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पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन, किसानों को समर्पित कर सकती है भाजपा - farmers protest

कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी देशभर में व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान चला रही है. साथ ही हर कार्यक्रम में कृषि कानूनों की खूबियां भी गिना रही है. इसी इसी क्रम में पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को किसानों के नाम समर्पित करने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में पार्टी ने पूरा खाका तैयारा कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन किसानों को संबोधित भी कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Dec 19, 2020, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी देशभर में व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान चला रही है. साथ ही हर कार्यक्रम में कृषि कानूनों की खूबियां भी गिना रही है. इसी इसी क्रम में पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के जन्मदिवस को किसानों के नाम समर्पित करने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में पार्टी ने पूरा खाका तैयारा कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन किसानों को संबोधित भी कर सकते हैं. बता दें, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है.

पार्टी ने किसानों से संबंधित जितनी भी योजनाएं अब तक एनडीए के शासनकाल में आई हैं, उन सभी को पार्टी अपने अंदर खाका तैयार किया जा रहा है. भाजपा मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में किसान और कृषि से संबंधित योजनाओं के लाभार्थियों की सूची बना रही है. यही नहीं इस मौके पर विपक्षियों को भी करारा जवाब देने की योजना बनाई जा रही है और इसके लिए पार्टी के अलग-अलग नेताओं के कार्यक्रम देश के अलग-अलग राज्यों में होंगे.

भाजपा सूत्र ने बताया की पार्टी मानती है कि अटल जी का जन्मदिवस सबसे बढ़िया मौका है, जब केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में बताएगी. इनमें मुख्य रूप से किसान सम्मान निधि और नीम कोटिंग यूरिया जैसी योजनाएं हैं. सूत्रों ने बताया कि ऐसे संदेश पहुंचाए जाते हैं तो वह बड़ी संख्या में किसानों को प्रभावित कर सकते हैं.

बता दें, प्रधानमंत्री अपने अलग-अलग कार्यक्रमों में अब तक कई बार कृषि कानूनों के संबंध में बोल चुके हैं.

यह भी पढ़ें-किसान आंदोलन : कृषि मंत्री से मिले सीएम खट्टर, कहा- एक दो दिन में निकल जाएगा हल

एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि क्या कृषि कानूनों को फिलहाल रोका जा सकता है, इस पर सरकार जवाब तैयार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकार हर हालत में वह भी किसानों की सहमति के साथ इन कानूनों को लागू करना चाहती है. सरकार लगातार मंथन कर रही है कि किसानों को कैसे विश्वास में लिया जाए. वहीं भाजपा ने कृषि विशेषज्ञों और सलाहकारों से भी राय लेने के लिए एक बड़ा पैनल तैयार किया है और पार्टी के बड़े नेता इस पैनल के संपर्क में लगातार मंथन कर रहे हैं कि एमएसपी को लेकर किसानों की जो प्रतिक्रियायें हैं उस पर सबसे ज्यादा प्रभावित कदम क्या हो सकता है.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी देशभर में व्यापक प्रचार-प्रसार का अभियान चला रही है. साथ ही हर कार्यक्रम में कृषि कानूनों की खूबियां भी गिना रही है. इसी इसी क्रम में पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के जन्मदिवस को किसानों के नाम समर्पित करने की तैयारी में है. सूत्रों की मानें तो इस संबंध में पार्टी ने पूरा खाका तैयारा कर लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन किसानों को संबोधित भी कर सकते हैं. बता दें, 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है.

पार्टी ने किसानों से संबंधित जितनी भी योजनाएं अब तक एनडीए के शासनकाल में आई हैं, उन सभी को पार्टी अपने अंदर खाका तैयार किया जा रहा है. भाजपा मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में किसान और कृषि से संबंधित योजनाओं के लाभार्थियों की सूची बना रही है. यही नहीं इस मौके पर विपक्षियों को भी करारा जवाब देने की योजना बनाई जा रही है और इसके लिए पार्टी के अलग-अलग नेताओं के कार्यक्रम देश के अलग-अलग राज्यों में होंगे.

भाजपा सूत्र ने बताया की पार्टी मानती है कि अटल जी का जन्मदिवस सबसे बढ़िया मौका है, जब केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए बनाई गई योजनाओं के बारे में बताएगी. इनमें मुख्य रूप से किसान सम्मान निधि और नीम कोटिंग यूरिया जैसी योजनाएं हैं. सूत्रों ने बताया कि ऐसे संदेश पहुंचाए जाते हैं तो वह बड़ी संख्या में किसानों को प्रभावित कर सकते हैं.

बता दें, प्रधानमंत्री अपने अलग-अलग कार्यक्रमों में अब तक कई बार कृषि कानूनों के संबंध में बोल चुके हैं.

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एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि क्या कृषि कानूनों को फिलहाल रोका जा सकता है, इस पर सरकार जवाब तैयार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकार हर हालत में वह भी किसानों की सहमति के साथ इन कानूनों को लागू करना चाहती है. सरकार लगातार मंथन कर रही है कि किसानों को कैसे विश्वास में लिया जाए. वहीं भाजपा ने कृषि विशेषज्ञों और सलाहकारों से भी राय लेने के लिए एक बड़ा पैनल तैयार किया है और पार्टी के बड़े नेता इस पैनल के संपर्क में लगातार मंथन कर रहे हैं कि एमएसपी को लेकर किसानों की जो प्रतिक्रियायें हैं उस पर सबसे ज्यादा प्रभावित कदम क्या हो सकता है.

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