नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी के चार राज्यसभा सांसद आज बीजेपी में शामिल हुए. टीडीपी के चारों सदस्यों ने वाई एस चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी का दामन थामा. 2014 में बनी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी ने कहा कि काफी समय से टीडीपी से अलग होने का विचार चल रहा था और पार्टी में बात नहीं सुने जाने पर मार्च 2018 में ही इस्तीफा लिख दिया था.
बता दें, राज्यसभा में तेदेपा के चार सदस्यों वाई एस चौधरी, सी एम रमेश, जी मोहन राव, और टी जी वेंकटेश ने अपने धड़े का भाजपा में विलय करने के अनुरोध का प्रस्ताव नायडू को सौंपा है.
संवाददाताओं से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि राज्य का विकास सहयोग से हो सकता है ना कि टकराव से. उन्होंने संभवत: तेदेपा प्रमुख को आड़े हाथ लेते हुए यह कहा, जिनका आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र सरकार से तकरार चली आ रही है.
चौधरी ने आगे कहा कि उन्होंने कई बार नायडू के सामने अपनी बात रखी लेकिन टीडीपी अध्यक्ष ने उसके विपरीत ही निर्णय लिया. चौधरी ने बताया कि उन्होंने 8 मार्च 2018 को ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
चौधरी ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के साथ पिछली सरकार में काम करने का अनुभव है इसलिए मुझे पीएम मोदी में पूरा विश्वास है. बता दें, तेदेपा के भाजपा नीत राजग से बाहर निकलने से पहले चौधरी मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में मंत्री थे.
पिछले साल आयकर विभाग ने चौधरी और रमेश के कार्यालय परिसरों में छापा मारा था. कर चोरी और धन शोधन के आरोपों को लेकर यह कार्रवाई की गई थी.
तेदेपा के चारों सांसदों ने कहा कि काफी चर्चा के बाद तेदेपा के राज्यसभा में संसदीय दल का भाजपा में तत्काल प्रभाव से विलय करने का फैसला लिया गया.
तेदपा के चार सांसदों के इस फैसले से राज्यसभा में भाजपा का संख्या बल बढ़ेगा, जहां (उच्च सदन में) सत्तारूढ़ राजग को अब तक बहुमत नहीं है.
राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है. उच्च सदन में सर्वाधिक 71 सदस्यों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है. तेदेपा के लोकसभा में भी तीन सदस्य हैं.