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रात में लगने वाले चंद्र ग्रहण के सूतक काल शुरू होने से पहले बनारस में संपन्न हुई गंगा आरती

चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1:31 बजे से आरंभ होगा. जिसका मोक्ष 17 जुलाई की सुबह 4:31 बजे होगा. ग्रहण के नौ घंटे पहले से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी है. इस वजह से विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती शाम 7 बजे की जगह दोपहर 3 बजे की गई.

निर्धारित समय से पहले हुई गंगा आरती
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Published : Jul 16, 2019, 10:55 PM IST

वाराणसी: मंगलवार रात 1:31 बजे से खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. लगभग तीन घंटे तक चंद्र ग्रहण लगेगा. इसका असर धर्मनगरी वाराणसी में अभी से देखने को मिल रहा है. ग्रहण के नौ घंटे पूर्व 4:30 बजे से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी है. सूतक काल की शुरुआत के साथ ही धर्म शास्त्र में पूजा-पाठ, भगवान की आरती और अन्य चीजें प्रतिबंधित बताई गई हैं. इस वजह से काशी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध नियमित गंगा आरती शाम 7 बजे की जगह 3 बजे शुरू हुई और 4:30 बजे से पहले खत्म करा दी गई.

निर्धारित समय से पहले हुई गंगा आरती

इतना ही नहीं बनारस के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत मुख्य अन्य कई मंदिरों में भी भोर में होने वाली मंगला आरती के समय में परिवर्तन किया गया है. दरअसल 16 जुलाई की मध्यरात्रि के बाद 1:31 बजे से चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे खत्म होगा. इस वजह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मुख्य मंदिरों में शयन आरती के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. भोर में 3 बजे होने वाली नियमित गंगा आरती अपने दो घंटे विलंब से 4:45 के बाद शुरू होगी और 5:45 तक आरती संपन्न होने के बाद मंदिर में आम भक्तों को दर्शन मिल सकेगा.

पढ़ें-वाराणसी: चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले भीड़ से पटे गंगा घाट

यही वजह है कि ग्रहण के नौ घंटे पूर्व सूतक काल की वजह से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की तरफ से गंगा आरती को शाम 7 बजे की जगह दोपहर में 3 बजे संपन्न कराया गया. गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत ने बताया कि 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है, जब गंगा आरती अपने निर्धारित वक्त से पहले कराई जा रही है. इसके पहले 27 जुलाई 2018 को दिन में और 7 अगस्त 2017 को भी दोपहर 12 बजे गंगा आरती कराई गई थी, क्योंकि इस दौरान भी ग्रहण लगा था. दोपहर में गंगा आरती होने की वजह से आम दिनों की अपेक्षा भीड़ थोड़ी कम रही.

वाराणसी: मंगलवार रात 1:31 बजे से खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. लगभग तीन घंटे तक चंद्र ग्रहण लगेगा. इसका असर धर्मनगरी वाराणसी में अभी से देखने को मिल रहा है. ग्रहण के नौ घंटे पूर्व 4:30 बजे से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी है. सूतक काल की शुरुआत के साथ ही धर्म शास्त्र में पूजा-पाठ, भगवान की आरती और अन्य चीजें प्रतिबंधित बताई गई हैं. इस वजह से काशी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध नियमित गंगा आरती शाम 7 बजे की जगह 3 बजे शुरू हुई और 4:30 बजे से पहले खत्म करा दी गई.

निर्धारित समय से पहले हुई गंगा आरती

इतना ही नहीं बनारस के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत मुख्य अन्य कई मंदिरों में भी भोर में होने वाली मंगला आरती के समय में परिवर्तन किया गया है. दरअसल 16 जुलाई की मध्यरात्रि के बाद 1:31 बजे से चंद्र ग्रहण लग रहा है, जो 17 जुलाई की भोर में 4:30 बजे खत्म होगा. इस वजह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मुख्य मंदिरों में शयन आरती के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. भोर में 3 बजे होने वाली नियमित गंगा आरती अपने दो घंटे विलंब से 4:45 के बाद शुरू होगी और 5:45 तक आरती संपन्न होने के बाद मंदिर में आम भक्तों को दर्शन मिल सकेगा.

