कोलकाता. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के बीच का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. खबर है कि उत्तर 24 परगना जिले में खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीजेपी दफ्तर का ताला तोड़ने पहुंचीं. हालांकि टीएमसी का यह दावा है कि यह उसका दफ्तर है जिस पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया था.
बता दें कि 30 मई को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट के साथ दिल्ली में शपथ ले रहे थे, उसी समय बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ममता बनर्जी धरना-प्रदर्शन कर रही थीं.
नैहाटी में रैली को संबोधित करने के बाद ममता बनर्जी बीजेपी दफ्तर पर पहुंचीं. यहां उन्होंने अपने सामने ताले तुड़वाए. सीएम ममता के आदेश पर ऑफिस से भगवा रंग और कमल का निशान हटाया गया.
जानकारी के मुताबिक बीजेपी दफ्तर पर कब्जा करने के बाद ममता ने अपने सामने ही सफेदी करवाईं. इसके बाद उन्होंने खुद दीवार पर अपनी पार्टी टीएमसी का चिन्ह पेंट कर पार्टी का नाम भी लिखा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि वह यह टीएमसी का दफ्तर था और इस पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया था.
अब ममता बनर्जी के नेतृत्व में इस दफ्तर कर टीएमसी ने कब्जा कर लिया है.
बता दें कि इस दौरान ममता के काफिले के समक्ष लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए. इस पर ममता ने कहा कि जिन लोगों ने यह नारे लगाए थे वे सभी बाहरी और बीजेपी के लोग थे.
ममता ने आरोप लगाया कि वे सभी उन्हें गाली दे रहे थे. वे सभी अपराधी हैं.
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अनुभवी नेता हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में जय श्री राम के नारे पर उनका व्यवहार असामान्य और अजीब है. ममता बीजेपी के प्रदर्शन से बौखलाई हुई हैं. वह और उनके संसदीय क्षेत्र आसनसोल के लोग ममता बनर्जी को गेट वेल सून के कार्ड भेजेंगे.