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उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री होंगे

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Published : Nov 28, 2019, 5:05 PM IST

महाराष्ट्र में एक माह से चल रही राजनीतिक उठापटक के बाद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेंगे. गौरतलब है कि शिवसेना के भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद अब शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) एक साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगी.

uddhav thackeray to take oath as 18th cm of maharashta
फाइल फोटो

मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार की शाम महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं.

इसी कड़ी में 'महा विकास अघाड़ी' का न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी जारी किया गया.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे (59) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिले.

चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद ठाकरे ने सहयोगी दल भाजपा को मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे की याद दिलाई. लेकिन भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इससे इनकार कर दिया कि ऐसा कोई वादा भी किया गया था.

इससे नाराज ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ वार्ता रोक दी और कहा कि वह झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते.

भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं. इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) हैं.

राकांपा प्रमुख शरद पवार नये गठजोड़ के वास्तुकार के तौर पर देखे गये, जो खुद चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नयी सरकार के गठन के लिये कांग्रेस सरकार गिरा दी थी.

हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया.

पढ़ें-महाराष्ट्र : 'महा विकास अघाड़ी' का साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी

पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे.

उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किये गये. उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहें.

वहीं, कांग्रेस के (दिवंगत) नेता वसंतदादा पाटिल चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहें. इसमें उनका सात मार्च से 17 जुलाई 1978 तक का कार्यकाल भी शामिल है, उनकी यह सरकार पवार ने गिरा दी थी.

वर्ष 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण बने थे. वह करीब ढाई साल इस पद पर रहे, जिसके बाद उन्हें चीन के साथ युद्ध के बाद रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया.

महाराष्ट्र के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री ए आर अंतुले (नौ जून 1980 से 12 जनवरी 1982) रहे. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा था.

मनोहर जोशी 14 मार्च 1995 से 30 जनवरी 1999 तक मुख्यमंत्री रहे थे. वहीं, नारायण राणे एक फरवरी 1999 को मुख्यमंत्री बने जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जोशी की जगह उन्हें बागडोर सौंपने का फैसला किया. राणे 17 अक्टूबर 1999 तक इस पद पर रहे, जब शिवसेना-भाजपा ने समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया. देवेंद्र फडणवीस राज्य में भाजपा के प्रथम मुख्यमंत्री थे. उनके नाम दो रिकार्ड हैं.

वह वसंतराव नाइक के बाद महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. हालांकि, अपनी दूसरी पारी में मात्र चार दिन ही मुख्यमंत्री रहें. उन्होंने 23 नवंबर को शपथ ग्रहण किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिये जाने के बाद 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया.

कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, (दिवंगत)विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

कार्यकाल की संख्या के मामले में ठाकरे राज्य के 18 वें मुख्यमंत्री होंगे.

मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार की शाम महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे. वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं.

इसी कड़ी में 'महा विकास अघाड़ी' का न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी जारी किया गया.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे (59) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिले.

चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद ठाकरे ने सहयोगी दल भाजपा को मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे की याद दिलाई. लेकिन भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इससे इनकार कर दिया कि ऐसा कोई वादा भी किया गया था.

इससे नाराज ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ वार्ता रोक दी और कहा कि वह झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते.

भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं. इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) हैं.

राकांपा प्रमुख शरद पवार नये गठजोड़ के वास्तुकार के तौर पर देखे गये, जो खुद चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नयी सरकार के गठन के लिये कांग्रेस सरकार गिरा दी थी.

हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया.

पढ़ें-महाराष्ट्र : 'महा विकास अघाड़ी' का साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी

पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे.

उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किये गये. उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहें.

वहीं, कांग्रेस के (दिवंगत) नेता वसंतदादा पाटिल चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहें. इसमें उनका सात मार्च से 17 जुलाई 1978 तक का कार्यकाल भी शामिल है, उनकी यह सरकार पवार ने गिरा दी थी.

वर्ष 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण बने थे. वह करीब ढाई साल इस पद पर रहे, जिसके बाद उन्हें चीन के साथ युद्ध के बाद रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया.

महाराष्ट्र के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री ए आर अंतुले (नौ जून 1980 से 12 जनवरी 1982) रहे. उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा था.

