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योगी सरकार ने मारी पलटी, मंत्री बोले - किसी भी होमगार्ड को नहीं निकाला जाएगा

उत्तर प्रदेश में होमगार्डों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह नये भत्तों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है. हालांकि होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि किसी को नहीं हटाया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

फाइल फोटो
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Published : Oct 16, 2019, 6:12 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 हजार होमगार्डों को हटाने का फैसला लिया है. सरकार की दलील है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित नये भत्तों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है.

फिलहाल मीडिया में खबरें आने के बाद विपक्ष हमलावर हुआ तो सरकार ने यू-टर्न लेते हुए स्पष्ट किया कि वह समस्या के निदान का रास्ता तलाशने का प्रयास कर रही है और सुनिश्चित करेगी कि हर घर में दीपावली मनायी जाए.

आपको बता दें कि इस फैसले के कुछ घंटों बाद होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि किसी को नहीं हटाया जाएगा.

होमगार्ड का दैनिक भत्ता अब बढ़कर 672 रुपये हो गया है, जो शीर्ष अदालत के जुलाई के आदेश से पहले पांच सौ रुपये था.

सरकार ने कहा कि इससे राजकोष पर हर महीने 10 से 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता. ऐसे में तय किया गया कि होमागार्ड की तैनाती थानों और यातायात सिग्नलों पर न की जाये. होमगार्ड स्थायी कर्मचारी नहीं होते. उनकी भर्ती अस्थायी आधार पर की जाती है.

पढ़ें - यूपी: योगी ने बदला 40 साल पुराना कानून, मुख्यमंत्री-मंत्री खुद भरेंगे इनकम टैक्स

अपर महानिदेशक बी.पी. जोगदंड की ओर से जारी आदेश के अनुसार 25 हजार होमगार्डों की तैनाती नहीं करने का फैसला इस साल 28 अगस्त को किया गया था . यह फैसला उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया था .

होमगार्डों की तैनाती तीन अप्रैल के सरकारी आदेश के जरिये की गयी थी. होमगार्डों का कोई सुनिश्चित मासिक वेतन नहीं होता. उन्हें ड्यूटी के दिनों के आधार पर भुगतान किया जाता है. अब तक उनसे 25 दिन कार्य करने की उम्मीद की जाती थी, लेकिन सरकार ने उसे घटाकर 15 दिन कर दिया था.

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस विभाग पर पड़ रहे अतिरिक्त वित्तीय बोझ के कारण उक्त कदम उठाया गया.

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस विभाग को हर महीने 10 से 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता. तैनाती नहीं देने का फैसला अस्थायी है और आवश्यकता पड़ने पर होमगार्डों को ड्यूटी के लिए बुलाया जाएगा.

प्रदेश के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी ने अयोध्या में संवाददाताओं के सवाल पर कहा, 'दीवाली सबके घर होगी. इस पर हम विचार कर रहे हैं कि कैसे इस समस्या का समाधान हो.'

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 हजार होमगार्डों को हटाने का फैसला लिया है. सरकार की दलील है कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित नये भत्तों का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है.

फिलहाल मीडिया में खबरें आने के बाद विपक्ष हमलावर हुआ तो सरकार ने यू-टर्न लेते हुए स्पष्ट किया कि वह समस्या के निदान का रास्ता तलाशने का प्रयास कर रही है और सुनिश्चित करेगी कि हर घर में दीपावली मनायी जाए.

आपको बता दें कि इस फैसले के कुछ घंटों बाद होमगार्ड मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि किसी को नहीं हटाया जाएगा.

होमगार्ड का दैनिक भत्ता अब बढ़कर 672 रुपये हो गया है, जो शीर्ष अदालत के जुलाई के आदेश से पहले पांच सौ रुपये था.

सरकार ने कहा कि इससे राजकोष पर हर महीने 10 से 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता. ऐसे में तय किया गया कि होमागार्ड की तैनाती थानों और यातायात सिग्नलों पर न की जाये. होमगार्ड स्थायी कर्मचारी नहीं होते. उनकी भर्ती अस्थायी आधार पर की जाती है.

पढ़ें - यूपी: योगी ने बदला 40 साल पुराना कानून, मुख्यमंत्री-मंत्री खुद भरेंगे इनकम टैक्स

अपर महानिदेशक बी.पी. जोगदंड की ओर से जारी आदेश के अनुसार 25 हजार होमगार्डों की तैनाती नहीं करने का फैसला इस साल 28 अगस्त को किया गया था . यह फैसला उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया था .

होमगार्डों की तैनाती तीन अप्रैल के सरकारी आदेश के जरिये की गयी थी. होमगार्डों का कोई सुनिश्चित मासिक वेतन नहीं होता. उन्हें ड्यूटी के दिनों के आधार पर भुगतान किया जाता है. अब तक उनसे 25 दिन कार्य करने की उम्मीद की जाती थी, लेकिन सरकार ने उसे घटाकर 15 दिन कर दिया था.

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस विभाग पर पड़ रहे अतिरिक्त वित्तीय बोझ के कारण उक्त कदम उठाया गया.

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस विभाग को हर महीने 10 से 12 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ता. तैनाती नहीं देने का फैसला अस्थायी है और आवश्यकता पड़ने पर होमगार्डों को ड्यूटी के लिए बुलाया जाएगा.

प्रदेश के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी ने अयोध्या में संवाददाताओं के सवाल पर कहा, 'दीवाली सबके घर होगी. इस पर हम विचार कर रहे हैं कि कैसे इस समस्या का समाधान हो.'

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UP-2NDLD HOME GUARDS
UP govt says doing away with 25,000 home guards, later minister says no one will be removed
(Eds: Adding quote of minister)
          Lucknow, Oct 15 (PTI) The Uttar Pradesh government on Tuesday announced that it was doing away with 25,000 home guards as the state could not afford the new allowances the Supreme Court has asked it to pay, only to reverse it hours later, saying no one would be removed.
          Officials said a large number of home guards were taken on in April. The Supreme Court in July, however, meant a hike in the cost of deploying them.
          The daily allowance for the home guards is now Rs 672, up from the Rs 500 before the court order.
          The government said this would have cost the state an extra expenditure of Rs 10 to Rs 12 crore every month. It, therefore, decided not to deploy home guards meant for security at police stations and traffic signals.
          According to an order was issued by Additional Director General (ADG) BP Jogdand, "The decision not to deploy 25,000 home guards was taken on August 28 this year in a meeting chaired by the Uttar Pradesh chief secretary."
          Uttar Pradesh Director General of Police OP Singh said this step has been taken due to the extra financial burden on the police department following the court order and it is a temporary one.
          "After the Supreme Court order, the police department would have had to bear the extra burden of Rs 10 to Rs 12 crore per month. This decision of not giving postings is a temporary one, and if and when required they will be called for duty," the DGP said.
          Later, the government said no one would be removed.
          When asked Home Guard Minister Chetan Chauhan told PTI, "No home guard will be removed. I have talked to officers of the police department and asked them not to remove anyone. They might reduce their working days."
          The home guards are not permanent employees and are recruited on a casual basis. They do not have any fixed monthly salary and are paid based on the number of days of duty.
          Till now they have been expected to work for 25 days but the government decreased it to 15 days.
          Earlier when asked about the matter, UP Chief Secretary RK Tiwari told reporters in Ayodhya, "Diwali will be celebrated in every household. We are mulling on how this problem can be resolved." PTI SAB ABN SMI

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