नई दिल्ली : ऐसी जानकारी मिलने के बाद कि अलगाववादी समूह सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने 5 नवंबर को दिल्ली से लंदन के लिए एयर इंडिया की उड़ानों के संचालन में बाधा डालने का आह्वान किया है, दिल्ली हाई अलर्ट पर है.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 30,000 से अधिक सिखों की हत्या का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के लिए प्रतिबंधित समूह ने 5 नवंबर को सिख नरसंहार के 36वें वर्ष के मौके पर इस कदम का आह्वान किया है.
एक वीडियो संदेश में, एसएफजे के जनरल काउंसलर गुरववंत सिंह पन्नून ने कहा कि इंदिरा गांधी से लेकर मोदी के नेतृत्व वाली सरकार तक लगातार भारतीय शासन द्वारा सिख जनसंहार पर लगातार पर्दा डालने की बात को उजागर करना एक मानवीय दायित्व है और एयर इंडिया के यात्रियों से 5 नवंबर को उड़ान संख्या एआई-111 और एआई-531 का बहिष्कार करके हिंसा पीड़ितों का समर्थन करने का आग्रह किया.
अपने संदेश में, पन्नून ने 1984 के सिख जनसंहार दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों को एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
5 नवंबर को दिल्ली से लंदन के लिए उड़ान भरने के लिए एयर इंडिया की दो उड़ानें एआई-111 और एआई-531 निर्धारित हैं.
सूचना मिलने के तुरंत बाद, इंटेलिजेंस विंग ने दिल्ली पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और आईजीआई प्राधिकरण के साथ-साथ अन्य संबंधित अधिकारियों को एसएफजे की योजना को विफल करने के लिए सतर्क किया.
सूत्रों ने कहा कि सूचना के बाद अलर्ट जारी किया गया है और दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीआईएसएफ, जो आईजीआई हवाईअड्डे की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, को संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधि पर नजर रखने के लिए कहा गया है.
एसएफजे का यह आह्वान इस साल नवंबर में अपना 'रेफरेंडम-2020' अभियान आयोजित करने की घोषणा से पहले आया है.
जैसा कि समूह पहले से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के रडार पर है, इसके प्रमुख नेताओं - गुरपतवंत सिंह पन्नून और हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ कार्रवाई चल रही है. गृह मंत्रालय ने सितंबर की शुरुआत में, पन्नून और निज्जर दोनों की संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया था.
पन्नून एसएफजे का जनरल काउंसलर है जबकि निज्जर 'रेफरेंडम 2020' के लिए कनाडा कोऑर्डिनेटर है.