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असम: अधिकरण ने 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया - 'डी' वोटर्स

असम में कुल 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया गया है. इस संबंध में जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी है. जानें इस बारे में उन्होंने क्या कुछ कहा...

जी किशन रेड्डी
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Published : Jul 16, 2019, 11:34 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 7:27 AM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी कि असम में गठित ट्रिब्‍युनल्‍स ने इस साल मार्च तक कुल 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया है.

रेड्डी ने कहा कि फिल्हाल असम के विभिन्‍न जिलों में अभी 100 फॉरनर ट्रिब्‍युनल(FTs) कार्यरत हैं.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, 31 मार्च 2019 तक ट्रिब्यूनल द्वारा कुल 1,17,164 लोगों को विदेशी घोषित किया गया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2014 के एक आदेश के मुताबिक गुवाहाटी हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ इन अधिकरणों के कामकाज की नियमित रूप से निगरानी कर रही है.

पढे़ंः असम NRC : विदेशी (न्यायाधिकरण) से मौलिक अधिकारों के हनन का खतरा, SC ने केंद्र से जवाब मांगा

रेड्डी ने कहा कि 'डी' वोटर्स की मार्किंग एफटी द्वारा नहीं की जाती है और उनके द्वारा निपटाए गए मामलों की संख्या महीने-दर-महीने और ट्रिब्यूनल से ट्रिब्यूनल बदलती रहती है.

उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल विदेशियों के न्यायाधिकरण (आदेश) 1964 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्य करते हैं. रेड्डी ने कहा कि एफटी की राय से संतुष्ट नहीं होने वाला व्यक्ति उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाने का हकदार है.

नागरिकता का समायोजन एक कानूनी प्रक्रिया है और प्रत्येक व्यक्ति को नागरिकता के अपने दावे को साबित करने का पूरा मौका दिया जाता है.

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी कि असम में गठित ट्रिब्‍युनल्‍स ने इस साल मार्च तक कुल 1.17 लाख लोगों को विदेशी घोषित किया है.

रेड्डी ने कहा कि फिल्हाल असम के विभिन्‍न जिलों में अभी 100 फॉरनर ट्रिब्‍युनल(FTs) कार्यरत हैं.

कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, 31 मार्च 2019 तक ट्रिब्यूनल द्वारा कुल 1,17,164 लोगों को विदेशी घोषित किया गया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2014 के एक आदेश के मुताबिक गुवाहाटी हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ इन अधिकरणों के कामकाज की नियमित रूप से निगरानी कर रही है.

पढे़ंः असम NRC : विदेशी (न्यायाधिकरण) से मौलिक अधिकारों के हनन का खतरा, SC ने केंद्र से जवाब मांगा

रेड्डी ने कहा कि 'डी' वोटर्स की मार्किंग एफटी द्वारा नहीं की जाती है और उनके द्वारा निपटाए गए मामलों की संख्या महीने-दर-महीने और ट्रिब्यूनल से ट्रिब्यूनल बदलती रहती है.

उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल विदेशियों के न्यायाधिकरण (आदेश) 1964 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्य करते हैं. रेड्डी ने कहा कि एफटी की राय से संतुष्ट नहीं होने वाला व्यक्ति उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाने का हकदार है.

नागरिकता का समायोजन एक कानूनी प्रक्रिया है और प्रत्येक व्यक्ति को नागरिकता के अपने दावे को साबित करने का पूरा मौका दिया जाता है.

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1.17 lakh people declared as foreigners by tribunals in Assam
         New Delhi, Jul 16 (PTI) A total of 1.17 lakh people have been declared foreigners by tribunals set up in Assam till March this year, Union Minister of State for Home G Kishan Reddy said on Tuesday.
          At present, 100 Foreigners' Tribunals (FTs) are functional in different districts in Assam, Reddy said.
          "Up to March 31, 2019, a total of 1,17,164 people have been declared foreigners by tribunals," he said in his reply to a written question of Congress MP Abdul Khaleque.
          Reddy said marking of 'D' voters is not done by the FTs and the number of cases disposed of by them varies from month to month and tribunal to tribunal.
          He said the tribunals function as per the procedure laid down in the Foreigners' Tribunals (Order) 1964.
          According to an order of the Supreme Court on December 17, 2014, a special bench of the Gauhati High Court is regularly monitoring the functioning of the FTs.
          "A person not satisfied with the opinion of FT is entitled to approach higher courts. Adjudication of citizenship is a legal process and every person is given full opportunity to prove his claim of citizenship," Reddy said. PTI ACB ACB
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Last Updated : Jul 17, 2019, 7:27 AM IST
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