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उत्तराखंड की टनल में फंसे आरा के सैफ, बोले पिता- 'हर रोज सिर्फ दिलासा मिल रहा, बेटे की सलामती के लिए कर रहे दुआ'

Uttarakhand Tunnel Collapse: देहरादून के उत्तरकाशी के टनल में पिछले 10 दिनों से भोजपुर के रहने वाले सैफ भी फंसे हुए हैं. सैफ के फंसने की खबर ने उनके घरवालों को चिंता में डाल दिया है. पूरा परिवार उनकी सकुशल वापसी की दुआएं कर रहा है. वहीं मोबाइल पर बेटे की आवाज सुनने के बाद नाउम्मीद हो चुके घरवालों में उम्मीद जगी है.

उत्तरकाशी के टनल में फंसे आरा के सैफ
उत्तरकाशी के टनल में फंसे आरा के सैफ
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2023, 6:58 PM IST

Updated : Nov 22, 2023, 7:26 PM IST

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भोजपुर (आरा): उत्तरकाशी यमुनोत्री हाईवे पर 12 नवंबर 2023 को निर्माणाधीन सुरंग में हादसा हो गया था. सिल्क्यारा टनल में लैंडस्लाइड हो गया. इसके बाद टनल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई. पिछले दस दिनों से सात राज्यों के 41 मजदूर यहां फंसे हैं. उन्हीं में से भोजपुर के आरा के सहार प्रखंड के पेउर गांव के मिस्बाह अहमद के पुत्र सबाह अहमद उर्फ सैफ भी एक हैं. सैफ भी पिछले 10 दिनों से टनल में फंसे हैं.

मोबाइल पर सैफ से बात करते परिजन
मोबाइल पर सैफ से बात करते परिजन

उत्तरकाशी के टनल में फंसे आरा के सैफ: इस बीच सबाह अमहद उर्फ सैफ के परिवार वालो की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. अच्छी खबर की उम्मीद में एक एक दिन बीतता जा रहा है.पूरे परिवार में कमाने वाले एकलौते पुत्र के फंसने से माता-पिता समेत पत्नी की चिंता बढ़ती जा रही है. इधर सरकार के रेस्क्यू कार्य से परिवार में संतोष की जगह आक्रोश दिख रहा है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

लोग हर रोज दे रहे केवल दिलासा: सुरंग में फंसे भोजपुर के पेउर गांव के सबाह अहमद उर्फ सैफ के पिता मिस्बाह अहमद बताते हैं कि उनका बेटा उत्तराखंड में सड़क परियोजना में काम कर रही नव योगा कंपनी में पर्यवेक्षक है. 10 दिन पहले जब वहां सुरंग हादसे की खबर आई तो परिवार में कोहराम मच गया. अगले दिन उन्हें वॉकी-टॉकी की रिकार्डिंग की बेटे की आवाज घटनास्थल के पास से मोबाइल पर सुनाई गई.

सैफ के पिता दरवाजे पर ही नजरें टिकाए हुए हैं
सैफ के पिता दरवाजे पर ही नजरें टिकाए हुए हैं

'हमारा इंतजार लंबा होता जा रहा है'- सैफ के पिता: सैफ के पिता ने कहा कि "बेटे की आवाज सुनने के बाद थोड़ा सुकून मिला है. वहीं प्रशासन की ओर से भरोसा दिया गया था कि एक से दो दिन में सभी कामगारों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है. इंतजार लंबा हो रहा है और हर रोज वहां से केवल दिलासा दिया जा रहा है कि शाम में बाहर आएंगे तो अगले दिन बाहर आ जाएंगे. अब तो उन लोगों के कहे पर भरोसा भी नहीं हो रहा है. सबाह का चचेरा भाई भी उसी कंपनी में दूसरी जगह काम करता है. उसी के जरिए वहां की गतिविधियों की जानकारी मिल रही है."

