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पानी, स्वच्छता, शारीरिक दूरी कोविड-19 के प्रसार रोकने में आवश्यक : डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक हालिया बयान में कहा है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में पानी और स्वच्छता की भूमिका को पहचानने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा समर्थन को प्राथमिकता देने वाले नेता जीवन बचाएंगे. कोरोना अंतिम महामारी नहीं होगी, जो देशों को सामना करना पड़ेगा. इसमें कहा गया है कि भविष्य के संकटों के प्रति निर्भरता इस बात पर होगा कि हम अब कितनी अच्छी तरह काम करते हैं.

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Published : May 17, 2020, 8:47 PM IST

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विश्व स्वास्थ्य संगठन

हैदराबाद : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक हालिया बयान में कहा कि पानी, स्वच्छता, हाथ की सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक है. जीवन बचाने के लिए अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्य तंत्र की रक्षा करना भी जरुरी है. पानी और साबुन से हाथ धोने से वायरस मर जाता है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की बहाव की आवश्यकता होती है.

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं को योजनाएं को प्राथमिकता देना चाहिए. बयान में जोर देकर कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में पानी और स्वच्छता की भूमिका को पहचानने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा समर्थन को प्राथमिकता देने वाले नेता जीवन बचाएंगे.

इस बयान पर विश्व के कई नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष भी शामिल है. डब्ल्यूएचओ ने सभी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक नेताओं से इसमें शामिल होने का आह्वान किया है.

सभी के लिए पानी, स्वच्छता और स्वच्छता उपलब्ध कराना, असमानताओं को दूर करना और किसी को भी नहीं छोड़ना, उन लोगों की देखभाल करना जो कोविड​​-19 के दौरान कमजोर वर्ग से हैं. इसमें बुजुर्ग, विकलांग लोग, महिलाएं और लड़कियां तथा अनिश्चित परिस्थितियों में रहने वाले लोग, जैसे कि अनौपचारिक बस्तियों, शरणार्थी शिविरों, हिरासत केंद्रों, बेघर लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनकी आजीविका सीमित या नष्ट हो गई है. ये उपाय ना केवल कोविड-19 से कमजोर आबादी को बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अन्य संक्रामक रोगों को भी रोक सकते हैं, जो पानी, स्वच्छता और सफाई सेवाओं के बाधित होने पर फैल सकता है.

सभी हितधारकों के साथ पानी और स्वच्छता सेवाओं पर समन्वय बनाकर काम करना, सभी के सहयोग से काम करना, चाहे सार्वजनिक, निजीदाता या नागरिक समाज से कोई भी कोविड से आबादी की रक्षा के लिए कुछ पेशकश करे. समन्वित कार्रवाई अधिक प्रभावी है. इसमें स्वास्थ्य देखभाल के लिए सार्वजनिक, निजी वाणिज्यिक भवनों और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के प्रवेश बिंदुओं पर हैंडवाशिंग सुविधाओं को स्थापित करने के लिए तत्काल कार्रवाई शामिल है. राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुभवों के आदान-प्रदान से स्वच्छता और जल के लिए साझेदारी का महत्वपूर्ण मंच बनाया जाना हैं.

यह सुनिश्चित करना कि पानी और सफाई व्यवस्था लोगों के आसान और टिकाऊ है. ताकि लोगों का स्वास्थ्य रक्षा करने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों का समर्थन कर सके. स्वच्छता वस्तुओं और सेवाओं के लिए माल उत्पादन क्षमता हर हालत में निर्बाध रूप से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चालू रहे. हर कीमत उत्पादन कार्य बनाए रखा जाना चाहिए. बिना किसी व्यवधान के लोगों को ऐसी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम जल और स्वच्छता कर्मचारियों को भी पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए.

आपातकालीन समय के लिए देशों को वित्त तैयारी को प्राथमिकता देना. आपातकालीन समय के लिए वित्तपोषण का दीर्घकालिक समाधान को पहले से ही ध्यान में रखना चाहिए. सभी के लिए पानी और स्वच्छता तक पहुंच आसान और सस्ती होनी चाहिए. इसके लिए सेवा प्रदाताओं का समर्थन करना और मदद करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता हो सकती है.

सटीक जानकारी को पारदर्शी तरीके से पेश करना. वैज्ञानिक सलाह पर आधारित सुसंगत और तर्कसंगत संदेश सभी के लिए सुलभ करना. लोगों को खतरा समझने में मदद करे और सभी को तदनुसार कार्य करने में सक्षम करेगा.

