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सुप्रीम कोर्ट का स्कूल फीस बढ़ाए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार - ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूल फीस

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूल फीस को बढ़ाए जाने की याचिका पर फैसला सुनाने से मना कर दिया. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि यह मुद्दा उच्च न्यायालय में उठाया जाना चाहिए था, क्योंकि प्रत्येक राज्य की समस्याएं अलग-अलग हैं. पढ़ें पूरी खबर...

फीस बढ़ाए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
फीस बढ़ाए जाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
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Published : Jul 10, 2020, 10:59 PM IST

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूल फीस को बढ़ाए जाने की याचिका पर फैसला सुनाने से मना कर दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मुद्दा उच्च न्यायालय में उठाया जाना चाहिए था, क्योंकि प्रत्येक राज्य की समस्याएं अलग-अलग हैं.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि यह एक गहन स्थिति है. आपने पूरे देश के लिए याचिका दायर की है. यह हमारे लिए एक समस्या है क्योंकि हमें नहीं पता कि पूरे देश के लिए निर्णय कौन लेगा. प्रत्येक राज्य की समस्याएं अलग-अलग हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि इन दिनों लगभग सभी क्षेत्रों में जैसे कि शिक्षा हो या प्रवासियों का मामला हो, अदालत के हस्तक्षेप की मांग की जाती है.

यह बताने पर कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों में फीस वृद्धि की अनुमति दी है, इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तब उस आदेश को चुनौती दी जाएगी. पूरे देश के लिए जनहित याचिका दायर करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्य न्यायधीश ने टिप्पणी की कि यदि आप सभी की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं तो यह तो काबिले तारीफ होगा.

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालयों से संपर्क करने और शीर्ष अदालत से याचिका वापस लेने को कहा.

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूल फीस को बढ़ाए जाने की याचिका पर फैसला सुनाने से मना कर दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह मुद्दा उच्च न्यायालय में उठाया जाना चाहिए था, क्योंकि प्रत्येक राज्य की समस्याएं अलग-अलग हैं.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि यह एक गहन स्थिति है. आपने पूरे देश के लिए याचिका दायर की है. यह हमारे लिए एक समस्या है क्योंकि हमें नहीं पता कि पूरे देश के लिए निर्णय कौन लेगा. प्रत्येक राज्य की समस्याएं अलग-अलग हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि इन दिनों लगभग सभी क्षेत्रों में जैसे कि शिक्षा हो या प्रवासियों का मामला हो, अदालत के हस्तक्षेप की मांग की जाती है.

यह बताने पर कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूलों में फीस वृद्धि की अनुमति दी है, इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तब उस आदेश को चुनौती दी जाएगी. पूरे देश के लिए जनहित याचिका दायर करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्य न्यायधीश ने टिप्पणी की कि यदि आप सभी की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं तो यह तो काबिले तारीफ होगा.

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालयों से संपर्क करने और शीर्ष अदालत से याचिका वापस लेने को कहा.

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