नई दिल्ली : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वेक्षण काम सोमवार को पूरा हो गया. हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं का दावा है कि परिसर में बाबा (शिवलिंग) मिल गए हैं. ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के बाद भोले की नगरी काशी में जैसे ही बम बम भोले के नारे लगने शुरू हुए वैसे ही मानो बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जोश और उल्लास का उमंग भी भर गया. हालांकि यह कार्रवाई वादी की अपील पर अदालत के निर्देश पर की जा रही थी मगर सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद अदालत ने वजू खाने के उस हिस्से को सील करने के स्थानीय प्रशासन को आदेश दे दिए हैं.
इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला (BJP National Spokesperson Prem Shukla) ने ईटीवी भारत से कहा कि ज्ञानवापी परिसर से जिस तरह से शिव के तत्व मिल रहे हैं और शिवलिंग प्राप्त हुए हैं उससे इन धरोहरों को देखकर ऐसा लगता है कि शिव ही सत्य है और सत्य ही सुंदर है, और अंततः सत्य की ही जीत होगी. क्योंकि हर कोई यह जानता है कि मंदिर का विध्वंस करके ही उस पर मस्जिद का निर्माण किया गया है मगर न्यायपालिका के निर्देश के अनुकूल ही उचित कारवाई होगी.
ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट आते ही जहां हिंदू पक्ष पर खुशी की लहर दौड़ गई वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे को ही नकार दिया है. इस मामले पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (asaduddin owaisi) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने यहां तक कह दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद हमेशा से मस्जिद थी और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी. वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने दावा किया कि नंदी की मूर्ति के ठीक सामने कुएं मे शिवलिंग मिला है और वह उसे कब्जे में लेने के लिए कोर्ट जा रहे हैं.
यदि देखा जाए तो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के बाद से ही मथुरा, काशी और ज्ञानवापी को लेकर भाजपा के नेताओं और समर्थकों की मांग उठने लगी थी. वहीं उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी ने या यूं कहें कि भाजपा के नेताओं ने इसे एजेंडे के तौर पर ले लिया था और ज्ञानवापी के सर्वे के बाद आए फाइंडिंग ने कहीं ना कहीं हिंदू पक्ष को एक बड़ी सफलता जरूर दे दी है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी तूल पकड़ता नजर आ रहा है. वहीं कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए भी एक बड़ी सफलता के तौर पर ही देखा जा रहा है.विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने कोर्ट के आदेश का जोर शोर से तो स्वागत किया मगर भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे अदालत की कार्रवाई बताते हुए सच्चाई के सामने आने की बात कर रहे हैं.
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