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झारखंड : धर्म परिवर्तन करने पर तीन परिवारों को जान से मारने की धमकी - झारखंड में धर्म परिवर्तन

चाईबासा में धर्म परिवर्तन को लेकर तीन परिवारों को गांव के ही मुंडा जाति के कुछ लोगों ने जान से मारने की धामकी दी है. धमकी से सहमा परिवार पिछले 4 दिनों से गांव छोड़ कर फरार है, मामले की शिकायत के बाद एसपी ने मामले में पूछताछ शुरू कर दी है.

धर्म परिवर्तित करने वाला परिवार
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Published : Nov 13, 2019, 11:57 PM IST

रांची : झारखंड के चाईबासा जिले में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के तीन परिवारों ने धर्म परिवर्तित कर लिया. इसके बाद ग्रामीण मुंडा जाति के लोगों ने इन तीनों परिवारों को जान से मारने की धमकी देने के साथ जमीन से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है.

धमकी से सहमे तीनों परिवार पिछले चार दिनों से गांव से भागे हुए हैं. तीनों परिवारों ने अपनी जान और माल की रक्षा के लिए चाईबासा पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगायी है.

पुलिस अधीक्षक सुरजू बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी. जिसमें तीनों परिवारों को बुलाकर पुछताछ की गयी है. बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने और उसका उपभोग करने का एलान कर दिया गया. सुरजू ने बताया कि आरोपितों ने धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज की और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी. इसके साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी.

बीते 10 नवम्बर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलायी गयी, जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवारों को पैसे का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही.

पढ़ें : 70 साल की उम्र में बने यूनिवर्सिटी टॉपर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे सम्मानित

पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन लोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नहीं दिया जा रहा है.

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा के नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण तीनों परिवार के सदस्य गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश हैं. इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते में चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण उन्हें आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है.

पढ़ें : बाल संगम: तेलंगाना और झारखंड के बाल कलाकारों के डांस ने जीता दिल

ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण वे लोग अनाज और अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना और अपने परिवार के लोगों को दो वक्त का भोजन दे पा रहे हैं.

रांची : झारखंड के चाईबासा जिले में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के तीन परिवारों ने धर्म परिवर्तित कर लिया. इसके बाद ग्रामीण मुंडा जाति के लोगों ने इन तीनों परिवारों को जान से मारने की धमकी देने के साथ जमीन से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है.

धमकी से सहमे तीनों परिवार पिछले चार दिनों से गांव से भागे हुए हैं. तीनों परिवारों ने अपनी जान और माल की रक्षा के लिए चाईबासा पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगायी है.

पुलिस अधीक्षक सुरजू बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी. जिसमें तीनों परिवारों को बुलाकर पुछताछ की गयी है. बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने और उसका उपभोग करने का एलान कर दिया गया. सुरजू ने बताया कि आरोपितों ने धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज की और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी. इसके साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी.

बीते 10 नवम्बर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलायी गयी, जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवारों को पैसे का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही.

पढ़ें : 70 साल की उम्र में बने यूनिवर्सिटी टॉपर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे सम्मानित

पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन लोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नहीं दिया जा रहा है.

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा के नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण तीनों परिवार के सदस्य गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश हैं. इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते में चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण उन्हें आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है.

पढ़ें : बाल संगम: तेलंगाना और झारखंड के बाल कलाकारों के डांस ने जीता दिल

ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण वे लोग अनाज और अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना और अपने परिवार के लोगों को दो वक्त का भोजन दे पा रहे हैं.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले में धर्म परिवर्तन को लेकर 3 परिवारों को गांव के ही मुंडा के द्वारा जान से मारने और हुक्का-पानी बंद करने का मामला सामने आया है। गोइलकेरा थाना अंतर्गत रघुनाथपुर गांव में रहने वाले तीन परिवारों ने कुछ दिनों पहले धर्म परिवर्तन किया था जिसके बाद ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवार को जान से मारने की धमकी जमीन से बेदखल एवं सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है। Body:जिस कारण गांव के तीनों परिवार महिला पुरुष एवं बच्चे अपनी जान बचाकर पिछले 4 दिनों से गांव से भागे हुए हैं।

तीनों परिवारों ने अपनी जान माल की रक्षा के लिए पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे सूरजु बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी जिसमें गांव के ही सूरजु बोयपाई सहित 3 तीनो परिवारों को बुलाई गई थी। बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनके संपत्ति पर अपना कब्जा करने और उसका उपभोग करने का ऐलान कर दिया गया।

सूरजु ने बताया कि धर्म परिवर्तन किए लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज किया और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी। साथ ही गांव नही छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दिया।

10 नवंबर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई । जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनो परिवारों को पैसा का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म मे लौटने पर सभी प्रतिबंधो से मुक्त करने की बात कही। अभी हमलोगों को जान से मारने की धमकी , जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर एवं अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नही दिया जा रहा है।

इसके अलावा ग्रामीण मुंडा की नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। जिस कारण हम तीनों परिवार गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश है। इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते मे चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके कारण हमलोगों को आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है।

ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नही दिया जा रहा है। जिसके कारण हम लोग अनाज एवं अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना एवं अपने परिवार के लोगों को दो वक्त की भोजन दे पा रहे हैं।
सूरजु ने बताया कि साथ ही ग्रामीण मुंडा द्वारा हमारे समुदाय के किसी भी व्यक्ति के निधन होने और उसे दफनाने भी नही देने की बात कही है।Conclusion:
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