रांची : झारखंड के चाईबासा जिले में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के तीन परिवारों ने धर्म परिवर्तित कर लिया. इसके बाद ग्रामीण मुंडा जाति के लोगों ने इन तीनों परिवारों को जान से मारने की धमकी देने के साथ जमीन से बेदखल और सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित करने का एलान कर दिया है.
धमकी से सहमे तीनों परिवार पिछले चार दिनों से गांव से भागे हुए हैं. तीनों परिवारों ने अपनी जान और माल की रक्षा के लिए चाईबासा पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर गुहार लगायी है.
पुलिस अधीक्षक सुरजू बोयपाई ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक के नेतृत्व में ग्राम सभा रखी गई थी. जिसमें तीनों परिवारों को बुलाकर पुछताछ की गयी है. बैठक में धर्म परिवर्तन करने वाले तीनों परिवारों को सामाजिक बहिष्कार करते हुए सभी मौलिक सुविधाओं से वंचित कर उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करने और उसका उपभोग करने का एलान कर दिया गया. सुरजू ने बताया कि आरोपितों ने धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के घर आकर अकारण जबरन मारपीट करते हुए गाली गलौज की और सपरिवार गांव छोड़ देने की हिदायत दी. इसके साथ ही गांव नहीं छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी.
बीते 10 नवम्बर को गांव में ही ग्रामीण मुंडा की अध्यक्षता में बैठक बुलायी गयी, जिसमें ग्रामीण मुंडा ने तीनों परिवारों को पैसे का प्रलोभन भी दिया और सरना धर्म में लौटने पर सभी प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही.
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पीड़ित परिवारों ने कहा कि उन लोगों को जान से मारने की धमकी, जमीन से बेदखल करने, घर जलाने की धमकी, राशन कार्ड से चावल न देने, जल स्रोतों से पानी न लेने सहित हमारे बच्चों और अन्य जरूरी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर और अभिप्रमाणित न करने और मालगुजारी रसीद आदि नहीं दिया जा रहा है.
इसके अलावा ग्रामीण मुंडा के नेतृत्व में गांव के सभी जलस्रोतों से पानी लेने पर भी पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है. जिस कारण तीनों परिवार के सदस्य गांव के बाहर 1 किलोमीटर दूर स्थित चुंआ से पानी विवश हैं. इसके अलावा अतिरिक्त गांव के रास्ते में चलन से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण उन्हें आने जाने के लिए बीहड़ जंगल का उपयोग करना पड़ रहा है.
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ग्रामीण मुंडा मनदत्ता नायक ने फरमान जारी किया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को सरकारी राशन दुकान से राशन लेने नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण वे लोग अनाज और अन्य सामग्री लाने के लिए गांव से दूर अन्य गैर सरकारी और व्यक्तिगत दुकानों से राशन खरीद कर अपना और अपने परिवार के लोगों को दो वक्त का भोजन दे पा रहे हैं.