मनोहर जोशी 14 मार्च 1995 से 30 जनवरी 1999 तक मुख्यमंत्री रहे थे. वहीं, नारायण राणे एक फरवरी 1999 को मुख्यमंत्री बने जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जोशी की जगह उन्हें बागडोर सौंपने का फैसला किया. राणे 17 अक्टूबर 1999 तक इस पद पर रहे, जब शिवसेना-भाजपा ने समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया. देवेंद्र फडणवीस राज्य में भाजपा के प्रथम मुख्यमंत्री थे. उनके नाम दो रिकार्ड हैं.

वह वसंतराव नाइक के बाद महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया. हालांकि, अपनी दूसरी पारी में मात्र चार दिन ही मुख्यमंत्री रहें. उन्होंने 23 नवंबर को शपथ ग्रहण किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिये जाने के बाद 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया.

कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, (दिवंगत)विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

कार्यकाल की संख्या के मामले में ठाकरे राज्य के 18 वें मुख्यमंत्री होंगे.

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उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री होंगे

मुंबई, 27 नवंबर (भाषा) शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। वह मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं।



महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित होने के एक महीने बाद ठाकरे (59) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।



चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में नये राजनीतिक समीकरण देखने को मिले।



चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद ठाकरे ने सहयोगी दल भाजपा को मुख्यमंत्री पद साझा करने के अपने वादे की याद दिलाई। लेकिन भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इससे इनकार कर दिया कि ऐसा कोई वादा भी किया गया था।



इससे नाराज ठाकरे ने सरकार गठन को लेकर भाजपा के साथ वार्ता रोक दी और कहा कि वह झूठा कहा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकते।



भगवा पार्टियों के बीच गठबंधन के टूटने के साथ एक नया गठजोड़ देखने को मिला, जिसमें दो विभिन्न विचारधारा वाली पार्टियां एक साथ आईं। इसमें एक ओर जहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलने वाली शिवसेना है, तो वहीं दूसरी ओर इससे बिल्कुल अलग विचारधारा रखने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) हैं।



राकांपा प्रमुख शरद पवार नये गठजोड़ के वास्तुकार के तौर पर देखे गये,जो खुद चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।



शरद पवार 18 जुलाई 1978 को पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्होंने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा गठबंधन के तहत नयी सरकार के गठन के लिये कांग्रेस सरकार गिरा दी थी।



हालांकि, यह गठबंधन सरकार 17 फरवरी 1980 तक सत्ता में रही, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भंग कर दिया।



पवार कांग्रेस में लौटने के बाद एक बार फिर 25 जून 1988 से तीन मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री रहे।



उनका तीसरा कार्यकाल चार मार्च 1990 से तीन 25 जून 1991 तक रहा, जब वह रक्षा मंत्री के तौर पर नरसिंह राव कैबिनेट में शामिल किये गये। उन्हें मुंबई दंगों के बाद फिर से महाराष्ट्र वापस भेज दिया गया और वह छह मार्च 1993 से 13 मार्च 1995 तक मुख्यमंत्री रहें।



वहीं, कांग्रेस के (दिवंगत) नेता वसंतदादा पाटिल चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रहें। इसमें उनका सात मार्च से 17 जुलाई 1978 तक का कार्यकाल भी शामिल है, उनकी यह सरकार पवार ने गिरा दी थी।



वर्ष 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण बने थे। वह करीब ढाई साल इस पद पर रहे, जिसके बाद उन्हें चीन के साथ युद्ध के बाद रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया।



राज्य के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री ए आर अंतुले (नौ जून 1980 से 12 जनवरी 1982) रहे। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर इस्तीफा देना पड़ा था।



मनोहर जोशी 14 मार्च 1995 से 30 जनवरी 1999 तक मुख्यमंत्री रहे थे। वहीं, नारायण राणे एक फरवरी 1999 को मुख्यमंत्री बने जब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने जोशी की जगह उन्हें बागडोर सौंपने का फैसला किया। राणे 17 अक्टूबर 1999 तक इस पद पर रहे, जब शिवसेना-भाजपा ने समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला किया।



देवेंद्र फडणवीस राज्य में भाजपा के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनके नाम दो रिकार्ड हैं।



वह वसंतराव नाइक के बाद महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। हालांकि, अपनी दूसरी पारी में मात्र चार दिन ही मुख्यमंत्री रहें। उन्होंने 23 नवंबर को शपथ ग्रहण किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दिये जाने के बाद 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया।



कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण, (दिवंगत)विलासराव देशमुख और पृथ्वीराज चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।



कार्यकाल की संख्या के मामले में ठाकरे राज्य के 28 वें मुख्यमंत्री होंगे।


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