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सुरक्षाबलों और डीआरजी के जवानों पर ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप

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Published : Mar 6, 2022, 10:42 PM IST

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि सुरक्षाबल और डीआरजी के जवान महिलाओं से छेड़खानी की(Bijapur jawans accused of assaulting women) है. यहां तक कि ग्रामीणों के आंदोलन करने के दौरान उन्हें भगाने के लिए रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है.

ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप

बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों और डीआरजी के जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीण का आरोप है कि, पूसनार वड्डे पारा में डीआरजी जवानों ने महिलाओं के साथ छेड़खानी की (Bijapur jawans accused of assaulting women) है और उनकी झोपड़ियों में तोड़फोड़ की है. डीआरजी जवानों पर मूलवासी बचाओ मंच की अध्यक्ष सोनी पुनेम और पदाधिकारियों ने यह गंभीर आरोप लगाए हैं. आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी पुलिस से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन आंदोलन की अनुमति लेने के बाद भी उन्हें परेशान किया जा रहा है.

गांव वालों का आरोप है कि जवानों ने उनके घर पर लॉन्चर दागे, जिसकी वजह से वह घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. उनका यह भी कहना है कि जो लॉन्चर नहीं फटे हैं उन्हें संभालकर रखा गया है. दंतेवाड़ा के डीआरजी जवानों पर मूलवासी बचाओ मंच बूरजी की अध्यक्ष सोनी पुनेम और पदाधिकारियों ने गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है. आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी पुलिस से कोई दुश्मनी नहीं है. आंदोलन के लिए विधिवत अनुमति ली गई है. इस मामले में अब तक पुलिस प्रशासन का कोई पक्ष नहीं आया है.

दिसंबर 2020 में भी जवानों पर लगे थे गंभीर आरोप

बता दें कि दिसंबर 2020 में गंगालूर इलाके में जवानों पर मारपीट का आरोप लगा था. गंगालूर इलाके के पावरेल-सवारेल समेत कई गांव के ग्रामीण नए पुलिस कैंप के विरोध में धरनास्थल की ओर जा रहे थे. इसी दौरन ग्रामीण और जवानों के बीच मारपीट हुई थी. ग्रामीणों में आदिवासी महिलाएं भी शामिल थीं.

बीजापुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों और डीआरजी के जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीण का आरोप है कि, पूसनार वड्डे पारा में डीआरजी जवानों ने महिलाओं के साथ छेड़खानी की (Bijapur jawans accused of assaulting women) है और उनकी झोपड़ियों में तोड़फोड़ की है. डीआरजी जवानों पर मूलवासी बचाओ मंच की अध्यक्ष सोनी पुनेम और पदाधिकारियों ने यह गंभीर आरोप लगाए हैं. आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी पुलिस से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन आंदोलन की अनुमति लेने के बाद भी उन्हें परेशान किया जा रहा है.

गांव वालों का आरोप है कि जवानों ने उनके घर पर लॉन्चर दागे, जिसकी वजह से वह घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. उनका यह भी कहना है कि जो लॉन्चर नहीं फटे हैं उन्हें संभालकर रखा गया है. दंतेवाड़ा के डीआरजी जवानों पर मूलवासी बचाओ मंच बूरजी की अध्यक्ष सोनी पुनेम और पदाधिकारियों ने गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है. आंदोलनकारियों ने कहा कि उनकी पुलिस से कोई दुश्मनी नहीं है. आंदोलन के लिए विधिवत अनुमति ली गई है. इस मामले में अब तक पुलिस प्रशासन का कोई पक्ष नहीं आया है.

दिसंबर 2020 में भी जवानों पर लगे थे गंभीर आरोप

बता दें कि दिसंबर 2020 में गंगालूर इलाके में जवानों पर मारपीट का आरोप लगा था. गंगालूर इलाके के पावरेल-सवारेल समेत कई गांव के ग्रामीण नए पुलिस कैंप के विरोध में धरनास्थल की ओर जा रहे थे. इसी दौरन ग्रामीण और जवानों के बीच मारपीट हुई थी. ग्रामीणों में आदिवासी महिलाएं भी शामिल थीं.

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