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2020 तक वैष्णो देवी मंदिर का अपना आपदा प्रतिक्रिया बल होगा - माता वैष्णो देवी मंदिर आपदा प्रतिक्रिया बल

माता वैष्णो देवी मंदिर में किसी भी तरह की आपदा की स्थिति से निपटने के लिए बोर्ड के कर्मचारियों को पंजाब में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की सातवीं बटालियन के मुख्यालय में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

वैष्णो देवी मंदिर
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Published : Jun 23, 2019, 11:37 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के पास अगले वर्ष सितम्बर तक अपना आपदा प्रतिक्रिया बल होगा. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. इस मंदिर में प्रति वर्ष दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं.

माता वैष्णो देवी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में सबसे पहले पहुंचने वाले बोर्ड के कर्मचारियों का प्रशिक्षण पंजाब में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की सातवीं बटालियन के मुख्यालय में शुरू हो चुका है.

जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले के त्रिकूटा की पहाड़ियों पर स्थित मंदिर में पिछले वर्ष 86 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा है.

सिंह ने कहा, '25 कर्मचारियों के पहले जत्थे का छह हफ्ते का प्रशिक्षण 18 मई को शुरू हुआ और यह लगभग पूरा होने वाला है. हम मंदिर का अपना आपदा प्रतिक्रिया बल बनाने के लिए 180 कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की योजना बना रहे हैं.'

पढ़ें-गुजरात के मंदिर में घुसा मगरमच्छ, पूजा-पाठ में जुटे ग्रामीण, देखें वीडियो

उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाके को ध्यान में रखते हुए मंदिर बोर्ड और एनडीआरएफ ने इस वर्ष की शुरुआत में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था.
उन्होंने कहा, 'हमारे जिन कर्मचारियों की सेवा 15 से 20 वर्ष बची हुई है और जो तंदुरूस्त हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कर्मचारियों में सुरक्षा, चिकित्सा एवं सहयोग शाखा, सफाईकर्मी, रिसेप्शनिस्ट, सेल्समैन और खानपान सेवा शाखा के लोग शामिल होंगे.'

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के पास अगले वर्ष सितम्बर तक अपना आपदा प्रतिक्रिया बल होगा. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. इस मंदिर में प्रति वर्ष दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं.

माता वैष्णो देवी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिमरनदीप सिंह ने कहा कि किसी भी तरह की आपदा की स्थिति में सबसे पहले पहुंचने वाले बोर्ड के कर्मचारियों का प्रशिक्षण पंजाब में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की सातवीं बटालियन के मुख्यालय में शुरू हो चुका है.

जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले के त्रिकूटा की पहाड़ियों पर स्थित मंदिर में पिछले वर्ष 86 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा है.

सिंह ने कहा, '25 कर्मचारियों के पहले जत्थे का छह हफ्ते का प्रशिक्षण 18 मई को शुरू हुआ और यह लगभग पूरा होने वाला है. हम मंदिर का अपना आपदा प्रतिक्रिया बल बनाने के लिए 180 कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की योजना बना रहे हैं.'

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उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाके को ध्यान में रखते हुए मंदिर बोर्ड और एनडीआरएफ ने इस वर्ष की शुरुआत में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था.
उन्होंने कहा, 'हमारे जिन कर्मचारियों की सेवा 15 से 20 वर्ष बची हुई है और जो तंदुरूस्त हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कर्मचारियों में सुरक्षा, चिकित्सा एवं सहयोग शाखा, सफाईकर्मी, रिसेप्शनिस्ट, सेल्समैन और खानपान सेवा शाखा के लोग शामिल होंगे.'

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JK-VAISHNO DEVI
Vaishno Devi shrine to have own disaster response force by Sept 2020
         Jammu, Jun 23 (PTI) The Mata Vaishno Devi shrine, a religious pilgrimage atop a hilltop that attracts lakhs of devotees from across the world every year, will get a dedicated in-house disaster response force by September next year, a senior official said Sunday.
         Simrandeep Singh, the Chief Executive Officer of the Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board (SMVDSB), said training of the board staff who will be the first respondents in case of any eventuality has already begun at the headquarters of 7th battalion of National Disaster Response Force (NDRF) in Punjab.
         Nearly 86 lakh pilgrims visited the shrine, atop the Trikuta hills in Reasi district of Jammu region, last year, highest in the last five years.
         "The six week training of the first batch of 25 staff started on May 18 and is almost heading for completion. We are planning to train 180 employees by September next year to prepare a dedicated disaster response force for the shrine," Singh told PTI.
         He said the shrine board and the NDRF signed a Memorandum of Understanding (MoU) early this year keeping in mind the hilly terrain and need to impart advanced disaster management training to the shrine board staff in batches to keep them in a state of readiness for effectively and promptly responding to any disaster situation.
         "All our employees who have 15 to 20 years service left and are fit will undergo this training capsule. They include staff from security, medical and assistance wings, sweepers, receptionists, salesmen and catering providers," he said.
         Praising NDRF, Singh said the force is not charging any fee for the training of the shrine board staff to ensure a quick response in the wake of any fire incident, earthquake, landslides or any other emergency situation.
         To further augment the disaster management preparedness, the CEO said an NDRF team would conduct a comprehensive audit of the disaster management stores set up by the board at various locations on the track and in the Bhawan area so that, wherever required, these are further replenished and strengthened by adding latest gadgets and equipment.
         In March, a team of the NDRF conducted a mock exercise on the yatra track near the Bhawan area in order to analyze and evaluate the level of preparedness to most effectively and promptly respond to any emergency situation.
The shrine board is also planning to set up an emergency operation centre as part of its disaster preparedness. PTI TAS
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