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सड़क हादसे में 35 फीसदी मौत दोपहिया सवार की, हेलमेट नहीं होना सबसे बड़ा कारण

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में सड़क हादसों को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास करती है. बीते कुछ वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं.

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Published : Feb 10, 2021, 8:29 PM IST

road accident
road accident

नई दिल्ली : दोपहिया वाहन चलाते समय अगर आप हेलमेट नहीं पहनते तो यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों में 35 फीसदी से ज्यादा मौत दोपहिया चालकों की हुई है.

सड़क हादसों से हो रही मौतों पर रिपोर्ट

इन हादसों के कई कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण दोपहिया सवार का हेलमेट नहीं पहनना होता है. ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि वह दोपहिया पर सवार होते समय हेलमेट अवश्य पहनें.

सड़क हादसों की संख्या
सड़क हादसों की संख्या

ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में सड़क हादसों को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास करती है. बीते कुछ वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. वर्ष 2020 में भी सड़क हादसों में 19 फीसदी की कमी आई है.

सड़क हादसों के कारणों को लेकर ट्रैफिक पुलिस रिसर्च करती है. इसके जरिए हादसे के कारणों का पता लगाया जाता है और उन्हें ठीक करने का प्रयास किया जाता है. इसके अलावा हादसों को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने एवं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन का काम भी किया जाता है.

हादसों में 35 फीसदी मौत दोपहिया सवारों की

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग शिकार होने वाले दोपहिया चालक हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2020 में सड़क हादसों में मरने वाले 35 फीसदी दोपहिया सवार थे. इसके कई कारण हैं जैसे तेज रफ्तार, जिग-जैग करते हुए दोपहिया चलाना, ओवर टेकिंग का प्रयास एवं हेलमेट नहीं पहनना.

पढ़ें :- तेलंगाना : भीषण सड़क हादसे में नौ मजदूरों की मौत, 11 घायल

उन्होंने बताया कि लोग कई बार दोपहिया चलाते समय या पीछे बैठकर हेलमेट नहीं लगाते. हमारे शरीर में सिर एक बेहद नाजुक अंग होता है. ऐसे में बिना हेलमेट लगाए अगर कोई दोपहिया सवार हादसे का शिकार हो जाता है तो हेड इंजरी से उसकी मौत हो सकती है.

जागरूक करने पर रहता है जोर

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि ऐसे हादसों को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता है. न केवल सड़क सुरक्षा महीने में बल्कि पूरे वर्ष लोगों को बताया जाता है कि वह दुपहिया पर हेलमेट पहनकर ही चलें. जो लोग इसका उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ लगातार एक्शन भी होता है.

उन्होंने बताया कि न केवल पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनकर दोपहिए की सवारी करना अनिवार्य है. ऐसा देखने में आता है कि कई बार हेलमेट नहीं होने की वजह से महिलाएं सड़क हादसों में जान गंवा देती हैं. इसलिए वह लोगों से अपील करेंगे कि दोपहिया पर सवार होते समय हमेशा हेलमेट पहने चाहे वह आसपास ही क्यों न जा रहे हों.

नई दिल्ली : दोपहिया वाहन चलाते समय अगर आप हेलमेट नहीं पहनते तो यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों में 35 फीसदी से ज्यादा मौत दोपहिया चालकों की हुई है.

सड़क हादसों से हो रही मौतों पर रिपोर्ट

इन हादसों के कई कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण दोपहिया सवार का हेलमेट नहीं पहनना होता है. ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि वह दोपहिया पर सवार होते समय हेलमेट अवश्य पहनें.

सड़क हादसों की संख्या
सड़क हादसों की संख्या

ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में सड़क हादसों को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास करती है. बीते कुछ वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. वर्ष 2020 में भी सड़क हादसों में 19 फीसदी की कमी आई है.

सड़क हादसों के कारणों को लेकर ट्रैफिक पुलिस रिसर्च करती है. इसके जरिए हादसे के कारणों का पता लगाया जाता है और उन्हें ठीक करने का प्रयास किया जाता है. इसके अलावा हादसों को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने एवं उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन का काम भी किया जाता है.

हादसों में 35 फीसदी मौत दोपहिया सवारों की

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि राजधानी में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग शिकार होने वाले दोपहिया चालक हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2020 में सड़क हादसों में मरने वाले 35 फीसदी दोपहिया सवार थे. इसके कई कारण हैं जैसे तेज रफ्तार, जिग-जैग करते हुए दोपहिया चलाना, ओवर टेकिंग का प्रयास एवं हेलमेट नहीं पहनना.

पढ़ें :- तेलंगाना : भीषण सड़क हादसे में नौ मजदूरों की मौत, 11 घायल

उन्होंने बताया कि लोग कई बार दोपहिया चलाते समय या पीछे बैठकर हेलमेट नहीं लगाते. हमारे शरीर में सिर एक बेहद नाजुक अंग होता है. ऐसे में बिना हेलमेट लगाए अगर कोई दोपहिया सवार हादसे का शिकार हो जाता है तो हेड इंजरी से उसकी मौत हो सकती है.

जागरूक करने पर रहता है जोर

संयुक्त आयुक्त मनीष अग्रवाल ने बताया कि ऐसे हादसों को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक किया जाता है. न केवल सड़क सुरक्षा महीने में बल्कि पूरे वर्ष लोगों को बताया जाता है कि वह दुपहिया पर हेलमेट पहनकर ही चलें. जो लोग इसका उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ लगातार एक्शन भी होता है.

उन्होंने बताया कि न केवल पुरुष बल्कि महिलाओं के लिए भी हेलमेट पहनकर दोपहिए की सवारी करना अनिवार्य है. ऐसा देखने में आता है कि कई बार हेलमेट नहीं होने की वजह से महिलाएं सड़क हादसों में जान गंवा देती हैं. इसलिए वह लोगों से अपील करेंगे कि दोपहिया पर सवार होते समय हमेशा हेलमेट पहने चाहे वह आसपास ही क्यों न जा रहे हों.

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