जयपुर: राजस्थान में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों की ओर से किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act) के तहत भूमि कुर्की और नीलामी की कार्यवाही की जा रही है. गहलोत सरकार के अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश (CM Ashok Gehlot bans agricultural land auction) दिए गए हैं. राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें. गहलोत सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने को तैयार है.
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है. गहलोत ने कहा कि मुझे दुख है कि इस कानून के नहीं बनने के कारण ऐसी नौबत आई. मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी.
बता दें, अलवर के रैणी में किसानों की जमीन नीलाम करने का एक विज्ञापन बैंक की ओर से जारी किया गया था. इस मामले में प्रशासन का कहना था कि यह बैंक की सतत प्रक्रिया है, जो लगातार चलती रहती है. अलवर के अलावा दौसा और आसपास के जिलों में भी बैंक की ओर से किसानों की जमीन नीलाम करने के लिए इश्तिहार निकाले गए हैं.
SDM ने जारी किया था कुर्की का विज्ञापन
अलवर के रैणी में 11 किसानों की जमीन गुरुवार को नीलाम (Farmers land auctioned in Alwar) करने के लिए रैणी SDM की तरफ से कुर्की का विज्ञापन जारी किया गया था. बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की तरफ से डिफाल्टर किसानों की सूचना प्रशासन को भेजी गई थी. ओमप्रकाश मीणा निवासी बहडको, बरफी ओर पूनी मीणा निवासी परवेणी, सोनी मीणा, कृपाल ओर कमलेश निवासी चांदपुर, सांवरिया निवासी रैणी लक्ष्मण, शांती रमेश बैरवा ओर मोतीलाल निवासी नांगल बास की जमीन नीलाम करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. हालांकि, गहलोत सरकार के निर्देश के बाद प्रशासन ने नीलामी का फैसला वापस ले लिया था.