भोपाल. हर चुनाव का एक हाईलाइट बयान होता है, जो कई बार पूरे चुनाव की टोन सेट कर जाता है. एमपी के विधानसभा चुनाव में क्या गाली की पॉवर ऑफ अटार्नी, इसी तरह का बयान है. एमपी में विधानसभा चुनाव के शबाब पर आने से पहले ये खुलासा भी हो गया कि राजनीति में गाली खाने की भी पॉवर ऑफ अटार्नी दी जाती है. कपड़ा फाड़ो राजनीति पर कमलनाथ की सफाई और दिग्विजय को संबोधित बयान ने नए ढंग से तूल पकड़ लिया है.
जानिए राजनीति में गालियां खाने की किस पॉवर ऑफ अटार्नी को लेकर सियासत में सवाल खड़े हो रहे हैं. इस मामले में सीएम शिवराज के दिए गए एक बयान के कई अर्थ हैं जिसमें वो कहते हैं, कांग्रेस के नेता गालियां खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी भी देते हैं.
गाली सुनने कौन बांट रहा है पॉवर ऑफ अटॉर्नी: कमलनाथ की पहचान अब एक ऐसे नेता के तौर पर भी होगी, जो गाली खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी दूसरे नेता को सौंपते हैं. सीधे तौर पर कहें तो गालियां किसी और के हिस्से. सार्वजनिक मंच से ये अटॉर्नी दिग्विजय सिंह के नाम कर चुके हैं. कांग्रेस ने इसे भले दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच का हंसी मज़ाक बताया हो. लेकिन तू डाल- डाल तो मैं पात- पात के अंदाज में चुनाव में राह तके बैठी बीजेपी इसे मुद्दे की शक्ल दे चुकी है.
सीएम शिवराज ने इस मुद्दे पर कई तरह से कांग्रेस और कमलनाथ को घेरा है. शिवराज ने पूछा है कि कमलनाथ जी ऐसे काम ही क्यों करते हैं कि गाली खाने की नौबत आए. फिर उसकी भी पॉवर ऑफ अटार्नी दिग्विजय सिंह के नाम. जिसकी अभी तक वैलेडिटी भी है. शिवराज ने कहा धन्य है.
कांग्रेस राजनीति में गालियां खाने वाली कतार अलग होती है. लेकिन दिग्विजय सिंह से अपने रिश्तों को सहज करने की कोशिश में कमलनाथ जो कह गए उसने बल्कि इस मामले को और मुश्किल बना दिया. बीजेपी को थाली में परोसकर दिया है मुद्दा, जिसे पार्टी पूरे तबीयत से इस्तेमाल भी कर रही है.
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दिग्विजय पर निशाना साधने का फिर मिला मौका: कमलनाथ ने हंसी ठिठौली में कहा हो भले कि उन्होने गाली खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी दिग्विजय सिंह को दे रखी है. लेकिन ये मज़ाक भी उन्हें मंहगा पड़ गया. सीएम शिवराज ने इसी अथॉरिटी क आधार पर सवाल किया कि सरकार चलाने की अथॉरिटी किसके पास रही और उन्होने बीजेपी के ऑलटाइम फेवरिट दिग्विजय सिंह पर इस बहाने हमला बोला. शिवराज ने उनके दस साल के शासनकाल का भी जिक्र किया.
पॉवर ऑफ अटार्नी पर क्या बोले शिवराज: शिवराज ने कहा कि काम बांटे हुए. गालियां खाने की पावर ऑफ अटार्नी भी दी हुई है. गाली खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी दिग्विजय सिंह को दे रखी, जो अभी तक वैलिड है. शिवराज ने कहा मैं पूछना चाहता हूं कमलनाथ से कि ऐसा काम ही क्यों करती हो कि गाली खाना पड़े. गाली खाना पड़े तो खुद ना खाएं दूसरे को पॉवर ऑफ अट्रॉर्नी दे दें. ऐसे सरकार चलाने की पॉवर ऑफ अटार्नी दिग्विजय सिंह को दे रखी थी. पहले भी प्रदेश का बंटाधार हो गया. बाद में भी बंटाधार हुआ. शिवराज ने कहा कि धन्य है कांग्रेस के नेता जो गालियां खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी भी देते हैं.