नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मेडिकल प्रवेश के होने वाली नीट (NEET) परीक्षा कोरोना महामारी में विदेश में कराना संभव नहीं है. दरअसल, दूसरे देशों में रह रहे छात्रों ने महामारी के कारण में मध्य-पूर्व एशिया के देशों में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग की थी. छात्रों का कहना है कि वे कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात के बीच भारत की यात्रा नहीं कर सकते हैं.
हालांकि, अदालत ने छात्रों ने कहा कि वे 'वंदे भारत मिशन' के जरिए भारत आ सकते हैं.
नीट परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने पहले अदालत को सूचित किया था कि वह विदेश में परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती, क्योंकि परीक्षा पेपर बुक फॉर्मेट में आयोजित की जाती है.
शपथ पत्र में बताया गया कि सभी जगहों पर कागजातों को ट्रांसपोर्ट करना भी संभव नहीं होगा. बता दें कि नीट परीक्षा 13 सितंबर को होनी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई को 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है.
फाइनल ईयर की परीक्षा मामले में सुनवाई 18 अगस्त को
सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी द्वारा फाइनल ईयर की परीक्षा आयोजित करने के मामले को 18 अगस्त के लिए टाल दिया है. दिल्ली और महाराष्ट्र ने पहले ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, जिसका यूजीसी ने विरोध किया है.
एडवोकेट एम सिंघवी और शायम दीवान ने छात्रों की ओर से दलील देते हुए कहा कि जब कोरोना के मामले मार्च में कम थे तब परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकती थी, तो अब केस लाखों में हैं ऐसे में परीक्षा कैसे आयोजित की जाएगी.
एडवोकेट दीवान ने कहा कि छात्रों ने तर्क दिया कि यूजीसी स्वास्थ्य जोखिमों, परिवहन मुद्दों और बाढ़ के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहा है. वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि जब यूजीसी स्वयं कहता है कि ये एडवाइजरी है तो, इसे स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बदला जा सकता है.
अधिवक्ता ने कहा कि कोई भी नियमित समय में परीक्षा के खिलाफ नहीं है. हम महामारी के समय परीक्षा के खिलाफ हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए टाल दिया है.
गौरतलब है कि सितंबर में होने वाली नीट 2020 परीक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह भारत के बाहर स्थित परीक्षा केंद्रों पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं कर पाएगी.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर पुष्टि की कि NEET 2020 परीक्षा की निगरानी करना संभव नहीं होगा. परीक्षण ऑफलाइन यानी पेपर बुक फॉर्मेट में आयोजित की जाती है, ऐसे में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति के तहत भारत के बाहर के केंद्रों में इसे करवाना एजेंसी के लिए मुश्किल होगा.
एक ही दिन में सिंगल शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जाएगी
परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नीट 2020 परीक्षा एक ही दिन और सभी परीक्षा केंद्रों में एक ही शिफ्ट में आयोजित की जानी है.
यह छात्रों की क्षमताओं के मूल्यांकन और मैट्रिक और पूर्ण निष्पक्षता के परीक्षण में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है. मौजूदा स्थिति के तहत विदेशी परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एनटीए के समक्ष बड़ी चुनौती है.
ऑनलाइन परीक्षा संभव नहीं
एनटीए ने भारत के बाहर के छात्रों के लिए परीक्षा ऑनलाइन आयोजित करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से भी सलाह ली है. हालांकि, एमसीआई ने कहा है कि नीट 2020 परीक्षा का आयोजन सभी उम्मीदवारों को दिए जाने वाले पेपर बुक फॉर्मेट में बहुविकल्पीय प्रश्नों के माध्यम से किया जाना है और, सभी उम्मीदवारों के लिए एकरूपता बनाना जरूरी है. इसलिए, परीक्षा को ऑनलाइन आयोजित करना संभव नहीं है.
तार्किक चुनौतियां
इसके अलावा, नेशनल टेस्ट एजेंसी ने लॉजिस्टिक चुनौतियों का भी हवाला दिया है जो विदेशी परीक्षा केंद्रों पर नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2020 परीक्षा में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में, एनटीए ने कहा कि प्रश्न पत्र और अन्य परीक्षा सामग्री एजेंसी के मुख्यालय से विभिन्न शहरों में बड़ी संख्या में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाई जानी है, जिसके लिए सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता होगी.
खाड़ी देशों में रह रहे अभिभावकों द्वारा दायर की गई याचिका
एनटीए द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा मध्य पूर्व एशियाई देशों के छात्रों और मेडिकल उम्मीदवारों के माता-पिता द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में दायर किया गया है, जो अब कोरोना महामारी के चलते मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए भारत की यात्रा करने में असमर्थ हैं.
दलील में खाड़ी देशों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने के लिए शीर्ष अदालत से परीक्षण एजेंसी को निर्देश देने की मांग की गई है. लगभग 4,000 एनईईटी (स्नातक) उम्मीदवारों के माता-पिता द्वारा दायर याचिका ने वैकल्पिक रूप से कोविड-19 महामारी के सामान्य होने तक परीक्षा स्थगित करने की मांग की है.
इससे पहले, इसी तरह की याचिका को केरल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.