ किया गया था लेकिन किसी ने फिर से उसमें कचरा डाल दिया था.

घटना के वीडियो में लांडे को कुमार को पानी में बैठने के लिए कहा जा रहा है और फिर वह कुछ निगम कर्मियों से उस पर कचरा फेंकने को कहते हैं.

लांडे ने कहा था, तुम्हारा बॉस क्यों नहीं आया? वहां बैठो और अपने बॉस को फोन लगाओ. मैं बीते एक घंटे से तुम्हारे बॉस को फोन लगा रहा हूं और वह नहीं आया. यहां बीते आठ दिनों से पानी भर रहा है. अब सफाई करो. तब तक बैठे रहो जब तक तुम्हारा बॉस नहीं आता.

संवाददाताओं से बाद में बात करते हुए लांडे ने कहा, ठेकेदार को संजय नगर नाले को साफ करना था, जो उसने समुचित तरीके से नहीं किया. जब बारिश के दौरान इलाके में पानी भरना शुरू हुआ तो मैंने उसे बुलाया, लेकिन वह नहीं आया. जब कुछ शिवसैनिकों और मैंने नाले और सड़क को खोलने के लिए काम शुरू किया तो ठेकेदार आया.

विधायक के कृत्य को लेकर विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या यह कृत्य न्यायोचित है.

(पीटीआई-भाषा)

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