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भाजपा को 2021-22 में 614.53 करोड़ रुपये जबकि कांग्रेस को 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला

चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को चंदे के रूप में 95.46 करोड़ रुपये मिले.

BJP got Rs 614.53 crore while Congress got Rs 95.46 crore in 2021-22
भाजपा को 2021-22 में 614.53 करोड़ रुपये जबकि कांग्रेस को 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला
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Published : Nov 30, 2022, 8:55 AM IST

नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपये मिले, जो विपक्षी कांग्रेस द्वारा जुटाई गई राशि के छह गुना से अधिक है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस अवधि में 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को इस अवधि के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. माकपा की केरल में सरकार है.

चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को चंदे के रूप में 95.46 करोड़ रुपये मिले. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस, जो पश्चिम बंगाल में लंबे समय से सत्ता में है, को इस अवधि के दौरान योगदान के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-एम (CPI-M), जो केरल में इस समय सरकार में है, को चंदे के रूप में 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई.

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बीजेपी को पिछले साल मिले चंदे की तुलना में 28 फीसदी का इजाफा हुआ है. करीब-करीब इतना ही इजाफा कांग्रेस को भी हुआ है. 2020-21 में बीजेपी को 477.7 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे जो इस साल 614.5 करोड़ रुपये हो गया. जबकि कांग्रेस को पिछले साल की तुलना में इस बार 28.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 74.7 करोड़ की तुलना में 95.5 करोड़ रुपये हासिल हुए. बीजेपी को पिछले साल की तुलना में 28.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में तीसरे नंबर की पार्टी है और उसे 57.9 करोड़ रुपये मिले जबकि उसे पिछले साल 26.2 करोड़ ही मिले थे. पिछले साल की तुलना में एनसीपी को 120 फीसदी की वृद्धि हुई. सीपीआई-एम को 10 करोड़ चंदे के रूप में मिले लेकिन पिछले साल की तुलना में उसे खासा नुकसान हुआ है. सीपीआई-एम को 2020-21 में 12.8 करोड़ मिले थे जबकि इस साल 10 करोड़ मिले, इस तरह से उसे 21.7 फीसदी का नुकसान हुआ था.

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राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे में से बीजेपी को सबसे ज्यादा 79 फीसदी का दान मिला तो कांग्रेस 12 फीसदी का दान हासिल कर दूसरे पायदान पर रही. पश्चिम बंगाल में पिछले साल 2021 में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव कराए गए थे जिसमें तृणमूल कांग्रेस को जीत मिली थी. जबकि केरल में भी पिछले साल अप्रैल में ही विधानसभा चुनाव कराए गए थे. चार राष्ट्रीय दलों ने हाल ही में चुनाव आयोग को चंदे को लेकर अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसके दस्तावेजों को कल मंगलवार को सार्वजनिक किया गया.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार पार्टियां व्यक्तिगत दाताओं और संस्थाओं से प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के योगदान की वार्षिक रिपोर्ट आयोग को देती हैं. व्यक्तियों और संस्थाओं के अलावा, चुनावी ट्रस्ट भी पार्टियों को फंड दिया करते हैं. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (Prudent Electoral Trust) सहित इलेक्टोरल ट्रस्टों का बीजेपी की किटी में प्रमुख योगदान रहा है. अभी तक सिर्फ 7 राज्यों बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, सीपीएम और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने ही आयोग को मिले चंदे के बारे में बताया है. इस तरह से अब तक आयोग को 778.7 करोड़ चंदे के बारे में जानकारी दी गई है. 2020-21 8 राजनीतिक दलों की ओर से चंदे को लेकर जानकारी दी गई थी जो 592 करोड़ रुपये थी.

पढ़ें: पीएम मोदी पर खड़गे की टिप्पणी के बाद विजय रूपाणी बोले, इससे कांग्रेस को नुकसान होगा

(एक्सट्रा इनपुट: पीटीआई)

नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपये मिले, जो विपक्षी कांग्रेस द्वारा जुटाई गई राशि के छह गुना से अधिक है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस अवधि में 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को इस अवधि के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. माकपा की केरल में सरकार है.

चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को चंदे के रूप में 95.46 करोड़ रुपये मिले. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस, जो पश्चिम बंगाल में लंबे समय से सत्ता में है, को इस अवधि के दौरान योगदान के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-एम (CPI-M), जो केरल में इस समय सरकार में है, को चंदे के रूप में 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई.

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बीजेपी को पिछले साल मिले चंदे की तुलना में 28 फीसदी का इजाफा हुआ है. करीब-करीब इतना ही इजाफा कांग्रेस को भी हुआ है. 2020-21 में बीजेपी को 477.7 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे जो इस साल 614.5 करोड़ रुपये हो गया. जबकि कांग्रेस को पिछले साल की तुलना में इस बार 28.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 74.7 करोड़ की तुलना में 95.5 करोड़ रुपये हासिल हुए. बीजेपी को पिछले साल की तुलना में 28.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में तीसरे नंबर की पार्टी है और उसे 57.9 करोड़ रुपये मिले जबकि उसे पिछले साल 26.2 करोड़ ही मिले थे. पिछले साल की तुलना में एनसीपी को 120 फीसदी की वृद्धि हुई. सीपीआई-एम को 10 करोड़ चंदे के रूप में मिले लेकिन पिछले साल की तुलना में उसे खासा नुकसान हुआ है. सीपीआई-एम को 2020-21 में 12.8 करोड़ मिले थे जबकि इस साल 10 करोड़ मिले, इस तरह से उसे 21.7 फीसदी का नुकसान हुआ था.

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राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे में से बीजेपी को सबसे ज्यादा 79 फीसदी का दान मिला तो कांग्रेस 12 फीसदी का दान हासिल कर दूसरे पायदान पर रही. पश्चिम बंगाल में पिछले साल 2021 में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव कराए गए थे जिसमें तृणमूल कांग्रेस को जीत मिली थी. जबकि केरल में भी पिछले साल अप्रैल में ही विधानसभा चुनाव कराए गए थे. चार राष्ट्रीय दलों ने हाल ही में चुनाव आयोग को चंदे को लेकर अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसके दस्तावेजों को कल मंगलवार को सार्वजनिक किया गया.

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार पार्टियां व्यक्तिगत दाताओं और संस्थाओं से प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के योगदान की वार्षिक रिपोर्ट आयोग को देती हैं. व्यक्तियों और संस्थाओं के अलावा, चुनावी ट्रस्ट भी पार्टियों को फंड दिया करते हैं. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (Prudent Electoral Trust) सहित इलेक्टोरल ट्रस्टों का बीजेपी की किटी में प्रमुख योगदान रहा है. अभी तक सिर्फ 7 राज्यों बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, सीपीएम और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने ही आयोग को मिले चंदे के बारे में बताया है. इस तरह से अब तक आयोग को 778.7 करोड़ चंदे के बारे में जानकारी दी गई है. 2020-21 8 राजनीतिक दलों की ओर से चंदे को लेकर जानकारी दी गई थी जो 592 करोड़ रुपये थी.

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(एक्सट्रा इनपुट: पीटीआई)

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