नई दिल्ली : चीनी राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की भारत की बहुप्रतीक्षित यात्रा से पहले बीजिंग ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर भारतीय कदम पर कड़ा रुख अपनाया है. गौरतलब है कि पीएम मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक मुलाकात के लिए जिंनपिंग भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आने वाले हैं.
पाकिस्तान के साथ अपने संयुक्त बयान में, चीन ने कश्मीर में भारत के एकतरफा कदम का विरोध किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के माध्यम से विवाद के समाधान की बात कही. साथ ही चीन ने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिये मसला सुलझाने को कहा.
पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने ईटीवी भारत से बातचीत में चीनी बयान को खारिज करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. आपको बता दें कि विष्णु प्रकाश ने चीन में भी सेवा की है. उन्होंने भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और बीजिंग को इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए.
विष्णु प्रकाश ने कहा, 'मैं आशा करता हूं कि चीन पाकिस्तान के बहकावे में नहीं आएगा और ऐसे बयान नहीं देगा, जिससे भारत के चीन के साथ द्विपक्षीय संबधों पर बुरा असर पड़ेगा.'
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चीन का यह बयान चीनी राष्ट्रपति की आगामी यात्रा को कैसे प्रभावित करेगा, इसपर पूर्व राजदूत ने कहा, 'यह बात हमारे संज्ञान में है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से अभियान चला रहा है. साथ ही जम्मू-कश्मीर के बारे में बातें कर रहा है, जो तथ्यों से परे है.'
कश्मीर पर चीन की टिप्पणी का विदेश मंत्रालय ने भी कड़ा विरोध किया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी अन्य देश को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.