वॉशिंगटन : अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने रोजगार आधारित वीजा कार्यक्रमों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें एच-1 बी वीजा शामिल है. बता दें कि H-1B अमेरिका में काम करने वाले प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए वर्क वीजा है.
यूएससीआईएस के जोसेफ एडलो ने कांग्रेस (संसद) की सुनवाई के दौरान सांसदों को बताया कि यूएससीआईएस ने नए नियम, नीति और कुछ परिवर्तन लागू किए हैं जो अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों के आर्थिक हितों की रक्षा करते हैं और रोजगार आधारित वीजा कार्यक्रमों में दुरुपयोग और धोखाधड़ी को रोकते हैं.
इन बदलावों में फीस सुनिश्चित करना भी शामिल है. अब चुनिंदा एच-1बी याचिकाकर्ताओं को फीस देनी होगी. इस राशि का उपयोग अमेरिकी श्रमिकों को ट्रेनिंग देने में किया जाएगा. इसके अलावा एक वर्षीय विदेशी रोजगार की आवश्यकता के लिए एल-1 याचिकाओं के लिए दिशानिर्देशों को स्पष्ट किया गया है करना है. इसका मकसद नियमित न्यायिक निर्णय को सुनिश्चित करना है.
अन्य बदलावों में एच-1 बी की चयन प्रक्रिया को बदल रहे हैं ताकि लाभार्थियों के लिए चयन की संभावना बढ़ सके, जिन्होंने अमेरिकी संस्थान से मास्टर डिग्री या उच्चतर शिक्षा अर्जित की है.
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ट्रंप प्रशासन ने एच-1 बी नियोक्ता डेटा हब बनाने के साथ-साथ यूएससीआईएस एच-1 बी और एच-2 बी धोखाधड़ी ऑनलाइन रिपोर्टिंग फॉर्म भी बनाया है.
H-2B वीजा अल्पकालिक श्रमिकों के लिए है जबकि L-1 इंटरनल ट्रांसफर के लिए है.
यूएससीआईएस ने संयुक्त राज्य अमेरिका में काम करने के लिए अधिकृत H-1B वीजा धारक गैर-अप्रवासियों की संख्या का आकलन करते हुए पहली रिपोर्ट जारी की है और इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग की व्यवस्था की है.