लखनऊ: राजधानी में स्थित भारतेंदु नाट्य अकादमी (बीएनए) फिल्म एक्टिंग, नाटक, लाइटिंग, डायरेक्शन व इससे जुड़ी सभी विधाओं के अपने पाठ्यक्रम से लेकर प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. संस्थान के नए निदेशक ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही भारतेंदु नाट्य अकादमी को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के तर्ज पर तैयार करने की कवायद शुरू की है. इसके तहत भारतेन्दु नाट्य अकादमी में पूरी तरह नया पाठ्यक्रम बनाने की तैयारी है. सबसे पहले सिलेबस कमेटी का गठन किया जाएगा. नए दौर की जरूरतों को देखते हुए नाट्य कला, लाइट एण्ड डिजाइनिंग का पाठ्यक्रम डिजाइन होगा. बीएनए को विस्तार दिया जाएगा. साथ ही सीट बढ़ाने की भी तैयारी हो रही है. प्रदेश के बाहर के छात्रों को भी यहां प्रवेश देने की तैयारी है.
कई चरणों से गुजरने के बाद ही मिलेगा प्रवेश
बीएनए के नए निदेशक बिपिन कुमार ने बताया कि अभी तक भारतेंदु नाट्य अकादमी के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश इंटरव्यू के आधार पर ही हो जाता है. अब इसमें बदलाव किया जाएगा. संस्थान में संचालित डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को अब केवल साक्षात्कार ही नहीं देना होगा. उन्होंने बताया कि संस्थान में तैयार हो रहे नए नियम के तहत कोर्स में बदलाव तो होगा ही साथ ही प्रवेश प्रक्रिया के भी कई चरण होंगे. इसमें पहले छात्रों को लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और फिर एक वर्कशॉप से गुजरना होगा. इसके बाद उसमें टॉप रहने वाले छात्रों को ही अकादमी में प्रवेश दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के लागू होने से भारतेंदु नाट्य अकादमी को प्रतिभावान युवा मिलेंगे. इससे इस संस्थान का नाम भी नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की तरह पूरे देश में प्रसिद्ध होगा. निदेशक ने बताया कि इसके अलावा प्रवेश के लिए संभवत प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर चार सेंटर बनाए जाएंगे. जहां छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया के विभिन्न चरणों से गुजरना होगा. इसके बाद अंतिम चरण में वर्कशॉप संस्थान में कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह वर्कशॉप कितने दिन का होगा यह भी तय किया जाएगा.
अन्य प्रदेशों के युवाओं को भी मौका
निदेशक बिपिन कुमार ने बताया कि अभी तक भारतेंदु नाट्य अकादमी में पूरे प्रदेश के युवा प्रवेश ले सकते हैं. दूसरे राज्य के युवाओं को अभी तक प्रवेश का मौका नहीं दिया जाता है. संस्थान की तैयार हो रही नई नियमावली में प्रदेश के बाहर के युवाओं को भी प्रवेश देने के नियम भी बनाए जाएंगे, इसके लिए उनका कितना कोटा निर्धारित होगा यह कमेटी द्वारा किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि हर युवा नेशनल स्कूल आफ ड्रामा में प्रवेश नहीं ले सकता है. ऐसे में भारतेंदु नोट अकादमी जैसे विख्यात संस्थानों में प्रवेश के लिए उनके पास बेहतर विकल्प हो सकता है. इससे न केवल छात्रों का ही भला होगा बल्कि भारतेंदु नाट्य अकादमी की ख्याति बढ़ेगी और यहां से अच्छे कलाकार निकलकर फिल्म और टीवी जगत में संस्थान का नाम रोशन करेंगे.
निदेशक ने बताया कि अभी तक संस्थान में बोर्ड ऑफ स्टडीज व एकेडमिक काउंसिल जैसी चीज है नहीं है. हमारा पहला लक्ष्य इनका गठन कर संस्थान के सिलेबस और प्रवेश को बढ़ाना है. मौजूदा समय में संस्थान में संचालित डिप्लोमा कोर्स में केवल 20 युवाओं को ही प्रवेश दिया जाता है. नए सत्र से इसकी संख्या में भी बढ़ोतरी होगी. साथी कई तरह के और दूसरे प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे.