ETV Bharat / bharat

35 साल पुराने गिट्टी चोरी के मामले में एमएसएमई मंत्री दोषी करार, पेशी के बाद कोर्ट से गायब हुए - rakesh sachan convicted in court

योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर गिट्टी चोरी करने का आरोप है. शनिवार को कोर्ट में सुनवाई से पहले राकेश सचान ने खुद को सरेंडर कर दिया.

Etv Bharat
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान
author img

By

Published : Aug 6, 2022, 4:29 PM IST

कानपुरः योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है. मंत्री पर गिट्टी चोरी करने का आरोप है. शनिवार को कोर्ट में सुनवाई से पहले राकेश सचान ने खुद को सरेंडर कर दिया. जज के फैसला सुनाने से पहले वह फरार हो गए जिसके बाद पुलिस उनकी तलाश में जुट गई.

35 साल पहले यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आईपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था. चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी. मामला कोर्ट में विचाराधीन था. शनिवार को कोर्ट ने फैसले का दिन मुकर्रर किया. दोषी पाए जाने की भनक लगने के बाद राकेश सचान कोर्ट से फरार हो गए.

  • यूपी में कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपाई!

    योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने चोरी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सज़ा। सज़ा सुनते ही कोर्ट से भाग निकले मंत्री महोदय। शर्मनाक!

    यही है भाजपाइयों का असली चरित्र।

    मंत्री से तत्काल इस्तीफ़ा लें मुख्यमंत्री। pic.twitter.com/TM1FsGv6aC

    — Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
कितनी सजा हो सकती है
  • धारा 389 में आरोप साबित हो जाने पर दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड का प्रावधान है. यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है.
  • धारा 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत आरोप सिद्ध होने पर तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों सजा का प्रावधान है.

मंत्री राकेश सचान का दावा
ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बातचीत के दौरान मंत्री राकेश सचान ने बताया कि 1990 के आसपास उनके खिलाफ एक रायफल व एक डबल बैरल बंदूक के लाइसेंस न होने का मुकदमा दर्ज किया गया था जिसका लगातार ट्रायल चल रहा था. दावा किया कि शनिवार को उसी मामले की सुनवाई हुई थी. कहा कि 1990 के आसपास वह जनता दल से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे तभी तत्कालीन पीएम वीपी सिंह की रैली कानपुर में होनी थी और वह रैली की तैयारियां पूरी कराकर अपनी वैन से बर्रा स्थित आवास पर जा रहे थे. अचानक रास्ते में पुलिस ने वैन की तलाशी ली. वैन में एक रायफल व एक डबल बैरल बंदूक निकली, इनका लाइसेंस एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के बाबा के नाम था. मंत्री ने पुलिस को लाइसेंस की जानकारी दी, मगर पुलिस ने उनकी एक न सुनी और मुकदमा दर्ज कर दिया. उन्होंने बताया कि उन पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हैं. सभी मुकदमे छात्र जीवन के समय से हैं किसी तरह की चोरी का कोई मुकदमा उन पर दर्ज नहीं है.

कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यह बोले
इस पूरे मामले पर कानपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा संख्या 25ध/30 के तहत एमएसएमई मंत्री पर बंदूकों के लाइसेंस न होने का मुकदमा पिछले करीब 30 सालों से चल रहा था. शनिवार को इसी मामले में एमएसएमई मंत्री कोर्ट पहुंचे थे, पेशी के दौरान वह उपस्थित रहे. हालांकि अचानक उनके पेट में दर्द होने लगा और वह कोर्ट से वापस चले गए. इस मामले पर जज नाराज हो गए.


मंत्रीजी का राजनीतिक सफर
मौजूदा समय में योगी सरकार की कैबिनेट में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने अपने राजनीतिक जीवन के सफर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से जुड़कर की थी. सपा से वह 1993 व 2002 में घाटमपुर सीट से विधायक रहे. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था. इसी बीच कुछ समय के लिए उन्होंने कांग्रेस का दामन भी थामा, लेकिन वर्ष 2022 में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद भाजपा ने उन्हें कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से चुनाव लड़ाया जिसमें उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराया था. एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है.

