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कुंभ पर कांग्रेस नेता की टिप्पणी पर विहिप ने दी कड़ी प्रतिक्रिया - विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल

कांग्रेस ने कुंभ मेले के खर्च पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभ मेले पर 42 सौ करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए. इस मुद्दे पर विश्व हिन्दू परिषद ने कांग्रेस पर हमला बोला है. पढ़ें पूरी खबर..

विनोद बंसल
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Published : Oct 16, 2020, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता उदित राज के द्वारा कुंभ मेले पर सरकारी खर्च न किए जाने वाले ट्वीट के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है और प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. हालांकि उदित राज ने एक बार ट्वीट डिलीट किया लेकिन दोबारा पोस्ट करते हुए इस विषय पर बहस की चुनौती दे डाली. अब विश्व हिन्दू परिषद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने शुक्रवार को जारी व्यक्तव्य में कहा कि जब मदरसों के फंडिंग पर बात चली तो कांग्रेसियों ने कुंभ जैसे पवित्र और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के ऊपर सवाल उठाए हैं. यह जमीन को आसमान से तुलना करने जैसा है.

विहिप प्रवक्ता ने कांग्रेस से सवाल किया कि कुंभ के अनुमानित 4200 करोड़ के खर्च पर ऐतराज करने वालों ने यह क्यों नहीं देखा कि कुंभ मेले से लगभग एक लाख 20 हजार करोड़ की आमदनी भी हुई.

वहीं अब तक मदरसों पर पिछले 70 वर्षों में कई लाख करोड़ खर्च किए, लेकिन क्या कांग्रेस की सरकार को एक भी रुपये की आमदनी हुई?

विनोद बंसल ने आगे कहा कि अभी राजस्थान की सरकार ने प्रत्येक मदरसे को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है. क्या इसे सेकुलर सरकार कहेंगे? यदि सरकार सेक्युलर है तो उन्हें यह कम्युनल काम नहीं करना चाहिए. राजस्थान की कांग्रेस सरकार को यह घोषित करना चाहिए कि वह कम्युनल हैं या सेक्युलर.

विहिप प्रवक्ता ने आगे कहा कि जो लोग संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 का हवाला देते हैं और अल्पसंख्यकों की बात करते हैं. वह यह नहीं बताते कि संविधान में कहीं भी माइनॉरिटी की व्याख्या ही नहीं है, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है वह माइनॉरिटी कैसे हो सकती है? माइनॉरिटी के नाम पर देश में बहुसंख्यक समुदाय पर अतिवादी हमले किए जाते हैं और उनके संसाधनों का दोहन किया जाता है.

चीन, सिंगापुर, जापान और फ्रांस जैसे विकसित देशों का उदाहरण देते हुए विनोद बंसल ने बताया कि इन सभी देशों में मदरसों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. यहां तक कि पाकिस्तान में भी मदरसों को प्रतिबंधित किया गया है. कश्मीर के शोपियां में मदरसे में आतंकी गतिविधियों की बात सामने आई थी.

यह भी पढ़ें- कुंभ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, भाजपा बोली- यह है गांधी परिवार की सच्चाई

यदि सरकारें काम करना चाहती हैं तो उन्हें इन मदरसों की निगरानी करनी चाहिए और साम्प्रदायिक शिक्षा को बिल्कुल बढ़ावा नहीं देना चाहिए. कांग्रेस को अब अपने अंतर्मन में झांकने की आवश्यकता है.

कांग्रेस नेता उदित राज ने स्पष्टीकरण देते हुए जरूर कहा था कि कुंभ मेले पर होने वाले सरकारी खर्च पर की गई टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और इसमें कांग्रेस पार्टी को जबरदस्ती घसीटा जा रहा है, लेकिन भाजपा, विहिप और कुछ अन्य धार्मिक नेताओं ने इस मामले पर सीधे सीधे कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बहरहाल कांग्रेस ने उदित राज के बयान से किनारा कर लिया है.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता उदित राज के द्वारा कुंभ मेले पर सरकारी खर्च न किए जाने वाले ट्वीट के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है और प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. हालांकि उदित राज ने एक बार ट्वीट डिलीट किया लेकिन दोबारा पोस्ट करते हुए इस विषय पर बहस की चुनौती दे डाली. अब विश्व हिन्दू परिषद ने इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस पर हमला बोला है.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने शुक्रवार को जारी व्यक्तव्य में कहा कि जब मदरसों के फंडिंग पर बात चली तो कांग्रेसियों ने कुंभ जैसे पवित्र और दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के ऊपर सवाल उठाए हैं. यह जमीन को आसमान से तुलना करने जैसा है.

विहिप प्रवक्ता ने कांग्रेस से सवाल किया कि कुंभ के अनुमानित 4200 करोड़ के खर्च पर ऐतराज करने वालों ने यह क्यों नहीं देखा कि कुंभ मेले से लगभग एक लाख 20 हजार करोड़ की आमदनी भी हुई.

वहीं अब तक मदरसों पर पिछले 70 वर्षों में कई लाख करोड़ खर्च किए, लेकिन क्या कांग्रेस की सरकार को एक भी रुपये की आमदनी हुई?

विनोद बंसल ने आगे कहा कि अभी राजस्थान की सरकार ने प्रत्येक मदरसे को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है. क्या इसे सेकुलर सरकार कहेंगे? यदि सरकार सेक्युलर है तो उन्हें यह कम्युनल काम नहीं करना चाहिए. राजस्थान की कांग्रेस सरकार को यह घोषित करना चाहिए कि वह कम्युनल हैं या सेक्युलर.

विहिप प्रवक्ता ने आगे कहा कि जो लोग संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 का हवाला देते हैं और अल्पसंख्यकों की बात करते हैं. वह यह नहीं बताते कि संविधान में कहीं भी माइनॉरिटी की व्याख्या ही नहीं है, जो देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है वह माइनॉरिटी कैसे हो सकती है? माइनॉरिटी के नाम पर देश में बहुसंख्यक समुदाय पर अतिवादी हमले किए जाते हैं और उनके संसाधनों का दोहन किया जाता है.

चीन, सिंगापुर, जापान और फ्रांस जैसे विकसित देशों का उदाहरण देते हुए विनोद बंसल ने बताया कि इन सभी देशों में मदरसों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. यहां तक कि पाकिस्तान में भी मदरसों को प्रतिबंधित किया गया है. कश्मीर के शोपियां में मदरसे में आतंकी गतिविधियों की बात सामने आई थी.

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यदि सरकारें काम करना चाहती हैं तो उन्हें इन मदरसों की निगरानी करनी चाहिए और साम्प्रदायिक शिक्षा को बिल्कुल बढ़ावा नहीं देना चाहिए. कांग्रेस को अब अपने अंतर्मन में झांकने की आवश्यकता है.

कांग्रेस नेता उदित राज ने स्पष्टीकरण देते हुए जरूर कहा था कि कुंभ मेले पर होने वाले सरकारी खर्च पर की गई टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और इसमें कांग्रेस पार्टी को जबरदस्ती घसीटा जा रहा है, लेकिन भाजपा, विहिप और कुछ अन्य धार्मिक नेताओं ने इस मामले पर सीधे सीधे कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बहरहाल कांग्रेस ने उदित राज के बयान से किनारा कर लिया है.

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