नई दिल्ली : कश्मीर के मसले पर भारत विरोधी रवैये वाले तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से भेंटकर अभिनेता आमिर खान विवादों में घिर गए हैं. अब विश्व हिंदू परिषद ने भी इस भेंट पर सवाल उठाए हैं.
विहिप ने कहा है कि आजकल कुछ अभिनेताओं का भारत विरोधियों से प्यार ज्यादा ही बढ़ने लगा है. तुर्की की प्रथम महिला से मिलकर एक भारतीय अभिनेता का फूला नहीं समाना बहुत कुछ संकेत देता है.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, 'जिन अभिनेताओं को भारतीय दर्शकों ने सिर-आंखों पर बैठाया, वही आज भारत विरोधी तुर्की की प्रथम महिला से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. इससे देश की जनभावनाएं आहत हुई हैं. अब तो आमिर खान के बारे में सोचना ही पड़ेगा.'
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि देश के कुछ नेता और अभिनेता ऐसी हरकतें समय-समय पर करते रहे हैं, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं. कुछ समय पहले दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहते हुए जफरुल इस्लाम ने कट्टरपंथी मुस्लिम देशों का नाम लेते हुए भारत को धमकाने वाली पोस्ट लिखी थी.
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से राम मंदिर को लेकर विवादित ट्वीट करते हुए तुर्की की हागिया सोफिया का उदाहरण दिया था.
उन्होंने आगे कहा कि अब अभिनेता आमिर खान ने फिल्म प्रमोशन के लिए भारत विरोधी तुर्की की प्रथम महिला से मुलाकात को प्राथमिकता देकर निंदनीय कार्य किया है. लेकिन भारत के दर्शक सब समझते हैं. ऐसे फिल्म अभिनेताओं के बारे में अब देशवासियों को सोचना पड़ेगा.
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दरअसल, तुर्की में फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग के लिए गए अभिनेता आमिर खान ने वहां के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन की पत्नी एमिने एर्दोआन से भेंट की थी. जैसे ही तुर्की की प्रथम महिला ने आमिर खान के साथ मुलाकात वाली तस्वीरें बीते 15 अगस्त को सोशल मीडिया पर जारी कीं, तो विवाद खड़ा हो गया.
लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तुर्की ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भारतीय फैसले का विरोध करते हुए पाकिस्तान के दावे का समर्थन किया, उस तुर्की की प्रथम महिला से देश के अभिनेता ने क्यों मुलाकात की?
सोशल मीडिया पर उठते सवालों के बीच अब विश्व हिंदू परिषद ने भी बयान जारी कर अभिनेता आमिर खान पर निशाना साधा है.