यह भी पढ़ें:केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने महिलाओं के साथ मिलकर की ध्वज की सिलाई

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

कानपुरः योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कानपुर की एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है. मंत्री पर गिट्टी चोरी करने का आरोप है. शनिवार को कोर्ट में सुनवाई से पहले राकेश सचान ने खुद को सरेंडर कर दिया. जज के फैसला सुनाने से पहले वह फरार हो गए जिसके बाद पुलिस उनकी तलाश में जुट गई.

35 साल पहले यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आईपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था. चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी. मामला कोर्ट में विचाराधीन था. शनिवार को कोर्ट ने फैसले का दिन मुकर्रर किया. दोषी पाए जाने की भनक लगने के बाद राकेश सचान कोर्ट से फरार हो गए.

  • यूपी में कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपाई!

    योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने चोरी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सज़ा। सज़ा सुनते ही कोर्ट से भाग निकले मंत्री महोदय। शर्मनाक!

    यही है भाजपाइयों का असली चरित्र।

    मंत्री से तत्काल इस्तीफ़ा लें मुख्यमंत्री। pic.twitter.com/TM1FsGv6aC

    — Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 6, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
कितनी सजा हो सकती है
  • धारा 389 में आरोप साबित हो जाने पर दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड का प्रावधान है. यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है.
  • धारा 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत आरोप सिद्ध होने पर तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों सजा का प्रावधान है.

मंत्री राकेश सचान का दावा
ईटीवी भारत संवाददाता से फोन पर बातचीत के दौरान मंत्री राकेश सचान ने बताया कि 1990 के आसपास उनके खिलाफ एक रायफल व एक डबल बैरल बंदूक के लाइसेंस न होने का मुकदमा दर्ज किया गया था जिसका लगातार ट्रायल चल रहा था. दावा किया कि शनिवार को उसी मामले की सुनवाई हुई थी. कहा कि 1990 के आसपास वह जनता दल से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे तभी तत्कालीन पीएम वीपी सिंह की रैली कानपुर में होनी थी और वह रैली की तैयारियां पूरी कराकर अपनी वैन से बर्रा स्थित आवास पर जा रहे थे. अचानक रास्ते में पुलिस ने वैन की तलाशी ली. वैन में एक रायफल व एक डबल बैरल बंदूक निकली, इनका लाइसेंस एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के बाबा के नाम था. मंत्री ने पुलिस को लाइसेंस की जानकारी दी, मगर पुलिस ने उनकी एक न सुनी और मुकदमा दर्ज कर दिया. उन्होंने बताया कि उन पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हैं. सभी मुकदमे छात्र जीवन के समय से हैं किसी तरह की चोरी का कोई मुकदमा उन पर दर्ज नहीं है.

कानपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यह बोले
इस पूरे मामले पर कानपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा संख्या 25ध/30 के तहत एमएसएमई मंत्री पर बंदूकों के लाइसेंस न होने का मुकदमा पिछले करीब 30 सालों से चल रहा था. शनिवार को इसी मामले में एमएसएमई मंत्री कोर्ट पहुंचे थे, पेशी के दौरान वह उपस्थित रहे. हालांकि अचानक उनके पेट में दर्द होने लगा और वह कोर्ट से वापस चले गए. इस मामले पर जज नाराज हो गए.


मंत्रीजी का राजनीतिक सफर
मौजूदा समय में योगी सरकार की कैबिनेट में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने अपने राजनीतिक जीवन के सफर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से जुड़कर की थी. सपा से वह 1993 व 2002 में घाटमपुर सीट से विधायक रहे. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से लोकसभा का चुनाव जीता था. इसी बीच कुछ समय के लिए उन्होंने कांग्रेस का दामन भी थामा, लेकिन वर्ष 2022 में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद भाजपा ने उन्हें कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से चुनाव लड़ाया जिसमें उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराया था. एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है.

यह भी पढ़ें:केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने महिलाओं के साथ मिलकर की ध्वज की सिलाई

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.