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जजों पर अभद्र टिप्पणी केस में हलफनामा दाखिल हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ ट्विटर पर अभद्र टिप्पणी के मामले में राज्य चुनाव आयुक्त एन रमेश कुमार से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के प्रतिनिधित्व में एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

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Published : Jul 24, 2020, 6:23 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ ट्विटर पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में राज्य चुनाव आयुक्त एन रमेश कुमार से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के प्रतिनिधित्व में एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

रमेश कुमार ने दावा किया था कि आंध्र प्रदेश राज्य चुनाव आयुक्त मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर जजों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्त को बहाल करने का आदेश दिया था.

वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत को सूचित किया कि जजों के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक ट्वीट किए गए, जिसमें कहा गया कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को कोविड ​​रोगियों के साथ बंद कर दिया जाना चाहिए.

साल्वे ने कहा कि ऐसे मामले में भी आंध्र प्रदेश सरकार ने फैसले पर रोक लगाने की मांग कर धृष्टता की.

आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और निर्णय पर रोक लगाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली बेंच इस पर सुनवाई कर रही थी.

हालांकि, जगन सरकार ने अब अपना फैसला वापस ले लिया है.

दरअसल, आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार को हटाने के लिए उनके कार्यकाल को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया था. राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति वी कानागराज को नया राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था.

रमेश कुमार ने सरकार के इस कदम को हाईकोर्ट में चुनौत दी थी. हाईकोर्ट ने कुमार को अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए बहाल करने का आदेश दिया था.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ ट्विटर पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में राज्य चुनाव आयुक्त एन रमेश कुमार से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के प्रतिनिधित्व में एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

रमेश कुमार ने दावा किया था कि आंध्र प्रदेश राज्य चुनाव आयुक्त मामले में हाईकोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर जजों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्त को बहाल करने का आदेश दिया था.

वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत को सूचित किया कि जजों के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक ट्वीट किए गए, जिसमें कहा गया कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को कोविड ​​रोगियों के साथ बंद कर दिया जाना चाहिए.

साल्वे ने कहा कि ऐसे मामले में भी आंध्र प्रदेश सरकार ने फैसले पर रोक लगाने की मांग कर धृष्टता की.

आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और निर्णय पर रोक लगाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली बेंच इस पर सुनवाई कर रही थी.

हालांकि, जगन सरकार ने अब अपना फैसला वापस ले लिया है.

दरअसल, आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए राज्य चुनाव आयुक्त रमेश कुमार को हटाने के लिए उनके कार्यकाल को पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया था. राज्य सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति वी कानागराज को नया राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था.

रमेश कुमार ने सरकार के इस कदम को हाईकोर्ट में चुनौत दी थी. हाईकोर्ट ने कुमार को अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए बहाल करने का आदेश दिया था.

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