मुंबई: मुंबई पुलिस द्वारा गठित एसआईटी टीम को दर्शन सोलंकी सुसाइड केस में एक सुसाइड नोट मिला है और जांच में काफी तेजी आ गई है. इस सुसाइड नोट में दर्शन ने आरोप लगाया है कि उसे एक छात्र ने परेशान किया और धमकाया. दर्शन सोलंकी आत्महत्या मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फनसालकर ने संयुक्त आयुक्त अपराध शाखा लखमी गौतम की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया.
इस टीम द्वारा जांच के दौरान एसआईटी को पता चला है कि दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के पीछे एक कारण उनके खिलाफ की गई जातिवादी टिप्पणियां भी थीं. साथ ही एसआईटी सूत्रों ने कहा कि एसआईटी टीम को दर्शन सोलंकी के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है, "अरमान ने मुझे मार डाला है." पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि छात्र की पहचान अरमान इकबाल खत्री के रूप में हुई है, जिस पर सोलंकी को परेशान करने और धमकी देने का आरोप है. वह सुसाइड नोट पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
दर्शन के परिवार का आरोप: IIT के प्रोफेसर नंदकिशोर की अध्यक्षता में मामले की जांच हुई थी. उसके बाद, इस समिति ने स्पष्ट किया कि यह आत्महत्या जातिगत भेदभाव के कारण नहीं थी और इस तरह की रिपोर्ट प्रस्तुत की. इस रिपोर्ट का दर्शन के परिवार ने खंडन किया है. साथ ही, परिवार ने आरोप लगाया है कि जांच समिति ने जातिगत भेदभाव के किसी भी मुद्दे पर विचार नहीं किया.
जांच रिपोर्ट खारिजः जांच कमेटी ने पहले ही तय कर लिया था कि जांच किस दिशा में होनी चाहिए. हमने आईआईटी प्रशासन के साथ-साथ पवई पुलिस को जो बयान दिया, उसका जिक्र आईआईटी की उस रिपोर्ट में नहीं है. इसलिए उन्होंने रिपोर्ट में पीड़ित परिवार का पक्ष नहीं रखा. इसलिए दर्शन के परिवार ने यह गंभीर आरोप लगाया है कि यह रिपोर्ट एकतरफा है.
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