नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने विभिन्न मंत्रालयों की विभाग संबंधी स्थायी समितियों की अनुदान मांगों की रिपोर्ट को संसद से बजट को मंजूरी मिलने से पहले पेश करने का सुझाव देते हुए कहा है कि बाद में इन रिपोर्टेां को पेश किए जाने से समितियों के सुझावों पर सरकार को विचार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है.
नायडू ने शुक्रवार को संसद का बजट सत्र शुरु होने पर राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक में यह सुझाव देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से अनुरोध किया कि वह सभी समितियों के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ सामंजस्य कायम कर अनुदान की मांग संबंधी रिपोर्टों को समय से पेश करने को सुनिश्चित करें.
राज्यसभा सचिवालय के बयान के अनुसार सभापति ने कहा कि इन रिपोर्ट को समय से सदन पटल पर पेश करने के बारे में वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी विचार विमर्श करेंगे.
बैठक में मौजूद सभी दलों के नेताओं ने नायडू के सुझाव का स्वागत किया. बैठक में उपसभापति हरिवंश, नेता सदन थावरचंद गहलोत, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, जोशी, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य केन्द्रीय मंत्री और विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे.
नायडू ने पिछले दो सत्र के दौरान उच्च सदन में बेहतर काम की गति को बजट सत्र में भी बरकरार रखने का सभी दलों के नेताओं से अनुरोध किया.
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साथ ही उन्होंने सत्र के दौरान सदन में और विभिन्न समितियों में सदस्यों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी दलों के नेताओं से इस दिशा में कारगर पहल करने की अपील की.
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई. इसके बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण और राष्ट्रपति के अभिभाषण को
चर्चा के लिए सदन पटल पर पेश किया गया. शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट प्रस्तुत करेंगी.