नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने सभी राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ बैठक की. इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम और राज्य भंडारण निगमों के अधिकारी भी थे.
बैठक में अनाज के भंडारण, खाद्य सुरक्षा कानून के सुचारू संचालन, एंड टू एंड कम्प्यूटराइजेशन, वितरण में पारदर्शिता, भारतीय खाद्य निगम और राज्य स्तर पर मौजूद डपुओ में डिपो ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ने पर बातचीत हुई.
इस संबंध में रामविलास पासवान ने कहा, कि देश में लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को 612 लाख टन अनाज का सालाना वितरण किया जाता है. भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारण निगम और निजी गोदामों में अनाज का भंडारण किया जाता है.
उन्होंने कहा, अनाज के समय से खरीद, उचित भंडारण तथा समय में वितरण करने के लिए आईटी का उपयोग किया जाना चाहिए. भारतीय खाद्य निगम ने अपने सभी गोदामों और केंद्रीय भंडारण निगम ने अपने 144 डिपुओ में डिपो ऑनलाइन सिस्टम लागू कर दिया है, एफसीआई द्वारा अनाज की खरीद में भी ऑनलाइन कर दिया गया है.
पासवान ने आगे कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि अधिकांश राज्यों ने खरीद भंडारण और वितरण व्यवस्था को किसी ना किसी रूप में ऑनलाइन कर दिया है. जरूरत है कि एफसीआई और राज्यों के बीच ऑनलाइन सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके इसके लिए इनको इंटीग्रेट किया जाए जिससे हमको यह जानकारी मिल सके कि किस मंडी से कितना अनाज खरीदा गया फिर उसे किस गोदाम में कितने दिन रखा गया और वितरण के लिए कब दिया गया, खरीद के समय अनाज की गुणवत्ता कैसी थी और गोदाम में अनाज के रखरखाव की व्यवस्था कैसी हो इसकी निगरानी भी की जा सकती है.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज की बैठक में निर्णय लिया गया है कि भारतीय खाद्य निगम अपने डिपो ऑनलाइन सिस्टम को राज्यों से जोड़ने के लिए इंटरनेट गेटवे बनाएं, भारतीय खाद निगम को यह एक्सेस देने के लिए 4 महीना का समय दिया गया है. इसके बाद दो महीने के समय में सभी राज्य अपने वेयरहाउस मैनेजमेंट सिस्टम को भारतीय खाद्य निगम के डिपो ऑनलाइन से जोड़ देंगे.
पासवान ने कहा, इस तरह राज्य स्तर पर अनाज का भंडारण, भारतीय खाद्य निगम और राज्यों के सभी गोदामों में किस स्थिति में कितना है यह एक ही स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाएगा.
आपको बता दें कि, रामविलास पासवान ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को 4 माह के बाद भारतीय खाद्य निगम को दिए गए कार्य की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. 'एक राष्ट्र- एक कार्ड' का एक बड़ा निर्णय भी लिया गया है जिससे उपभोक्ता अपने अधिकार का राशन देश में किसी भी दुकान से प्राप्त कर सकता है इससे फर्जी धोखे से एक से अधिक राशन कार्ड के आधार पर होने वाली धोखाधड़ी पर भी रोक लगेगी.
आंध्र प्रदेश, गुजरात हरियाणा, झारखंड सहित अन्य राज्यों में यह कार्यक्रम जिसे इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के नाम से जाना जाता है सफलता से चल रहा है, आज की बैठक में अन्य राज्यों ने भी जल्द से जल्द इस योजना को अपने राज्य में लागू करने का आश्वासन दिया है.