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दरभंगा श्यामा मंदिर में बलि प्रथा बंद करने के बाद अब पूरे बिहार में लगेगी रोक! धार्मिक न्यास का बड़ा बयान

Darbhanga Shyama Temple: बिहार के दरभंगा में श्यामा मंदिर में बलि प्रथा पर रोक पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. वहीं बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पशु क्रूरता अधिनियम को लेकर जो बातें कहीं हैं, उसके आधार पर नियम बनते हैं. पशु क्रूरता दंडनीय है. बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने कोई पर्सनल ऑर्डर जारी नहीं किया है.

दरभंगा श्यामा मंदिर में बलि प्रथा बंद
दरभंगा श्यामा मंदिर में बलि प्रथा बंद
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 18, 2023, 4:41 PM IST

बलि प्रथा पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पक्ष

पटना: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने एक आदेश जारी कर बलि प्रथा पर रोक लगाने की बात कही थी. इसके अंतर्गत दरभंगा के श्यामा मंदिर में भी बलि प्रथा बंद करने को कहा गया है. इस आदेश की लगातार चर्चा हो रही है और दरभंगा के श्यामा मंदिर के मंदिर समिति सहित कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं धार्मिक न्यास बोर्ड का कहना है कि हमने किसी एक मंदिर को लेकर कोई अलग से आदेश नहीं दिया है. श्यामा मंदिर को लेकर मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन कैसे क्या करना है, विचार करेगी.

बलि प्रथा पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पक्ष: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा है कि न्यास बोर्ड बिहार के सभी मंदिर को लेकर कई आदेश निकालता है. इसमें नया कुछ नहीं है. जो मंदिर न्यास बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं उसके लिए ऐसा आदेश है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पशु क्रूरता अधिनियम को लेकर जो बातें कहीं हैं, उसके आधार पर नियम बनते हैं.

ईटीवी भारत GFX
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"हम जितने भी मंदिरों का निबंधन करते हैं, उसकी योजना बनाते हैं. योजना में ही रहता है कि किसी भी पशु के साथ क्रूरता नहीं होनी चाहिए. चूंकि वो भारतीय संविधान अधिनियम की धारा 428 और 429 के तहत दंडनीय है. क्रूरता अधिनियम भी बना हुआ है. उसमें भी है कि किसी भी प्रकार के किसी भी जानवर को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. समिति इस बात का ध्यान रखती है कि ऐसी चीजों को बढ़ावा ना मिले."- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

क्या कहता है पशु क्रूरता अधिनियम 1960: अखिलेश कुमार जैन ने आगे कहा कि सभी समिति को लिखित आदेश जाता है. श्यामा मंदिर में जो विरोध हो रहा है उसको लेकर समिति या वहां का प्रशासन व्यवस्था करेगा. कोई भी कार्य किसी कानून के विपरीत है तो उसे नहीं होना चाहिए. किसी समिति का गठन होता है तो उसके सारे नियम लिखे होते हैं. गोवंश तथा अन्य के प्रति होने वाली क्रूरता, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 के अंतर्गत दंडनीय है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने पशु क्रूरता अधिनियम का हवाला देते हुए दरभंगा के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में बलि प्रथा को बंद करने का आदेश दिया है. आदेश की कॉपी प्रकाश में आते ही एक पक्ष इसे सनातन धर्म के खिलाफ बता रहा है. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी इसमें कूद पड़े हैं. उन्होंने बोर्ड पर हमला करते हुए कहा कि क्या बकरीद बंद करवा सकते हैं?

पढ़ें- बिहार में 'झटका' की राजनीति की तैयारी में बीजेपी! हिंदुओं से गिरिराज सिंह की अपील- ' ना खाएं हलाल मटन'

बलि प्रथा पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पक्ष

पटना: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने एक आदेश जारी कर बलि प्रथा पर रोक लगाने की बात कही थी. इसके अंतर्गत दरभंगा के श्यामा मंदिर में भी बलि प्रथा बंद करने को कहा गया है. इस आदेश की लगातार चर्चा हो रही है और दरभंगा के श्यामा मंदिर के मंदिर समिति सहित कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं धार्मिक न्यास बोर्ड का कहना है कि हमने किसी एक मंदिर को लेकर कोई अलग से आदेश नहीं दिया है. श्यामा मंदिर को लेकर मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन कैसे क्या करना है, विचार करेगी.

बलि प्रथा पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड का पक्ष: बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा है कि न्यास बोर्ड बिहार के सभी मंदिर को लेकर कई आदेश निकालता है. इसमें नया कुछ नहीं है. जो मंदिर न्यास बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं उसके लिए ऐसा आदेश है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पशु क्रूरता अधिनियम को लेकर जो बातें कहीं हैं, उसके आधार पर नियम बनते हैं.

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"हम जितने भी मंदिरों का निबंधन करते हैं, उसकी योजना बनाते हैं. योजना में ही रहता है कि किसी भी पशु के साथ क्रूरता नहीं होनी चाहिए. चूंकि वो भारतीय संविधान अधिनियम की धारा 428 और 429 के तहत दंडनीय है. क्रूरता अधिनियम भी बना हुआ है. उसमें भी है कि किसी भी प्रकार के किसी भी जानवर को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. समिति इस बात का ध्यान रखती है कि ऐसी चीजों को बढ़ावा ना मिले."- अखिलेश कुमार जैन,अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड

क्या कहता है पशु क्रूरता अधिनियम 1960: अखिलेश कुमार जैन ने आगे कहा कि सभी समिति को लिखित आदेश जाता है. श्यामा मंदिर में जो विरोध हो रहा है उसको लेकर समिति या वहां का प्रशासन व्यवस्था करेगा. कोई भी कार्य किसी कानून के विपरीत है तो उसे नहीं होना चाहिए. किसी समिति का गठन होता है तो उसके सारे नियम लिखे होते हैं. गोवंश तथा अन्य के प्रति होने वाली क्रूरता, पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 के अंतर्गत दंडनीय है.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल, बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने पशु क्रूरता अधिनियम का हवाला देते हुए दरभंगा के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में बलि प्रथा को बंद करने का आदेश दिया है. आदेश की कॉपी प्रकाश में आते ही एक पक्ष इसे सनातन धर्म के खिलाफ बता रहा है. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी इसमें कूद पड़े हैं. उन्होंने बोर्ड पर हमला करते हुए कहा कि क्या बकरीद बंद करवा सकते हैं?

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