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PM Modi US Visit: कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा प्रणाली आसान बनाएगा अमेरिका- रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं. पीएम मोदी की राजकीय यात्रा के बदले जो बाइडन प्रशासन भारतीयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना सकता है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि बाइडेन प्रशासन कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा को आसान बनाने की योजना पर काम कर रहा है.

PM Modi US Visit
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Published : Jun 22, 2023, 2:20 PM IST

वाशिंगटन डीसी: पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं. आज उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति से औपचारिक मुलाकात होगी. उसके बाद पीएम मोदी अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे. अमेरिकी दौरे के दौरान दोनों के बीच तमाम समझौते भी होंगे. इसी सिलसिले में बाइडेन प्रशासन एक महत्वपूर्ण फैसला लेने जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा प्रणाली को आसान बनाने की योजना पर काम कर रहा है. बाइडेन प्रशासन भारतीयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना देगा.

अमेरिकी प्रशासन यह फैसला, तब ले रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं. अमेरिकी विदेश विभाग आज यह घोषणा कर सकता है कि एच-1बी वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी अन्य देशों की यात्रा किए बिना अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे. सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारत में अमेरिकी दूतावासों में वीजा आवेदनों के बैकलॉग को साफ करने की एक अलग पहल से प्रगति के संकेत दिख रहे हैं और इस सप्ताह वॉशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस पर चर्चा होने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रौद्योगिकी उद्योग के कर्मचारी भी शामिल हैं. अब तक, एच-1बी वीजा धारकों और आवेदकों का एक बड़ा प्रतिशत भारत से है. वित्तीय साल 2022 में लगभग 4,42,000 एच1-बी श्रमिकों में से 73 प्रतिशत भारतीय नागरिक थे.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार हर साल अमेरिकी सरकार उन कंपनियों को 65,000 एच1-बी वीजा उपलब्ध कराती है, जो कुशल विदेशी कर्मचारी रखने का इरादा रखती हैं और उन्नत डिग्री वाले श्रमिकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध कराती है. श्रमिकों के लिए वीजा तीन साल के लिए वैध रहता है और इसे अगले तीन वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है.

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रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कुछ अस्थायी विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में अपने वीजा को नवीनीकृत करने की अनुमति देने के फैसले से अन्य देशों में वाणिज्य दूतावासों में वीजा साक्षात्कार के लिए संसाधन मुक्त हो जाएंगे. सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट कार्यक्रम में एल-1 वीजा वाले कुछ कर्मचारी शामिल होंगे.

इससे पहले मार्च में अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने घोषणा की थी कि देश को वित्तीय वर्ष 2024 के लिए कांग्रेस द्वारा अनिवार्य एच-1बी वीजा सीमा तक पहुंचने के लिए आवश्यक पर्याप्त संख्या में इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्राप्त हो गए हैं. यूएससीआईएस ने बयान में कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष) 2024 एच-1बी संख्यात्मक आवंटन (एच-1बी कैप) तक पहुंचने के लिए प्रारंभिक पंजीकरण अवधि के दौरान पर्याप्त इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्राप्त हुए हैं.

(एजेंसी)

वाशिंगटन डीसी: पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं. आज उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति से औपचारिक मुलाकात होगी. उसके बाद पीएम मोदी अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे. अमेरिकी दौरे के दौरान दोनों के बीच तमाम समझौते भी होंगे. इसी सिलसिले में बाइडेन प्रशासन एक महत्वपूर्ण फैसला लेने जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका कुशल भारतीय श्रमिकों के लिए वीजा प्रणाली को आसान बनाने की योजना पर काम कर रहा है. बाइडेन प्रशासन भारतीयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना देगा.

अमेरिकी प्रशासन यह फैसला, तब ले रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं. अमेरिकी विदेश विभाग आज यह घोषणा कर सकता है कि एच-1बी वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी अन्य देशों की यात्रा किए बिना अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे. सूत्रों से जानकारी मिली है कि भारत में अमेरिकी दूतावासों में वीजा आवेदनों के बैकलॉग को साफ करने की एक अलग पहल से प्रगति के संकेत दिख रहे हैं और इस सप्ताह वॉशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस पर चर्चा होने की उम्मीद है.

आपको बता दें कि भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रौद्योगिकी उद्योग के कर्मचारी भी शामिल हैं. अब तक, एच-1बी वीजा धारकों और आवेदकों का एक बड़ा प्रतिशत भारत से है. वित्तीय साल 2022 में लगभग 4,42,000 एच1-बी श्रमिकों में से 73 प्रतिशत भारतीय नागरिक थे.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार हर साल अमेरिकी सरकार उन कंपनियों को 65,000 एच1-बी वीजा उपलब्ध कराती है, जो कुशल विदेशी कर्मचारी रखने का इरादा रखती हैं और उन्नत डिग्री वाले श्रमिकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध कराती है. श्रमिकों के लिए वीजा तीन साल के लिए वैध रहता है और इसे अगले तीन वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है.

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रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कुछ अस्थायी विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में अपने वीजा को नवीनीकृत करने की अनुमति देने के फैसले से अन्य देशों में वाणिज्य दूतावासों में वीजा साक्षात्कार के लिए संसाधन मुक्त हो जाएंगे. सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलट कार्यक्रम में एल-1 वीजा वाले कुछ कर्मचारी शामिल होंगे.

इससे पहले मार्च में अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने घोषणा की थी कि देश को वित्तीय वर्ष 2024 के लिए कांग्रेस द्वारा अनिवार्य एच-1बी वीजा सीमा तक पहुंचने के लिए आवश्यक पर्याप्त संख्या में इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्राप्त हो गए हैं. यूएससीआईएस ने बयान में कहा कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) को वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष) 2024 एच-1बी संख्यात्मक आवंटन (एच-1बी कैप) तक पहुंचने के लिए प्रारंभिक पंजीकरण अवधि के दौरान पर्याप्त इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्राप्त हुए हैं.

(एजेंसी)

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