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पाकिस्तान : रॉ के लिए जासूसी के आरोप में दो कश्मीरी युवक गिरफ्तार

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Published : Jun 13, 2020, 11:56 AM IST

Updated : Jun 13, 2020, 12:34 PM IST

पाकिस्तानी मीडिया में शुक्रवार को गिलगित के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हवाले से दावा किया गया है कि भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया गया है, जो भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के इशारे पर 'जासूसी' करते थे. वहीं, गिरफ्तार एक युवक के परिजनों ने इस पर हैरानी जताई है. पढ़ें विस्तार से...

youth arrested for spying
जासूसी के आरोप में गिरफ्तार युवक

श्रीनगर : पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, गिलगित में कथित तौर पर भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए कश्मीरी युवकों की पहचान नूर मोहम्मद वानी और फिरोज अहमद लोन के रूप में हुई है. दोनों बांदीपोरा जिले के गुरेज के रहने वाले हैं.

पाकिस्तानी मीडिया में शुक्रवार को गिलगित के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हवाले से दावा किया गया है कि गिरफ्तार किए गए दोनों युवक कश्मीर घाटी के रहने वाले हैं, जो भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के इशारे पर 'जासूसी' करते थे.

इस बीच गिरफ्तार एक युवक के परिजनों ने हैरानी जताई है. उत्तरी कश्मीर के गुरेज टाउन के रहने वाले एक युवक के परिजनों ने बताया कि उनका लड़का दो साल पहले लापता हो गया था. दो साल बाद उसके जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी से हम हैरान हैं.

फिरोज के बड़े भाई जहूर अहमद लोन ने ईटीवी भारत को बताया कि वह यह जानकर हैरान रह गए कि उनके भाई को गिलगित में गिरफ्तार कर लिया गया है. जरूह ने कहा, 'मेरा भाई नवंबर, 2018 में लापता हो गया था और हमने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. मैं तब जम्मू में था और मेरे परिवार ने मुझे बताया कि वह लापता हो गया है.'

गुरेज के अचुरा क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी फिरोज की 2018 में ग्रामीण विकास विभाग में नौकरी लगी थी जबकि उनके पिता एक किसान हैं और उनके तीन भाई और छह बहनें हैं.

जहूर ने बताया कि उनके भाई के लापता होने के बारे में एक प्राथमिकी स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज है और वह भी पुलिस अधिकारियों से मिलकर अपने लापता भाई के बारे में जानकारी ले रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने फिरोज के फोन से मिली जानकारी के आधार पर कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया. रऊफ अहमद नाम के एक व्यक्ति को आखिरी कॉल का पता चला था, जो 175 टेरिटोरियल आर्मी के लिए काम करता है. पुलिस ने जांच के दौरान रऊफ को भी बुलाया था, लेकिन उनके कबूलनामे से अब पता चलता है कि उस पर दबाव था.

जहूर ने कहा कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पिता से बात की है कि हम 175 टेरिटोरियल आर्मी के उस व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कराएंगे, जिसने मेरे भाई को एलओसी पार करने के लिए मजबूर किया.'

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में चार आतंकी ढेर

जहूर का कहना है कि वानी भी इसी इलाके से आता है, लेकिन उसका परिवार से कोई संपर्क नहीं है.

जहूर ने ये भी बताया, 'पुलिस ने जांच के दौरान एक महिला से भी पूछताछ की थी और हमें बताया गया कि महिला ने कबूल किया है कि उसने अपने पुरुष साथी के साथ मिलकर मेरे भाई की हत्या की है. इसके बाद, हमें यह भी एहसास हुआ कि यह सच हो सकता है, लेकिन अब हम टूट गए हैं.'

वहीं, सेना और पुलिस के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि वह इस मामले में तथ्यों का पता लगा रहे हैं. आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा, 'मुझे इन गिरफ्तारियों और दावों के संबंध में अभी कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है. मैं तथ्यों को सत्यापित करने के बाद जानकारी साझा करूंगा.'

श्रीनगर : पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, गिलगित में कथित तौर पर भारत के लिए जासूसी करने के आरोप में दो कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए कश्मीरी युवकों की पहचान नूर मोहम्मद वानी और फिरोज अहमद लोन के रूप में हुई है. दोनों बांदीपोरा जिले के गुरेज के रहने वाले हैं.

पाकिस्तानी मीडिया में शुक्रवार को गिलगित के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हवाले से दावा किया गया है कि गिरफ्तार किए गए दोनों युवक कश्मीर घाटी के रहने वाले हैं, जो भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के इशारे पर 'जासूसी' करते थे.

इस बीच गिरफ्तार एक युवक के परिजनों ने हैरानी जताई है. उत्तरी कश्मीर के गुरेज टाउन के रहने वाले एक युवक के परिजनों ने बताया कि उनका लड़का दो साल पहले लापता हो गया था. दो साल बाद उसके जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी से हम हैरान हैं.

फिरोज के बड़े भाई जहूर अहमद लोन ने ईटीवी भारत को बताया कि वह यह जानकर हैरान रह गए कि उनके भाई को गिलगित में गिरफ्तार कर लिया गया है. जरूह ने कहा, 'मेरा भाई नवंबर, 2018 में लापता हो गया था और हमने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. मैं तब जम्मू में था और मेरे परिवार ने मुझे बताया कि वह लापता हो गया है.'

गुरेज के अचुरा क्षेत्र के शाहपुर गांव निवासी फिरोज की 2018 में ग्रामीण विकास विभाग में नौकरी लगी थी जबकि उनके पिता एक किसान हैं और उनके तीन भाई और छह बहनें हैं.

जहूर ने बताया कि उनके भाई के लापता होने के बारे में एक प्राथमिकी स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज है और वह भी पुलिस अधिकारियों से मिलकर अपने लापता भाई के बारे में जानकारी ले रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने फिरोज के फोन से मिली जानकारी के आधार पर कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया. रऊफ अहमद नाम के एक व्यक्ति को आखिरी कॉल का पता चला था, जो 175 टेरिटोरियल आर्मी के लिए काम करता है. पुलिस ने जांच के दौरान रऊफ को भी बुलाया था, लेकिन उनके कबूलनामे से अब पता चलता है कि उस पर दबाव था.

जहूर ने कहा कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पिता से बात की है कि हम 175 टेरिटोरियल आर्मी के उस व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कराएंगे, जिसने मेरे भाई को एलओसी पार करने के लिए मजबूर किया.'

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में चार आतंकी ढेर

जहूर का कहना है कि वानी भी इसी इलाके से आता है, लेकिन उसका परिवार से कोई संपर्क नहीं है.

जहूर ने ये भी बताया, 'पुलिस ने जांच के दौरान एक महिला से भी पूछताछ की थी और हमें बताया गया कि महिला ने कबूल किया है कि उसने अपने पुरुष साथी के साथ मिलकर मेरे भाई की हत्या की है. इसके बाद, हमें यह भी एहसास हुआ कि यह सच हो सकता है, लेकिन अब हम टूट गए हैं.'

वहीं, सेना और पुलिस के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि वह इस मामले में तथ्यों का पता लगा रहे हैं. आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा, 'मुझे इन गिरफ्तारियों और दावों के संबंध में अभी कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है. मैं तथ्यों को सत्यापित करने के बाद जानकारी साझा करूंगा.'

Last Updated : Jun 13, 2020, 12:34 PM IST
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