पठानकोट: जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के रसाना में आठ साल की एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और उसके बाद हत्या के मामले में अदालत ने सजा सुनाई. अदालत ने तीन दोषियों को उम्रकैद और तीन को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है.
इससे पहले अदालत ने छह आरोपी को दोषी ठहराया था. अदालत ने सांजी राम, दीपक खजुरिया, परवेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसी केस में सबूत मिटाने के दोषी पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरेन्द्र वर्मा और तिलक राज को पांच-पांच साल की सजा दी गई है.
कठुआ रेप केस में फैसले से पहले अदालत को छावनी में तब्दील कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी और हिंसक स्थित उत्पन्न न हो. बचाव पक्ष के वकील एके सोनी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण का राजनीतिकरण करा दिया गया है. बचाव पक्ष के वकील अंकुश शर्मा ने बताया कि अगर हमारे हक में फैसला नहीं आता तो वह हाईकोर्ट जाएंगे.
महिला कार्यकर्ता तनवीर फातिमा ने अदालत के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इस फैसले से लोगों में भरोसा आएगा.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के आरोप पत्र के अनुसार, अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की आठ वर्षीय एक लड़की का 10 जनवरी, 2018 को अपहरण कर कठुआ जिले के एक गांव के एक धार्मिक स्थल में कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.
पिछले साल 7 मई को, सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार के कहने पर कठुआ से लगभग 26 किमी दूर पठानकोट में मुकदमे को स्थानांतरित कर दिया था. शीर्ष अदालत का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था.
अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था.गौरतलब है कि इस मामले में जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किये थे. एक युवक पर नाबालिग होने के कारण केस शुरू नहीं हुआ है.