चंडीगढ़: नए कृषि कानूनों को लेकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की वर्किंग कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला खुद को किसानों का हमदर्द बताते हैं, जबकि दूसरी तरफ महाभारत के शिखंडी की भूमिका निभा रहे हैं.
योगेंद्र यादव ने कहा कि अकाली दल के भाजपा से अलग होने पर कहा कि पंजाब ने पहला विकेट गिरा दिया, जबकि दूसरा विकेट हरियाणा का बॉलर गिराएगा. यानी दुष्यंत चौटाला भी भाजपा से अलग हो जाएंगे.
यह है आगे की रणनीति
योगेंद्र यादव ने बताया कि 14 अक्टूबर को एमएसपी अधिकार दिवस बनाया जाएगा, जबकि 26 नवंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया है. योगेंद्र यादव का दावा है कि सड़क पर आंदोलन कर इन कानूनों को वापस करवाएंगे.
उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को सिरसा में 17 किसान संगठन हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मांगेंगे. उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला खुद को चौधरी देवीलाल का वंशज बताते हैं, जबकि एक भी कद्दावर किसान नेता इस कानून के पक्ष में नहीं है. भाजपा के आरएसएस का किसान संघ भी इसके समर्थन नहीं कर रहा है.
'जवाब नहीं तो इस्तीफा दो'
योगेंद्र यादव ने कहा कि दुष्यंत चौटाला से 10 सवालों के जवाब मांगे जाएंगे. अगर जवाब नहीं दिया तो इस्तीफा मांगा जाएगा. चौधरी देवी लाल की राजनीतिक विरासत पर दावा करने वाला व्यक्ति महाभारत के शिखंडी की भूमिका अदा करे, यह हरियाणा के किसानों को मंजूर नहीं है.
'कानून संसद से पास हुआ, लेकिन सड़क पर फेल होगा'
योगेंद्र यादव ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर देशभर में आंदोलन हो रहे हैं, जबकि केवल हरियाणा और पंजाब में आंदोलन की बात फैलाई जा रही है. 25 सितंबर को 20 प्रदेशों के 10 हजार स्थानों पर आंदोलन हुआ.
योगेंद्र यादव ने कहा कि तमिलनाडु में 300 जगह प्रदर्शन हुआ, जबकि कर्नाटक में दो दिन किसानों ने पूरे कर्नाटक को बंद करके रखा. पंजाब से शुरू हुई चिंगारी धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रही है और इस कानून को पास करने का फैसला संसद में लिया गया मगर सड़क पर इसे रद्द करवाने पर मजबूर किया जाएगा.