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मणिपुर के मुद्दे पर INDIA से डर गई सरकार, बयान से बच रहे पीएम : विपक्षी सांसद - राज्यसभा सदन स्थगित

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर चर्चा करने से भाजपा नीत केंद्र सरकार भाग रही है. विपक्ष की एकता से भाजपा डर गई है और इस वजह से पीएम मोदी भी मणिपुर हिंसा पर बयान देने से पीछे हट रहे हैं. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देवरॉय की ये रिपोर्ट...

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Published : Jul 26, 2023, 5:52 PM IST

नई दिल्ली : मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विस्तृत चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया. राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट का फैसला किया. विपक्ष सांसदों के वॉकआउट के बाद कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार विपक्ष की एकता से डर गई है. इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर सदन में चर्चा की हमारी मांग को अनसुनी करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर चर्चा की मांग और आम आदमी पार्टी (आप) के निष्कासित सांसद संजय सिंह के समर्थन में संसद के बाहर हम विरोध जारी रखेंगे."

माथेर ने कहा, "आज तीसरा दिन है. संजय सिंह मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. भाजपा कभी भी मणिपुर पर हमारी मांग को दबा नहीं पाएगी." उन्होंने कहा, "सरकार ने संजय सिंह को निलंबित कर दिया है और वो ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि संजय सिंह को उनकी मांग सामने से रोक नहीं सकते हैं. हम टीम 'इंडिया' उनके साथ खड़े हैं." उन्होंने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे से भागने की कोशिश क्यों कर रहे हैं. मणिपुर में इतनी भयावह स्थिति हो चुकी है और प्रधानमंत्री इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं." माथेर ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के मौजूदा संकट पर सांसदों और पूरे देश के सामने अपना बयान रखा चाहिए. उन्होंने पूरे विपक्ष के नए नाम 'इंडिया' की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी और अन्य से करने के लिए भी मोदी की आलोचना की.

पढ़ें : Parliament Monsoon Session 2023 : लोकसभा में हंगामे के बीच छह विधेयक पेश

गौरतलब है कि मणिपुर पर विपक्षी सांसदों की मांगों के मद्देनजर अब तक संसद का सत्र हंगामेदार रहा है. मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस बीच, पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यसभा सदस्यों ने सदन के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और मणिपुर के मुद्दों पर नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा का अनुरोध किया. उन्होंने सभी दलों से चर्चा में भाग लेने और स्थिति से निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने का भी आग्रह किया. हालांकि, केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति पर राज्यसभा में नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमत हो गई है, लेकिन विपक्षी दल राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं.

नई दिल्ली : मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विस्तृत चर्चा और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया. राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू होने पर विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट का फैसला किया. विपक्ष सांसदों के वॉकआउट के बाद कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार विपक्ष की एकता से डर गई है. इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर सदन में चर्चा की हमारी मांग को अनसुनी करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर चर्चा की मांग और आम आदमी पार्टी (आप) के निष्कासित सांसद संजय सिंह के समर्थन में संसद के बाहर हम विरोध जारी रखेंगे."

माथेर ने कहा, "आज तीसरा दिन है. संजय सिंह मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. भाजपा कभी भी मणिपुर पर हमारी मांग को दबा नहीं पाएगी." उन्होंने कहा, "सरकार ने संजय सिंह को निलंबित कर दिया है और वो ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि संजय सिंह को उनकी मांग सामने से रोक नहीं सकते हैं. हम टीम 'इंडिया' उनके साथ खड़े हैं." उन्होंने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे से भागने की कोशिश क्यों कर रहे हैं. मणिपुर में इतनी भयावह स्थिति हो चुकी है और प्रधानमंत्री इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं." माथेर ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के मौजूदा संकट पर सांसदों और पूरे देश के सामने अपना बयान रखा चाहिए. उन्होंने पूरे विपक्ष के नए नाम 'इंडिया' की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी और अन्य से करने के लिए भी मोदी की आलोचना की.

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गौरतलब है कि मणिपुर पर विपक्षी सांसदों की मांगों के मद्देनजर अब तक संसद का सत्र हंगामेदार रहा है. मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया. इस बीच, पूर्वोत्तर राज्यों के राज्यसभा सदस्यों ने सदन के सभापति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और मणिपुर के मुद्दों पर नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा का अनुरोध किया. उन्होंने सभी दलों से चर्चा में भाग लेने और स्थिति से निपटने के लिए रचनात्मक सुझाव देने का भी आग्रह किया. हालांकि, केंद्र सरकार मणिपुर की स्थिति पर राज्यसभा में नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमत हो गई है, लेकिन विपक्षी दल राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं.

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