पढ़ें-वाराणसी: चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले भीड़ से पटे गंगा घाट

यही वजह है कि ग्रहण के नौ घंटे पूर्व सूतक काल की वजह से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की तरफ से गंगा आरती को शाम 7 बजे की जगह दोपहर में 3 बजे संपन्न कराया गया. गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत ने बताया कि 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है, जब गंगा आरती अपने निर्धारित वक्त से पहले कराई जा रही है. इसके पहले 27 जुलाई 2018 को दिन में और 7 अगस्त 2017 को भी दोपहर 12 बजे गंगा आरती कराई गई थी, क्योंकि इस दौरान भी ग्रहण लगा था. दोपहर में गंगा आरती होने की वजह से आम दिनों की अपेक्षा भीड़ थोड़ी कम रही.

Intro:वाराणसी: आज रात 1:31 पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है लगभग 3 घंटे के लिए चंद्र ग्रहण का व्यापक असर धर्मनगरी वाराणसी में अभी से देखने को मिल रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि ग्रहण के 9 घंटे पूर्व 4:30 बजे से सूतक काल की शुरुआत हो चुकी है और सूतक काल की शुरुआत के साथ ही धर्म शास्त्र में पूजा-पाठ भगवान की आरती व अन्य चीजें प्रतिबंधित बताई गई है जिसकी वजह से काशी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध नियमित गंगा आरती शाम 7:00 बजे की जगह 3:00 बजे शुरू हुई और 4:30 बजे से पहले खत्म करा दी गई. इतना ही नहीं चलेगा की वजह से बनारस के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समय मुख्य अन्य कई मंदिरों में भी भोर में होने वाली मंगला आरती के समय में परिवर्तन किया गया है.


Body:वीओ-01 दरअसल 16 जुलाई की मध्यरात्रि के बाद 1:31 पर आज चंद्र ग्रहण लग रहा है जो 17 जुलाई की भोर में 4:30 पर खत्म होगा इस वजह से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मुख्य मंदिरों में आज शयन आरती के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे और भोर में 3:00 बजे होने वाली नियमित गंगा आरती अपने 2 घंटे विलंब से 4:45 के बाद शुरू होगी और 5:45 तक आरती संपन्न होने के बाद मंदिर में आम भक्तों को दर्शन मिल सकेगा यही वजह है कि ग्रहण के 9 घंटे पूर्व सूतक काल की वजह से दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की तरफ से गंगा आरती को भी शाम 7:00 बजे की जगह दोपहर में 3:00 बजे संपन्न कराया गया. गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत ने बताया कि 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब गंगा आरती अपने निर्धारित वक्त से पहले कराई जा रही है इसके पहले 27 जुलाई 2018 को दिन में और 7 अगस्त 2017 को भी दोपहर 12:00 बजे गंगा आरती कराई गई थी क्योंकि इस दौरान भी ग्रहण लगा था.

बाईट- सुशांत मिश्र, अध्यक्ष, गंगा सेवा निधि
बाईट- दर्शनार्थी


Conclusion:वीओ-02 दोपहर में गंगा आरती होने की वजह से आम दिनों की अपेक्षा भीड़ थोड़ी कम रही और जो लोग भी गंगा आरती देखने पहुंच गए वह अपने आप को खुशनसीब मान रहे थे लूंगा कहना था कि शाम में गंगा आरती का वक्त निर्धारित है और ग्रहण की वजह से दोपहर में गंगा आरती हो रही है हम लोगों को इस आरती के दर्शन मिल गए इसलिए हम अपने को भाग्यशाली समझ रहे हैं. फिलहाल ग्रहण शुरू होने में अभी वक्त वक्त है लेकिन बनारस में अभी से ही ग्रह का असर देखने को मिल रहा है.

गोपाल मिश्र
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