भोपाल/देहरादून : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर पूर्व नदी विकास व गंगा कायाकल्प मंत्री उमा भारती ने चिंता जताई. उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है कि वे इस घटना से बहुत दुखी हैं. यह हादसा हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता और चेतावनी दोनों है. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर बिजली परियोजनाएं लगाने के खिलाफ थीं.
उमा भारती ने चमोली घटना पर एक के बाद एक छह ट्वीट किए. उमा भारती ने अपने ट्वीट में गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट बनने पर खासी नाराजगी जताई है. उमा ने पहला ट्वीट किया 'जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गाव ज़िला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है. मै गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं की मां सबकी रक्षा करे और प्राणिमात्र की रक्षा करें.
चमोली त्रासदी, चिंता और चेतावनी दोनों
वहीं उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा 'कल मैं उत्तरकाशी में थी, आज हरिद्वार पहुंची हूं. हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है, यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है. यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनों का विषय है.
तीसरे ट्वीट में पावर प्रोजेक्ट पर नाराजगी जताते हुए उमा ने लिखा 'इस सम्बन्ध में मैंने जब मैं मंत्री थी तब अपने मंत्रालय के तरफ़ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो ऐफ़िडेविट दिया था. उसमें यही आग्रह किया था की हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है इसलिये गंगा व उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए. इससे उत्तराखंड की जो 12 % की क्षति होती है, वह नैशनल ग्रीड से पूरी कर देनी चाहिये.
इसके बाद पांचव में ट्वीट में उमा ने लिखा कि 'मै इस दुर्घटना से बहुत दुखी हूं. उत्तराखंड देवभूमि है. वहां के लोग बहुत कठिनाई से जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते हैं. मैं उन सबकी रक्षा के लिये भगवान से प्रार्थना करती हूं.
लोगों से की सेवा की अपील
वहीं छठवें और आखिरी ट्वीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपील की. उन्होंने लिखा कि 'जिला चमोली,रुद्रप्रयाग ,पौड़ी सभी जिलो में रहने वाले अपने आत्मीय जनों से अपील करती हूं की इस आपदा से प्रभावित लोगों के रक्षा व सेवा कार्यों में लग जाइए.