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मोदी राज के दौरान रक्षा क्षेत्र में आए कई उतार-चढ़ावः रक्षा विशेषज्ञ

रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले पांच सालों में रक्षा क्षेत्र ने बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने कहा कि जीडीपी के बजट में कटौती हुई हैं वहीं भाजपा के राज में रक्षा क्षेत्र में कईं उतार चढ़ाव भी आए. रक्षा क्षेत्र को लेकर गोखले ने क्या कुछ कहा जानिये....

नितिन गोखले ने की रक्षा क्षेत्र की बात
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Published : Apr 16, 2019, 7:51 PM IST

नई दिल्लीः रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने बड़ी उपलब्धियों का दावा किया है. इसमें आधुनिक साजो-सामान से लेकर नीतिगत मामले शामिल हैं. हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ की राय कुछ अलग है.

इस विषय पर रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र बहुत सी उपलब्धियों का साक्षी है. यह सही है.

गोखले ने कहा कि "पिछले पांच सालों में कुछ मुद्दों पर बहस भी हुई है. हालांकि एकीकरण में कोई सुधार नहीं आया है."

उन्होंने कहा कि जनता ने उम्मीद की थी कि सरकार सीडीएस (रक्षा स्टाफ के वरिष्ठ) से बात करे, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

उनके अनुसार भाजपा ने पहले सीडीएस की प्रक्रिया शुरू की थी. भारतीय थल सेना और जलसेना ने इसे भी इसका साथ दिया था, लेकिन यह वायुसेना के खिलाफ था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले

पढ़ेंः BJP ने चुनाव आयोग से फिर लगाई राहुल गांधी की शिकायत, जातिगत टिप्पणी का आरोप

रक्षा बजट पर जानकारी देते हुए नितिन गोखले ने बताया कि इसे बढ़ाया गया है, लेकिन जीडीपी का बजट कम हुआ है. पिछले पांच सालों में रक्षा क्षेत्र ने बहुत सी सफलताएं हासिल की हैं.

गोखले ने आगे कहा कि इस सरकार ने डीपीपी को दोहराया है. एवं इसे और भी ज्यादा उद्योगों के अनुकूल बनाया है.

इस समय में सरकार ने अंतरिक्ष सुरक्षा, विशेष बलों को लेकर बहुत सी सी सफलताएं देखी हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा प्राथमिकता सलाहकार निकाय का नासा के अंतर्गत हुआ निर्माण भी एक बड़ी उपलब्धि है.

सरकार ने लड़ाकू विमान, पनडुब्बी जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद की नीतियों में भी तेजी दिखाई है.

नई दिल्लीः रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने बड़ी उपलब्धियों का दावा किया है. इसमें आधुनिक साजो-सामान से लेकर नीतिगत मामले शामिल हैं. हालांकि, रक्षा विशेषज्ञ की राय कुछ अलग है.

इस विषय पर रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र बहुत सी उपलब्धियों का साक्षी है. यह सही है.

गोखले ने कहा कि "पिछले पांच सालों में कुछ मुद्दों पर बहस भी हुई है. हालांकि एकीकरण में कोई सुधार नहीं आया है."

उन्होंने कहा कि जनता ने उम्मीद की थी कि सरकार सीडीएस (रक्षा स्टाफ के वरिष्ठ) से बात करे, लेकिन कुछ नहीं हुआ.

उनके अनुसार भाजपा ने पहले सीडीएस की प्रक्रिया शुरू की थी. भारतीय थल सेना और जलसेना ने इसे भी इसका साथ दिया था, लेकिन यह वायुसेना के खिलाफ था.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले

पढ़ेंः BJP ने चुनाव आयोग से फिर लगाई राहुल गांधी की शिकायत, जातिगत टिप्पणी का आरोप

रक्षा बजट पर जानकारी देते हुए नितिन गोखले ने बताया कि इसे बढ़ाया गया है, लेकिन जीडीपी का बजट कम हुआ है. पिछले पांच सालों में रक्षा क्षेत्र ने बहुत सी सफलताएं हासिल की हैं.

गोखले ने आगे कहा कि इस सरकार ने डीपीपी को दोहराया है. एवं इसे और भी ज्यादा उद्योगों के अनुकूल बनाया है.

इस समय में सरकार ने अंतरिक्ष सुरक्षा, विशेष बलों को लेकर बहुत सी सी सफलताएं देखी हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा प्राथमिकता सलाहकार निकाय का नासा के अंतर्गत हुआ निर्माण भी एक बड़ी उपलब्धि है.

सरकार ने लड़ाकू विमान, पनडुब्बी जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद की नीतियों में भी तेजी दिखाई है.

Intro:New Delhi: The last five years of Narendra Modi government has witnessed ups and downs in the defence sector.


Body:Talking to ETV Bharat, national security analyst Nitin Gokhle on Tuesday has said that India's Defence sector has witnessed several achievements.

"However, the past five years also had some factors which have raised controversies," said Gokhale.

He said that no major reforms in integration took place. "People expected this government to take a call on Chief of Defence Staff (CDS), but nothing happened," said Gokhale.

In fact, the BJP Governmnet had earlier initiated the process for the creation of CDS. The army and navy had reportedly supported the move but it was opposed by the Indian air force.

Gokhale said that the percentage of the defence budget of the GDP has gone down.

"Defence budget allocation has been increased but defence percentage of the GDP has gone down," said Gokhale.

The security analyst, however, said that the last five years also witnessed several breakthroughs in the defence sector.

"This Governmnet has revised the defence procurement policy making it more industry friendly...The period has also witnessed more integrated approach to the national defence with space security, cyber security and special forces," analysed Gokhale.


Conclusion:He said that creation of the national defence priority advisory body under NSA was also an achievement.

"The Governmnet has also speed up policies for procuring critical equipment like fighter aircraft, submarines etc," said Gokhale.

end
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