फरीदकोट : आज पूरी दुनिया जानलेवा कोरोना वायरस से घिरी हुई है. सभी देश कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और संक्रमितोंं के इलाज में लगे हुए हैं. स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग विशेष रूप से इस कार्य में दिन-रात लगे हुए हैं. ऐसी ही एक कोशिश फरीदकोट के कोटकपूरा के रहने वाले पिता-पुत्र ने की है.
रतन अग्रवाल और उनके बेटे ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों की मदद से एक वेंटिलेटर बनाया है. इस वेंटिलेटर की कीमत 50,000 रुपये से भी कम है.
गौरतलब है कि ये पिता-पुत्र पेशे से इंजीनियर नहीं हैं, फिर भी उन्होंने बड़े-बड़े इंजीनियरों को पीछे छोड़ यह कारनामा कर दिखाया है.
बाबा फरीद विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रोफेसरों ने सोमवार को इस वेंटिलेटर का सफल परीक्षण किया. डॉक्टरों ने मानव शरीर की डमी बनाकर इसका परीक्षण किया.
कुलपति प्रोफेसर राज बहादुर ने बताया कि कोटकापुरा का रहने वाले रतन अग्रवाल ने, जो पेशे से इंजीनियर नहीं हैं, अपनी विशेष प्रतिभा के जरिए एक उपकरण विकसित किया है. इस उपकरण को वेंटिलेटर प्रतिस्थापन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस वेंटिलेटर को रतन और उनके बेटे ने विश्वविद्यालय के एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों के मार्गदर्शन और सहायता से तैयार किया है.
प्रोफेसर राज बहादुर ने बताया कि वेंटिलेटर में एक अम्बु बैग लगा हुआ है. इसे दबाव में रखने के लिए कुछ सहायक उपकरण लगाए गए हैं ताकि इसके दबाव को आवश्यकतानुसार बढ़ाया या कम किया जा सके.
यह भी पढ़ें-पांच राज्यों का परामर्श- बुखार, खांसी की दवा खरीदने वालों का रिकॉर्ड रखें दुकानदार
उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में अगर किसी को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए यह वेंटिलेटर मददगार साबित होगा. प्रोफेसर ने कहा कि इस वेंटिलेटर का नाम बाबा फरीद विश्वविद्यालय के नाम पर रखा गया है.
वहीं इस वेंटिलेटर को बनाने वाले रतन ने बताया कि उन कोरोना योद्धाओं को ध्यान में रख कर उन्होंने इसे तैयार किया है, जो अपनी जान पर खेल कर कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहे हैं. अगर उन्हें कभी संक्रमण होता है और उन्हें अगर जरूरत पड़ती है तो यह सस्ता वेंटिलेटर उनकी जान बचाने में मददगार साबित होगा.