अयोध्या: राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राम जन्मभूमि मामला आस्था से जुड़ा है और सुप्रीम कोर्ट भी अब आस्था पर ही बात करेगा. बहुसंख्यक लोगों की जो आस्था है उसे कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता.
शिया वक्फ बोर्ड और उनसे जुड़े जो समुदाय हैं. यह मामला उनका था सुन्नी वक्फ बोर्ड जबरदस्ती टांग अड़ा कर जमीन हमारी है ऐसा कहता आया है. अब तो सुप्रीम कोर्ट में भी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मान लिया है कि वहां पूजा राम की होती है और सिर्फ जमीन उसकी है. ऐसे में आस्था के आधार पर फैसला हमारे पक्ष में ही आएगा.
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि यह फैसला नवंबर में आ जाएगा और फैसला राम मंदिर के पक्ष में आएगा. रामलला का वनवास अब खत्म हो गया है.
हमारा मंदिर पूरा तैयार है, वहां भक्तों की विजय निश्चित है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले साल ही हम सरकार की जमीन पर काम शुरू कर सकते थे, लेकिन सरकार उदारवादी है. उन्होंने कहा मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आएगा और जल्द ही आएगा.
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक तरफ जहां केंद्र सरकार को उदारवादी बताते हुए मंदिर मामले को ढील देने का आरोप लगाया. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सरकार की पैरवी करते हुए यह बात भी कही कि मैंने कभी भी सरकार से अध्यादेश लाकर मंदिर बनाने की बात नहीं कही.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर जो सुनवाई अब तक हुई हैं उनके आधार पर बात करें तो भी सुन्नी वक्फ बोर्ड यह बात खुद मान रहा है कि वह जमीन सिर्फ उसकी है, जबकि वहां पर मंदिर है और वहां पूजा-अर्चना होती रहती है. ऐसे में बहुसंख्यक समुदाय की आस्था को ध्यान में रखते हुए फैसला हमारे ही हक में आना है.
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उन्होंने कहा कि हमारा मकसद मुस्लिमों को परेशान करना नहीं है, बल्कि सिर्फ उन्हें सही और सच्चाई के रास्ते पर लाना है. मुस्लिम महिलाओं के लिए जो केंद्र सरकार ने किया वह काबिले तारीफ है.
अब मुस्लिम महिलाएं हमारे साथ हैं और शिया समुदाय पहले से ही मानता है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे. ऐसी स्थिति में एक समाज के छिट पुट कट्टर मुस्लिम समुदाय हैं जो अपनी जिद पर अड़े हुए हैं. वह भी धीरे-धीरे भगवान राम के पास आएंगे क्योंकि मोक्ष यहीं से मिलेगा.