रायपुर : राजिम में आज किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है. इसमें प्रदेशभर के किसान और किसान नेता शामिल हो रहे हैं. केंद्र के तीन कृषि कानून के विरोध में और MSP मूल्य पर धान खरीदने को लेकर महापंचायत (kisan mahapanchayat ) बुलाई गई है. महापंचायत में शामिल होने किसान नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait ) रायपुर पहुंचे हैं. मेघा पाटकर और बलदेव सिंह पहले से ही रायपुर में मौजूद हैं. एक बार फिर टिकैट ने बीजेपी पर मंडियां बेचने का आरोप लगाया.
रायपुर पहुंचने के बाद एयरपोर्ट (raipur airport) पर मीडिया से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान की जो समस्या है उस पर चर्चा की जाएगी और किसानों की मांगों को उठाया जाएगा. छत्तीसगढ़ में MSP पर धान की खरीदी हो रही है. अगर ऐसी यहां पर नीति है तो यह दूसरी जगह भी होनी चाहिए. यहां वेजिटेबल्स के किसान हैं, उसको कैसे और लाभ मिले यहां पर और किस तरह पॉलिसी का क्रियान्वयन हो उस पर बातचीत की जाएगी. टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानून का इफेक्ट पूरे देश में होगा जब मध्य प्रदेश में मंडियां बिकने लग रही है तो यहां पर भी इफेक्ट होगा. लड़ाई दिल्ली से है यहां पर भी कुछ होगा तो उस पर भी बात की जाएगी.
टिकैत ने आगे कहा कि बीजेपी बीमारी है. वह तो कुछ ना कुछ हमारे खिलाफ कहेगी. सोमवार को पुलिस ने बैरिकेडिंग की और उस वजह से जाम लगा, लेकिन दिखाया ऐसा गया कि किसानों की वजह से जाम लगा है. वे सारे जालसाज लोग हैं जो सरकार में बैठे हैं इनको जाना होगा.
टिकैत ने दोहराया कि किसान महापंचायत में किसानों से बातचीत होगी. छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh government) की भी खामियां होंगी तो उस पर भी चर्चा होगी और किसानों को फायदा पहुंचाने की नीतियां बनाई जाएगी. मुख्य तो केंद्र की सरकार है, जिन्होंने तीन कृषि कानून बनाया है. उन्होंने आधा देश बेच दिया है. इस पर ध्यान देंगे. मध्य प्रदेश की 182 मंडियां (Mandi of Madhya Pradesh) बेच दी गई हैं. अगला टारगेट मीडिया हाउस है. आपको बचना है तो साथ दे दो वरना आप भी.
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान महापंचायत के जरिए देशभर के किसानों की समस्याओं को सुना जा रहा है और उनकी समस्या को निपटाने की कोशिश की जा रही है. यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में MSP पर सिर्फ धान की फसल की खरीदी की जा रही है. बाकी फसलों में MSP लागू नहीं है.
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किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने युवाओं से सोशल मीडिया पर किसानों का साथ देने की अपील की. किसान नेता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait) ने साफ कहा कि आमने सामने की लड़ाई में हम सरकार से आगे हैं. लेकिन सोशल मीडिया (Social Media) के मामले में हम पीछे हैं. अगर देश का युवा अन्नदाता का साथ दे तो हम सरकार से आगे हो सकते हैं.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि 33 महीने भी आगे आंदोलन चले तो भी कोई दिक्कत नहीं है. 33 महीने का दूसरा अर्थ यह निकाला जा रहा है कि अगले चुनाव तक भी किसान नेता (Farmer leader) आंदोलन को जारी रखने से पीछे हटने नहीं हटेंगे. जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मान लेती है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति पर पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा सब्जी और दूध वाला किसान छत्तीसगढ़ में खुश नहीं है उनके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है. इसके लिए सरकार से बातचीत करनी होगी. साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार लगातार केंद्र को लेटर भी लिखकर किसान बिल वापस लेने की मांग कर रही है. टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन चार साल तक चलेगा.