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बंगाल में नवरात्र : इस वर्ष प्रणब दा नहीं करेंगे चंडीपाठ, गांव में मायूसी - no chandipath by pranab da

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हर साल दुर्गापूजा के दौरान अपने गांव किरनहर, बीरभूम के पैतृक घर में अनिवार्य रूप से यात्रा करते थे. दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति मंडप में चंडी पाठ भी करते थे. यह किरनहर में सबसे अच्छे पूजा में से एक थी, लेकिन इस साल यहां प्रणब दा नहीं होंगे. बता दें कि पिछले ही दिनों भारत रत्न प्रणब दा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

no chandipath can be heard at Kirnahar
बेहद साधारण होगी किरनहर में मुखर्जी परिवार की दुर्गा पूजा
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Published : Oct 24, 2020, 4:17 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के किरनहर (Kirnahar) से प्रणब मुखर्जी का अटूट रिश्ता रहा है. हालांकि, इस वर्ष नवरात्र के मौके पर उनका परिवार मायूस है. किरनहार की दुर्गा पूजा प्रणब मुखर्जी की पूजा के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन इस साल किरनहर के लोग दुखी हैं क्योंकि दो महीने पहले उनके प्रिय पल्टू दा (प्रणब मुखर्जी का निक नेम) का निधन हो चुका है.

इस साल साधारण तरीके से होगी पूजा

प्रणब मुखर्जी के निधन के बावजूद इस वर्ष भी पारिवारिक रीति-रिवाजों के अनुसार दुर्गा पूजा हो रही है, लेकिन शारदीय नवरात्र का यह बहुत उत्सव साधारण तरीके से मनाया जा रहा है.

बेहद साधारण होगी किरनहर में मुखर्जी परिवार की दुर्गा पूजा

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने तहा कि इस साल दुर्गा पूजा "पितृहीन मातृपूजा" के रूप में होगी. उनके अनुसार किरनहार ने अपना संरक्षक खो दिया है. परिवार के सदस्य होने के नाते प्रणब दा खुद हर साल चंडी पाठ करते थे, लेकिन इस साल से यह बंद होने वाली है.

किरनहर में सबसे अच्छे पूजा में से एक

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हर साल दुर्गापूजा के दौरान अपने गांव किरनहर, बीरभूम के पैतृक घर में अनिवार्य रूप से यात्रा करते थे. दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति मंडप में चंडी पाठ भी करते थे. यह किरनहर में सबसे अच्छे पूजा में से एक थी, लेकिन इस साल इसने अपना स्टारडम खो दिया क्योंकि कोई पोल्टू दा (प्रणब मुखर्जी का निक नेम) नहीं रहे. इस वर्ष पूजा का आयोजन किया जाएगा क्योंकि पूजा को किसी भी हालत में रोकने की रस्म नहीं है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के किरनहर (Kirnahar) से प्रणब मुखर्जी का अटूट रिश्ता रहा है. हालांकि, इस वर्ष नवरात्र के मौके पर उनका परिवार मायूस है. किरनहार की दुर्गा पूजा प्रणब मुखर्जी की पूजा के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन इस साल किरनहर के लोग दुखी हैं क्योंकि दो महीने पहले उनके प्रिय पल्टू दा (प्रणब मुखर्जी का निक नेम) का निधन हो चुका है.

इस साल साधारण तरीके से होगी पूजा

प्रणब मुखर्जी के निधन के बावजूद इस वर्ष भी पारिवारिक रीति-रिवाजों के अनुसार दुर्गा पूजा हो रही है, लेकिन शारदीय नवरात्र का यह बहुत उत्सव साधारण तरीके से मनाया जा रहा है.

बेहद साधारण होगी किरनहर में मुखर्जी परिवार की दुर्गा पूजा

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने तहा कि इस साल दुर्गा पूजा "पितृहीन मातृपूजा" के रूप में होगी. उनके अनुसार किरनहार ने अपना संरक्षक खो दिया है. परिवार के सदस्य होने के नाते प्रणब दा खुद हर साल चंडी पाठ करते थे, लेकिन इस साल से यह बंद होने वाली है.

किरनहर में सबसे अच्छे पूजा में से एक

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हर साल दुर्गापूजा के दौरान अपने गांव किरनहर, बीरभूम के पैतृक घर में अनिवार्य रूप से यात्रा करते थे. दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति मंडप में चंडी पाठ भी करते थे. यह किरनहर में सबसे अच्छे पूजा में से एक थी, लेकिन इस साल इसने अपना स्टारडम खो दिया क्योंकि कोई पोल्टू दा (प्रणब मुखर्जी का निक नेम) नहीं रहे. इस वर्ष पूजा का आयोजन किया जाएगा क्योंकि पूजा को किसी भी हालत में रोकने की रस्म नहीं है.

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