सबाह अमहद उर्फ सैफ की तस्वीर
सबाह अमहद उर्फ सैफ की तस्वीर

ड्यूटी पर जाने से पहले पिता से की थी बात: पिता मिस्बाह अहमद बताते हैं कि अच्छी खबर के लिए हम सभी ईश्वर से अल्लाह से दुआ कर रहे हैं. सबाह सुरंग बनाने वाली नव योगा कंपनी में पिछले 12 सालों से काम कर रहा है. वह दो साल पहले इस परियोजना से जुड़े हैं. 32 वर्षीय सबाह अहमद उर्फ सैफ के पिता मिस्बाह अहमद ने बताया कि ड्यूटी जाने से पहले सबाह फोन पर बात किया था.

इसे भी पढ़ें- सिलक्यारा टनल में डाले गये 800 एमएम के छह पाइप, 62 में से 45 मीटर ड्रिलिंग पूरी, जल्द मिल सकती है खुशखबरी

पढ़ें-पहली बार देश के सामने आया उत्तरकाशी सिलक्यारा में फंसे मजदूरों का वीडियो, वॉकी टॉकी से की बात

उत्तरकाशी टनल हादसा से NHAI ने लिया सबक, हिमाचल में सुरंग निर्माण को लेकर की एडवाइजरी जारी

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मोबाइल पर सैफ से बात करते परिजन
मोबाइल पर सैफ से बात करते परिजन

उत्तरकाशी के टनल में फंसे आरा के सैफ: इस बीच सबाह अमहद उर्फ सैफ के परिवार वालो की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. अच्छी खबर की उम्मीद में एक एक दिन बीतता जा रहा है.पूरे परिवार में कमाने वाले एकलौते पुत्र के फंसने से माता-पिता समेत पत्नी की चिंता बढ़ती जा रही है. इधर सरकार के रेस्क्यू कार्य से परिवार में संतोष की जगह आक्रोश दिख रहा है.

ईटीवी भारत GFX
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लोग हर रोज दे रहे केवल दिलासा: सुरंग में फंसे भोजपुर के पेउर गांव के सबाह अहमद उर्फ सैफ के पिता मिस्बाह अहमद बताते हैं कि उनका बेटा उत्तराखंड में सड़क परियोजना में काम कर रही नव योगा कंपनी में पर्यवेक्षक है. 10 दिन पहले जब वहां सुरंग हादसे की खबर आई तो परिवार में कोहराम मच गया. अगले दिन उन्हें वॉकी-टॉकी की रिकार्डिंग की बेटे की आवाज घटनास्थल के पास से मोबाइल पर सुनाई गई.

सैफ के पिता दरवाजे पर ही नजरें टिकाए हुए हैं
सैफ के पिता दरवाजे पर ही नजरें टिकाए हुए हैं

'हमारा इंतजार लंबा होता जा रहा है'- सैफ के पिता: सैफ के पिता ने कहा कि "बेटे की आवाज सुनने के बाद थोड़ा सुकून मिला है. वहीं प्रशासन की ओर से भरोसा दिया गया था कि एक से दो दिन में सभी कामगारों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है. इंतजार लंबा हो रहा है और हर रोज वहां से केवल दिलासा दिया जा रहा है कि शाम में बाहर आएंगे तो अगले दिन बाहर आ जाएंगे. अब तो उन लोगों के कहे पर भरोसा भी नहीं हो रहा है. सबाह का चचेरा भाई भी उसी कंपनी में दूसरी जगह काम करता है. उसी के जरिए वहां की गतिविधियों की जानकारी मिल रही है."

सबाह अमहद उर्फ सैफ की तस्वीर
सबाह अमहद उर्फ सैफ की तस्वीर

ड्यूटी पर जाने से पहले पिता से की थी बात: पिता मिस्बाह अहमद बताते हैं कि अच्छी खबर के लिए हम सभी ईश्वर से अल्लाह से दुआ कर रहे हैं. सबाह सुरंग बनाने वाली नव योगा कंपनी में पिछले 12 सालों से काम कर रहा है. वह दो साल पहले इस परियोजना से जुड़े हैं. 32 वर्षीय सबाह अहमद उर्फ सैफ के पिता मिस्बाह अहमद ने बताया कि ड्यूटी जाने से पहले सबाह फोन पर बात किया था.

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Last Updated : Nov 22, 2023, 7:26 PM IST
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