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झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए : निशिकांत दुबे - संसद समाचार

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही. पढ़ें पूरी खबर...

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निशिकांत दुबे
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Published : Dec 10, 2021, 3:32 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने और राज्य के एक जिलाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की.

दुबे ने कहा कि सभी सदस्य दिशा समिति के अध्यक्ष होते हैं और उसमें लिए गए निर्णय पर कार्रवाई नहीं होने पर जिलाधिकारी पर सदस्यों के अधिकारों के हनन का मामला बनता है.

निशिकांत दुबे का बयान

उन्होंने दावा किया कि इसी के मद्देनजर उनके क्षेत्र के जिलाधिकारी ने राज्य में चुनाव होने के छह महीने बाद उन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है.

उन्होंने दावा किया कि अप्रैल में चुनाव होने और आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी अक्टूबर-नवंबर में इस सिलसिले में मामला दर्ज कराया गया.

पढ़ें :- राज्यसभा में उठी विदेशों में मौजूद पाण्डुलिपियों को भारत लाने की मांग

दुबे ने सदन में कहा कि उन्होंने इस मामले में निर्वाचन आयोग से शिकायत की और आयोग ने उस जिलाधिकारी को हटाने का आदेश दिया, लेकिन झारखंड सरकार इस आदेश को मान नहीं रही.

उन्होंने कहा कि यह सांसद के विशेषाधिकार हनन का मामला है और उनकी मांग है कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को उस अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हुए झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने और राज्य के एक जिलाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की.

दुबे ने कहा कि सभी सदस्य दिशा समिति के अध्यक्ष होते हैं और उसमें लिए गए निर्णय पर कार्रवाई नहीं होने पर जिलाधिकारी पर सदस्यों के अधिकारों के हनन का मामला बनता है.

निशिकांत दुबे का बयान

उन्होंने दावा किया कि इसी के मद्देनजर उनके क्षेत्र के जिलाधिकारी ने राज्य में चुनाव होने के छह महीने बाद उन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है.

उन्होंने दावा किया कि अप्रैल में चुनाव होने और आचार संहिता समाप्त होने के बाद भी अक्टूबर-नवंबर में इस सिलसिले में मामला दर्ज कराया गया.

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दुबे ने सदन में कहा कि उन्होंने इस मामले में निर्वाचन आयोग से शिकायत की और आयोग ने उस जिलाधिकारी को हटाने का आदेश दिया, लेकिन झारखंड सरकार इस आदेश को मान नहीं रही.

उन्होंने कहा कि यह सांसद के विशेषाधिकार हनन का मामला है और उनकी मांग है कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को उस अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए.

(एजेंसी इनपुट)

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