नई दिल्ली: 2019 में देश भर में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जाएगी. इस मौके पर की गांधीवादी विचारक और दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि आज देश ऐसी जगह खड़ा है, जहां से उसे किधर जाना है, मालूम नहीं. लेकिन एक रास्ता है, जिस पर आज तक देश नहीं चला और वह रास्ता है गांधी का.
कुमार प्रशांत ने कहा कि गांधी का रास्ता भले ही अब तक अछूता हो, लेकिन इस रास्ते के प्रति लोगों में सहज विश्वास भी है और आकर्षण भी. वर्तमान समय में गांधी की प्रासंगिकता को लेकर कुमार प्रशांत ने कहा कि आजादी के बाद ही गांधी को अनुपयोगी मानकर किनारे कर दिया गया.
बकौल प्रशांत, गांधी की पूजा तो बहुत की गई, लेकिन हम उनके रास्ते पर नहीं चले और अब ऐसे लोग सामने हैं, जो गांधी के बताए रास्तों पर नहीं, बल्कि उल्टी दिशा में चल रहे हैं.
विनायक दामोदर सावरकर को लेकर प्रशांत ने उद्धव ठाकरे के बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सावरकर को गांधी के बराबर लाने की कोशिश हो रही है? प्रशांत ने कहा कि इतिहास में गांधी की जो जगह तय हो चुकी है, उसे आप ऊंचा-नीचा नहीं कर पाएंगे.
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कुमार प्रशांत ने आगे कहा कि आज जो लोग मुखौटा पहनकर गांधी के बारे में अच्छी बातें कर रहे हैं, वे सोचते हैं कि उनका मुखौटा ही असली है, लेकिन समाज जानता है उनका असली चेहरा क्या है.
उन्होंने कहा कि यह एक खेल चल रहा है और चिंता की बात यह है कि जब तक यह खेल खत्म होगा, तब तक यह इतना नुकसान कर जाएगा, जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी.