पटना: बिहार विधान परिषद की 24 सीट के लिए मतगणना (counting of Bihar MLC Election 2022) सुबह 8 बजे से जारी है. चुनाव में एनडीए गठबंधन की तरफ से बीजेपी के 12, जदयू के 11 और पशुपति पारस गुट के एक उम्मीदवार के भाग्य का फैसला होना है. वहीं, आरजेडी के 23 और एक लेफ्ट के उम्मीदवार के भाग्य का फैसला होगा. इसके अलावा कांग्रेस, वीआईपी और चिराग पासवान की पार्टी ने भी उम्मीदवार उतारे हैं. कई बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
समस्तीपुर- एमएलसी प्रत्याशी तरुण चौधरी जीते. आधिकारीक पुष्टि बाकी.
नालन्दा- एनडीए प्रत्याशी रीना यादव की ऐतेहासिक जीत. आधिकारिक पुष्टि बाकी.
औरंगाबाद- NDA प्रत्याशी दिलीप सिंह जीते.
पटना- आरजेडी के कार्तिक सिंह जीत की ओर.
पूर्णिया-अररिया-किशगंज- एनडीए प्रत्याशी डॉ दिलीप जायसवाल की जीत.
मुजफ्फरपुर- एनडीए प्रत्याशी दिनेश सिंह की जीत.
गोपालगंज- बीजेपी के राजीव सिंह 20 वोट जीते. उन्हें कुल 1786 वोट मिले. उन्होंने आरजेडी के दिलीप सिंह को 20 वोट से हराया.
हाजीपुर- एनडीए प्रत्याशी भूषण राय की हुई जीत. उन्हें कुल 2460 वोट मिले
बता दें कि बिहार विधान परिषद के 24 सीटों पर वोटिंग 4 अप्रैल को हुई थी. चुनाव में 97.84% मतदान हुआ है. 12 सीटों पर 99 फीसदी या इससे अधिक वोटिंग हुई है. कुल 185 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज हो जाएगा. चुनाव बैलेट से हुआ है. काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए हैं. सबसे पहले मतगणना केंद्र स्थल पर बैलेट बॉक्स से सभी मतपत्रों को निकालकर उसे मिलाया जाएगा और गिनती शुरू होगी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना का काम होगा. इस बार लड़ाई आरजेडी और एनडीए के बीच है.
विधान परिषद चुनाव की मतगणना: बिहार एमएलसी चुनाव में मतगणना की प्रक्रिया अन्य चुनाव की तुलना में थोड़ी अलग होती है. इसमें पहली पसंद का प्रत्याशी मतगणना में आगे रहकर भी हार सकता है और दूसरी पसंद के प्रत्याशी की किस्मत भी चमक सकती है. विधान परिषद की मतगणना विधानसभा चुनाव से बिल्कुल अलग है. इस चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वरीयता के कुल वोटो में से 50% से अधिक वोट लाने होते हैं तभी विजेता का फैसला होता है.
आम चुनाव की तरह नहीं होती काउंटिंग: विधान परिषद के इस चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वोट देने का विकल्प रहता है. बैलेट पेपर पर वरीयता क्रम में अपनी पसंद का चुनाव करना होता है. पहले प्रथम वरीयता के वोट की गिनती होती है और प्रत्याशी को जीत के लिए कुल वोटों में से 50% से अधिक वोट लाना होता है. यदि 50% से अधिक वोट नहीं मिला तो फिर दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती होती है और सबसे कम प्रथम वरीयता के वोट लाने वाले प्रत्याशी को हटा दिया जाता है. उसके बैलेट पेपर में मिले दूसरी वरीयता के वोट को संबंधित प्रत्याशी के वोट में जोड़ दिया जाता है. वोटों की गिनती की प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक 50% से एक भी अधिक वोट नहीं आ जाता है और इसके कारण मतगणना में अधिक समय लगता है. ऐसे आरा और बक्सर से सबसे पहले रिजल्ट आने की उम्मीद है.