बयान में कहा गया है कि कोविड-19 पहला और अंतिम महामारी नहीं होगी, जो देशों को सामना करना पड़ेगा. इसमें कहा गया है कि भविष्य के संकटों के प्रति निर्भरता इस बात पर होगा कि हम अब कितनी अच्छी तरह काम करते हैं. साथ ही अपनी नीतियों, संस्थानों और क्षमताओं को सामान्य समय के दौरान कैसे जल्द लागू करते हैं.

हैदराबाद : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक हालिया बयान में कहा कि पानी, स्वच्छता, हाथ की सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक है. जीवन बचाने के लिए अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्य तंत्र की रक्षा करना भी जरुरी है. पानी और साबुन से हाथ धोने से वायरस मर जाता है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की बहाव की आवश्यकता होती है.

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं को योजनाएं को प्राथमिकता देना चाहिए. बयान में जोर देकर कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने में पानी और स्वच्छता की भूमिका को पहचानने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा समर्थन को प्राथमिकता देने वाले नेता जीवन बचाएंगे.

इस बयान पर विश्व के कई नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष भी शामिल है. डब्ल्यूएचओ ने सभी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक नेताओं से इसमें शामिल होने का आह्वान किया है.

सभी के लिए पानी, स्वच्छता और स्वच्छता उपलब्ध कराना, असमानताओं को दूर करना और किसी को भी नहीं छोड़ना, उन लोगों की देखभाल करना जो कोविड​​-19 के दौरान कमजोर वर्ग से हैं. इसमें बुजुर्ग, विकलांग लोग, महिलाएं और लड़कियां तथा अनिश्चित परिस्थितियों में रहने वाले लोग, जैसे कि अनौपचारिक बस्तियों, शरणार्थी शिविरों, हिरासत केंद्रों, बेघर लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनकी आजीविका सीमित या नष्ट हो गई है. ये उपाय ना केवल कोविड-19 से कमजोर आबादी को बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अन्य संक्रामक रोगों को भी रोक सकते हैं, जो पानी, स्वच्छता और सफाई सेवाओं के बाधित होने पर फैल सकता है.

सभी हितधारकों के साथ पानी और स्वच्छता सेवाओं पर समन्वय बनाकर काम करना, सभी के सहयोग से काम करना, चाहे सार्वजनिक, निजीदाता या नागरिक समाज से कोई भी कोविड से आबादी की रक्षा के लिए कुछ पेशकश करे. समन्वित कार्रवाई अधिक प्रभावी है. इसमें स्वास्थ्य देखभाल के लिए सार्वजनिक, निजी वाणिज्यिक भवनों और सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के प्रवेश बिंदुओं पर हैंडवाशिंग सुविधाओं को स्थापित करने के लिए तत्काल कार्रवाई शामिल है. राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुभवों के आदान-प्रदान से स्वच्छता और जल के लिए साझेदारी का महत्वपूर्ण मंच बनाया जाना हैं.

यह सुनिश्चित करना कि पानी और सफाई व्यवस्था लोगों के आसान और टिकाऊ है. ताकि लोगों का स्वास्थ्य रक्षा करने और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों का समर्थन कर सके. स्वच्छता वस्तुओं और सेवाओं के लिए माल उत्पादन क्षमता हर हालत में निर्बाध रूप से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चालू रहे. हर कीमत उत्पादन कार्य बनाए रखा जाना चाहिए. बिना किसी व्यवधान के लोगों को ऐसी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम जल और स्वच्छता कर्मचारियों को भी पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए.

आपातकालीन समय के लिए देशों को वित्त तैयारी को प्राथमिकता देना. आपातकालीन समय के लिए वित्तपोषण का दीर्घकालिक समाधान को पहले से ही ध्यान में रखना चाहिए. सभी के लिए पानी और स्वच्छता तक पहुंच आसान और सस्ती होनी चाहिए. इसके लिए सेवा प्रदाताओं का समर्थन करना और मदद करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता हो सकती है.

सटीक जानकारी को पारदर्शी तरीके से पेश करना. वैज्ञानिक सलाह पर आधारित सुसंगत और तर्कसंगत संदेश सभी के लिए सुलभ करना. लोगों को खतरा समझने में मदद करे और सभी को तदनुसार कार्य करने में सक्षम करेगा.

बयान में कहा गया है कि कोविड-19 पहला और अंतिम महामारी नहीं होगी, जो देशों को सामना करना पड़ेगा. इसमें कहा गया है कि भविष्य के संकटों के प्रति निर्भरता इस बात पर होगा कि हम अब कितनी अच्छी तरह काम करते हैं. साथ ही अपनी नीतियों, संस्थानों और क्षमताओं को सामान्य समय के दौरान कैसे जल्द लागू करते हैं.

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