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कश्मीर पर चीन का बयान दुर्भाग्यपूर्ण : पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश

चीन ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर पर भारत के कदम का विरोध किया है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि किसी भी देश को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पड़ी करने की अनुमति नहीं है. इस प्रकरण को लेकर पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश से ईटीवी भारत ने बातचीत की. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश
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Published : Oct 10, 2019, 5:35 PM IST

Updated : Oct 10, 2019, 9:01 PM IST

नई दिल्ली : चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की भारत की बहुप्रतीक्षित यात्रा से पहले बीजिंग ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर भारतीय कदम पर कड़ा रुख अपनाया है. गौरतलब है कि पीएम मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक मुलाकात के लिए जिंनपिंग भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आने वाले हैं.

पाकिस्तान के साथ अपने संयुक्त बयान में, चीन ने कश्मीर में भारत के एकतरफा कदम का विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के माध्यम से विवाद के समाधान की बात कही. साथ ही चीन ने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये मसला सुलझाने को कहा.

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश की ईटीवी भारत से बातचीत

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में चीनी बयान को खारिज करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. आपको बता दें कि विष्णु प्रकाश ने चीन में भी सेवा की है. उन्होंने भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और बीजिंग को इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

विष्णु प्रकाश ने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि चीन पाकिस्तान के बहकावे में नहीं आएगा और ऐसे बयान नहीं देगा, जिससे भारत के चीन के साथ द्विपक्षीय संबधों पर बुरा असर पड़ेगा.'

पढ़ें - जिनपिंग-मोदी वार्ता के लिए कड़ी निगरानी के बीच तैयारियां अंतिम दौर में

चीन का यह बयान चीनी राष्ट्रपति की आगामी यात्रा को कैसे प्रभावित करेगा, इसपर पूर्व राजदूत ने कहा, 'यह बात हमारे संज्ञान में है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से अभियान चला रहा है. साथ ही जम्मू-कश्मीर के बारे में बातें कर रहा है, जो तथ्यों से परे है.'

कश्मीर पर चीन की टिप्पणी का विदेश मंत्रालय ने भी कड़ा विरोध किया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी अन्य देश को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.

नई दिल्ली : चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की भारत की बहुप्रतीक्षित यात्रा से पहले बीजिंग ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर भारतीय कदम पर कड़ा रुख अपनाया है. गौरतलब है कि पीएम मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक मुलाकात के लिए जिंनपिंग भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आने वाले हैं.

पाकिस्तान के साथ अपने संयुक्त बयान में, चीन ने कश्मीर में भारत के एकतरफा कदम का विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के माध्यम से विवाद के समाधान की बात कही. साथ ही चीन ने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये मसला सुलझाने को कहा.

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश की ईटीवी भारत से बातचीत

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में चीनी बयान को खारिज करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. आपको बता दें कि विष्णु प्रकाश ने चीन में भी सेवा की है. उन्होंने भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और बीजिंग को इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

विष्णु प्रकाश ने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि चीन पाकिस्तान के बहकावे में नहीं आएगा और ऐसे बयान नहीं देगा, जिससे भारत के चीन के साथ द्विपक्षीय संबधों पर बुरा असर पड़ेगा.'

पढ़ें - जिनपिंग-मोदी वार्ता के लिए कड़ी निगरानी के बीच तैयारियां अंतिम दौर में

चीन का यह बयान चीनी राष्ट्रपति की आगामी यात्रा को कैसे प्रभावित करेगा, इसपर पूर्व राजदूत ने कहा, 'यह बात हमारे संज्ञान में है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से अभियान चला रहा है. साथ ही जम्मू-कश्मीर के बारे में बातें कर रहा है, जो तथ्यों से परे है.'

कश्मीर पर चीन की टिप्पणी का विदेश मंत्रालय ने भी कड़ा विरोध किया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी अन्य देश को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.

Intro:New Delhi: Ahead of the much awaited visit of Chinese President Xi Jingping to India for the second informal meet with PM Modi, Beijing has taken a firm stand on India's Kashmir move siding with Pakistan.


Body:In its joint statement with Pakistan, China opposed India's unilateral move in Kashmir and called for solution of the dispute through UN charter. It even called both India and Pakistan to resolve issues through dialogue.

Dennouncing China's remark, former ambassador Vishnu Prakash who has also served in China called it unfortunate. He reiterated India's continuous stand that Kashmir is an internal matter and Beijing should desist from making such comments.

'I do hope that China reflects a bit and refrains from getting carried away by the mischievous campaign of Pakistan and comment on things which can have impact on our bilateral relationship,' said ambassador Prakash.


Conclusion:On how it might impact the upcoming visit of the Chinese President, the former envoy said, 'we do take note of the fact that China has been campaigning on behalf of Pakistan at international forums and also talking about J&K in a manner which is not consistent with facts.'

China's remark on Kashmir also received a strong opposition from the Ministry of External Affairs. In its statement it drew a clear line saying that no other countries are allowed to comment on India's internal affairs.
Last Updated : Oct 10, 2019, 9:01 PM IST
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