केरल: देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाला है. इसमें अब कुछ ही महीने बच गए है. लोकसभा चुनाव से पहले तमाम पार्टियों की तरफ से अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इस बीच, केरल की भाजपा इकाई ने आज से अपनी स्नेह यात्रा की शुरुआत कर दी है. बता दें, क्रिसमस स्नेह यात्रा' एक आउटरीच कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य राज्य के ईसाइयों से जुड़ना है. दरअसल, भाजपा की केरल इकाई ने आज 20 दिसंबर को कोच्चि से अपने अल्पसंख्यक आउटरीच कार्यक्रम 'क्रिसमस स्नेह यात्रा' की शुरुआत की है.
क्रिसमस के लिए दी शुभकामनाएं
इस कार्यक्रम के तहत आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने साइरो मालाबार चर्च के पूर्व आर्कबिशप जॉर्ज एलनचेरी से मुलाकात की और उन्हें क्रिसमस के लिए शुभकामनाएं दी, साथ ही उन्हे प्रधानमंत्री का क्रिसमस संदेश भी दिया. वहीं, जॉर्ज एलेनचेरी ने भी बदले में सभी को शुभकामनाएं दी. इस दौरान के. सुरेंद्रन ने बताया कि आज से इस स्नेहयात्रा का औपचारिक उद्घाटन किया गया.
भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री का संदेश लेकर ईसाई भाइयों के घर जाएंगे
बता दें, यह कार्यक्रम 30 दिसंबर तक चलेगा, इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री का संदेश लेकर राज्य भर में ईसाई भाइयों के घर जाएंगे, और उनकी समस्या सुनकर उसका समाधान करेंगे. इससे पहले, ईस्टर के अवसर पर, भाजपा नेताओं ने इसी तरह से राज्य में ईसाई घरों का दौरा किया था. लेकिन वे ईस्टर के आसपास सभी घरों को कवर करने में सक्षम नहीं थे. लेकिन इस बार बीजेपी कार्यकर्ता 10 दिन का समय लेकर सभी घरों में जाएंगे. के. सुरेंद्रन ने कहा कि स्नेह यात्रा का उद्देश्य सद्भाव और आपसी समझ को मजबूत करना है.
अल्पसंख्यक समुदायों तक पहुंचने की कोशिश
बता दें, 2011 की जनगणना के अनुसार, केरल में सबसे ज्यादा धर्म के लोग रहते हैं. इनकी आबादी लगभग 6.14 मिलियन है. यह राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 18.38 फीसदी है. कोट्टायम और इडुक्की जैसे जिलों में ईसाई आबादी 43 फीसदी से ऊपर है. 14 जिलों में से 4 जिलों में ईसाई आबादी 35 प्रतिशत से अधिक है. इसमें केरल बीजेपी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले लोकसभा क्षेत्र भी शामिल हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित क्रिसमस स्नेह यात्रा को राजनीतिक महत्व मिल गया है. मणिपुर दंगों सहित अन्य मुद्दों पर ईसाइयों और पुजारियों ने भाजपा का कड़ा विरोध किया था.