नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझान पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार भाजपा एससी मोर्चा के अध्यक्ष अजीत चौधरी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन धर्म का पालन किया है. इसी का नतीजा है कि बिहार में भाजपा-जेडीयू की सरकार रही है. हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा होती है कि उनकी पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बने.
उन्होंने कहा कि शुरुआती नतीजों से ऐसा लगता है कि जनादेश भाजपा को मिल रहा है. यह एक नैसर्गिक प्रक्रिया है कि लंबे समय तक सीएम रहने के बाद एक एंटी इनकम्बेंसी होती ही है.
अजीत चौधरी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता नेतृत्व के अभाव में उन्मुक्त तरीके से राय नहीं दे पाते. उन्होंने कहा कि जब राजनीति में लोग होते हैं, तो समाज, देश-प्रदेश की सेवा के लिए होते हैं. नीतीश कुमार ने लंबे समय तक बिहार की सेवा की है, इसलिए बिहार की जनता नीतीश कुमार पर भरोसा करती है.
उन्होंने कहा कि अब समय ऐसा है कि नीतीश को खुद फैसला करना चाहिए. अजीत चौधरी ने कहा कि भाजपा किसी को धोखा नहीं देती, हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा नीतीश के चेहरे पर विश्वास करती है, तो उन्हें भी ऐसा सोचना चाहिए कि भाजपा को कुछ मौका दिया जाए.
साथ ही अजीत चौधरी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह बात पार्टी कार्यकर्ता की हैसियत से कही है.
यह भी पढ़ें- भाजपा समेत सभी पार्टियों के दफ्तरों पर सुरक्षा बढ़ाई गई
वहीं, कुछ अन्य भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि नीतीश कुमार खुद काफी समझदार व्यक्ति हैं. उनको अब केंद्र की राजनीति करनी चाहिए और यहां पर किसी भाजपा के नेता को सीएम का पद दे देना चाहिए. भाजपा हमेशा से सीएम नीतीश कुमार के साथ खड़ी रही है.
भाजपा ने हमेशा दिया है नीतीश कुमार का साथ
इसके अलावा भाजपा के प्रदेश मंत्री शत्रुघन कुमार साथी ने कहा कि लंबे समय तक हमने नीतीश कुमार को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाया. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही अब चाहेंगे कि इस बार किसी भाजपा के नेता को ही मुख्यमंत्री बनाएं.
वहीं, भाजपा नेता विरेंद्र कुमार सिंह और कमलजीत सिंह ने भी भाजपा कोटे से मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है. साथ ही भाजपा कार्यसमिति के सदस्य कमलजीत सिंह ने कहा है कि इस बार के चुनाव में हमारी पार्टी को अधिक सीटें मिली हैं. यह जीत नरेंद्र मोदी की बदौलत हासिल हुई है, लिहाजा सीएम भी भाजपा कोटे से होने चाहिए.