तिरुवनंतपुरम : अगर इंसान में कुछ करने की इच्छा हो तो दुनिया में कुछ असंभव नहीं है. तिरुवनंतपुरम के सिजो ने यह सच कर दिखाया है, जो दुनिया में आने के चार महीने बाद से ही दिव्यांग (दृष्टिहीन) हैं.
सिजो ने केरल सेकेंडरी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) की 10वीं कक्षा की परीक्षा में उच्च स्कोर हासिल किए हैं. सभी विषयों में उन्हें ए प्लस ग्रेड मिला है. सिजो ने तिरुवनंतपुरम के नेत्रहीन विजुथाकुड स्कूल से सातवीं तक पढ़ाई की. जब उन्होंने एसएनवी स्कूल में दाखिला लिया तो उनकी आंखों में केवल आशा थी. सिजो ने पाठों को सुना और ऑडियो रिकॉर्डिंग और ब्रेल स्क्रिप्ट की मदद से पढ़ाई जारी रखी.
सिजो ने अपने दोस्त अभिजीत की मदद से अपनी एसएसएलसी की परीक्षा लिखी. अभिजीत 9वीं कक्षा में पढ़ता है. सिजो ने प्रश्न पत्रों में उल्लिखित प्रश्नों के उत्तर बताए और अभिजीत ने उन्हें सुना कर कॉपी में लिखा. पढ़ाई के साथ-साथ, सिजो क्रिकेट, कविता और ओरेशन में रुचि रखते है.
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सिजो की महत्वाकांक्षा कॉलेज लेक्चरर बनने की है. इसके अलावा सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के बाद सिजो आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं. साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम में भी खेलना चाहते हैं. वह फिलहाल केरल राज्य ब्लाइंड क्रिकेट टीम में शामिल हैं. सिजो के पिता एक ऑटो चालक हैं, जो सिजो और सिजो के भाई लीजो के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. सीजो के भाई लीजो भी दिव्यांग हैं.