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विकास दुबे एनकाउंटर : एसटीएफ ने कहा- गाय-भैसों के झुंड आने से पलटी गाड़ी - कानपुर मुठभेड़

कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एसटीएफ एनकाउंटर में मारा गया. शुक्रवार शाम को एसटीएफ ने प्रेस नोट जारी कर एनकाउंटर की पूरी जानकारी दी. वहीं एनकाउंटर के दौरान एसटीएफ के दो जवान भी घायल हो गए.

vikash dubey
विकास दुबे
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Published : Jul 10, 2020, 8:47 PM IST

लखनऊ : कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एसटीएफ एनकाउंटर में मार दिया गया. दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुई पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ के बाद से ही विकास फरार चल रहा था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि छह जवान घायल हो गए थे. पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें विकास दुबे की तलाश कर रही थी. नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान उसे एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

यूपी एसटीएफ की टीम गुरुवार रात उसे उज्जैन से लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई. एसटीएफ ने शुक्रवार शाम को प्रेस नोट जारी कर एनकाउंटर मामले की पूरी जानकारी दी. एसटीएफ ने जारी प्रेस नोट में बताया कि शुक्रवार को सुबह 6.35 बजे थाना सचेंडी के अंतर्गत कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ी पलट गई, जिसमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर आया जा रहा था.

UP stf letter
एसटीएफ द्वारा किया गया पत्र

एसटीएफ के अनुसार इस हासदे का फायदा उठाकर विकास दुबे पुलिसकर्मी का पिस्टल छीनकर भाग निकला, जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई, तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से विकास घायल हो गया. इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पढ़ें : उज्जैन पुलिस का वीडियो वायरल, कहा- 'उम्मीद है विकास कानपुर न पहुंचे'

अचानक गाय-भैसों का झुंड आने से पलटी गाड़ी
एसटीएफ के अनुसार रास्ते में अचानक से गाय-भैसों का झुंड सामने आ गया. चालक ने जानवरों को बचाने के लिए गाड़ी को अचानक से मोड़ दिया गया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सब इंस्पेक्टर पंकज सिंह, सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर और आरक्षी प्रदीप गंभीर रुप से घायल हो गए और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गए. इसका फायदा उठाकर विकास दुबे इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा.

ऐसे हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर
पीछे से दूसरे वाहन से आ रहे एसटीएफ के उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह पलटी गाड़ी के पास पहुंचे, तो उन्हें विकास के भागने की सूचना मिली. उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए भेजने का आदेश दिया और भाग रहे हिस्ट्रीशीटर का पीछा किया, तो विकास पुलिस की छीनी हुई पिस्टल से फायर करने लगा.

एसटीएफ के मुताबिक विकास दुबे को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश करते हुए एसटीएफ के जवान उसके काफी पास पहुंच गए, लेकिन विकास लगातार फायरिंग करता था. एसटीएफ की ओर से जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से विकास घायल हो गया. पुलिस की मदद से विकास को इलाज के लिए तुरंत सरकारी अस्पताल हैलट ले जाया गया, जहां जांच के बाद डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर आरक्षी विमल यादव घायल हो गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

लखनऊ : कानपुर मुठभेड़ का मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एसटीएफ एनकाउंटर में मार दिया गया. दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में हुई पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ के बाद से ही विकास फरार चल रहा था. इस मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि छह जवान घायल हो गए थे. पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें विकास दुबे की तलाश कर रही थी. नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान उसे एमपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

यूपी एसटीएफ की टीम गुरुवार रात उसे उज्जैन से लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई. एसटीएफ ने शुक्रवार शाम को प्रेस नोट जारी कर एनकाउंटर मामले की पूरी जानकारी दी. एसटीएफ ने जारी प्रेस नोट में बताया कि शुक्रवार को सुबह 6.35 बजे थाना सचेंडी के अंतर्गत कन्हैया लाल अस्पताल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ी पलट गई, जिसमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर आया जा रहा था.

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एसटीएफ द्वारा किया गया पत्र

एसटीएफ के अनुसार इस हासदे का फायदा उठाकर विकास दुबे पुलिसकर्मी का पिस्टल छीनकर भाग निकला, जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई, तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से विकास घायल हो गया. इलाज के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पढ़ें : उज्जैन पुलिस का वीडियो वायरल, कहा- 'उम्मीद है विकास कानपुर न पहुंचे'

अचानक गाय-भैसों का झुंड आने से पलटी गाड़ी
एसटीएफ के अनुसार रास्ते में अचानक से गाय-भैसों का झुंड सामने आ गया. चालक ने जानवरों को बचाने के लिए गाड़ी को अचानक से मोड़ दिया गया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सब इंस्पेक्टर पंकज सिंह, सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर और आरक्षी प्रदीप गंभीर रुप से घायल हो गए और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गए. इसका फायदा उठाकर विकास दुबे इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा.

ऐसे हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर
पीछे से दूसरे वाहन से आ रहे एसटीएफ के उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह पलटी गाड़ी के पास पहुंचे, तो उन्हें विकास के भागने की सूचना मिली. उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए भेजने का आदेश दिया और भाग रहे हिस्ट्रीशीटर का पीछा किया, तो विकास पुलिस की छीनी हुई पिस्टल से फायर करने लगा.

एसटीएफ के मुताबिक विकास दुबे को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश करते हुए एसटीएफ के जवान उसके काफी पास पहुंच गए, लेकिन विकास लगातार फायरिंग करता था. एसटीएफ की ओर से जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से विकास घायल हो गया. पुलिस की मदद से विकास को इलाज के लिए तुरंत सरकारी अस्पताल हैलट ले जाया गया, जहां जांच के बाद डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर आरक्षी विमल यादव घायल हो गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है.

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